नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय को 2023-24 के बजट में 1,12,899.47 करोड़ रुपये आवंटित किए गए यह पिछले साल के बजट की तुलना में 8,600 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि है.
कौशल शिक्षा इस साल के कौशल विकास और शिक्षा बजट का मुख्य आकर्षण था, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को अगले तीन वर्षों के भीतर लाखों युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 4.0 शुरू करने की घोषणा की है.
वित्त मंत्री ने कहा कि युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मेक्ट्रोनिक्स और रोबोटिक्स जैसे नए युग के कौशल में ट्रेनिंग दी गई है. उन्होंने कौशल विकास को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) से भी जोड़ते हुए कहा कि इससे ‘अमृत पीढ़ी’ को उनके सपनों को साकार करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने अपने बजट भाषण के दौरान कहा, “युवाओं को सशक्त बनाने और अमृत पीढ़ी को उनके सपनों को साकार करने में मदद करने के लिए, हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार की है, कौशल पर ध्यान केंद्रित किया है, बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की सुविधा देने वाली आर्थिक नीतियों को अपनाया है और व्यापार के अवसरों का समर्थन किया है.”
पीएमकेवीवाई के विस्तार के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा, “ऑन-जॉब ट्रेनिंग, उद्योग साझेदारी और उद्योग की जरूरतों के साथ पाठ्यक्रमों के संरेखण पर जोर दिया जाएगा. यह योजना इंडस्ट्री 4.0 के लिए कोडिंग, एआई, रोबोटिक्स, मेक्ट्रोनिक्स, आईओटी, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल्स जैसे नए युग के पाठ्यक्रमों को भी कवर करेगी. युवाओं को अंतरराष्ट्रीय अवसरों के लिए कुशल बनाने के लिए विभिन्न राज्यों में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोले जाएंगे.”
इस बीच, उन्होंने टेक्नोलॉजी को बढ़ाने के लिए मौजूदा शिक्षण संस्थानों में तीन एआई केंद्र खोलने की भी घोषणा की.
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, “मेक एआई इन इंडिया एंड मेक एआई वर्क फॉर इंडिया’ के सपने को साकार करने के लिए शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए उत्कृष्टता के तीन केंद्र खोले जाएंगे. उद्योग जगत के अग्रणी खिलाड़ी कृषि, स्वास्थ्य और स्थायी शहरों के क्षेत्रों में अंतःविषय रिसर्च करने, अत्याधुनिक अनुप्रयोगों और स्केलेबल समस्या समाधान विकसित करने में भागीदार होंगे. यह एक प्रभावी एआई पारिस्थितिकी तंत्र को प्रेरित करेगा और क्षेत्र में गुणवत्ता वाले मानव संसाधनों का पोषण करेगा, ”
उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय अवसरों के लिए युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए विभिन्न राज्यों में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोले जाएंगे.
प्रीस्कूल और डेकेयर सीरीज़ केएलएवाई के सीईओ ए.के श्रीकांत ने कहा, “शिक्षा पर जीएसटी अभी भी एक महत्वपूर्ण चिंता बनी है जिसके बारे में वित्त मंत्री ने चर्चा नहीं की.”
हालांकि, उन्होंने सरकार की कौशल शिक्षा पहल पर जोर दिया.
उन्होंने कहा, “प्रारंभिक शिक्षा के प्राथमिक फोकस में से एक कौशल-आधारित शिक्षा पर भी होना चाहिए जिसे प्राथमिक विद्यालयों द्वारा अपनाया जाए. पिछले कुछ वर्षों में, भारत में कौशल-आधारित नौकरियों की ज़रूरतों में तेज़ी आई है, इसलिए सरकार द्वारा अगले तीन वर्षों में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 को लागू करने का कदम भी इस अंतर को पाटने के लिए एक शानदार कदम है.”
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उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा आवंटन
शिक्षा मंत्रालय को 2022-23 वित्तीय वर्ष के लिए 1,04,278 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, जो 2021-22 के बजट से 11,054 करोड़ रुपये अधिक है. पिछले साल का बजट मुख्य रूप से डिजिटल शिक्षा पर केंद्रित था और एक डिजिटल विश्वविद्यालय की घोषणा द्वारा चिह्नित किया गया था, जो अभी तक फंक्शनल नहीं है.
इस साल, कुल 1,12,899.47 करोड़ रुपये के आवंटन में, उच्च शिक्षा क्षेत्र को 44,094.62 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जो पिछले वर्ष के 40,828.35 करोड़ रुपये से मामूली रूप से अधिक है.
उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (एचईएफए) – जिसे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को ब्याज मुक्त ऋण देने के लिए एक एजेंसी के रूप में स्थापित किया गया था – को इस वर्ष कोई बजट आवंटित नहीं किया गया है. 2023-24 में पिछले साल के 0.01 करोड़ से घटाकर शून्य कर दिया गया है.
स्कूल शिक्षा विभाग, जिसे हमेशा उच्च शिक्षा से अधिक आवंटित किया जाता है, को 68,804.85 करोड़ रुपये का बजट मिला है, जो पिछले साल के 63,449.37 करोड़ रुपये से मामूली रूप से बढ़ा है.
नए लॉन्च किए गए पीएम-श्री स्कूल, जिन्हें विभिन्न राज्यों में उत्कृष्ट स्कूल माना जाता है, को 4,000 करोड़ रुपये का फंड मिला है.
नई एनईपी को चरणबद्ध तरीके से लागू किए जाने के साथ शिक्षा क्षेत्र के हितधारक उम्मीद कर रहे थे कि इस साल के बजट में इसके कार्यान्वयन के प्रावधान होंगे. हालांकि, बजट में बनाई गई नीति के संबंध में कोई विशेष प्रावधान नहीं हैं.
कौशल विकास बजट
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय को कुल 3,517.31 करोड़ रुपये का बजट मिला है, जो पिछले साल के 2,999 करोड़ रुपये से अधिक है. पीएमकेवीवाई योजना कौशल विकास मंत्रालय द्वारा लागू की जाएगी.
कुल 3,517.31 करोड़ रुपये में से अधिकांश – 2,278.37 करोड़ रुपये कौशल भारत कार्यक्रम के लिए आवंटित किए गए हैं. भले ही इस वर्ष के बजट में पीएमकेवीवाई 4.0 की घोषणा की गई है, लेकिन अभी तक इसके लिए कोई आवंटन नहीं किया गया है.
लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के वाइस प्रेसिडेंट अमन मित्तल ने कहा, “कौशल विकास योजना 4.0′ नाम की नई पहल न केवल भारत के युवाओं, बल्कि पूरे उद्योग को आवश्यक बुनियादी कौशल प्रदान करेगी.”
(संपादनः फाल्गुनी शर्मा)
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