नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से जुड़े कई अहम मुद्दों पर सुनवाई से दो दिन पहले बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी मंगलवार को मुंबई में लैंगिक जागरूकता कक्षाओं में शामिल होंगे. कोर्ट की सुनवाई में लोकपाल की नियुक्ति का मुद्दा भी शामिल रहेगा, जिसमें क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और केएल राहुल द्वारा पिछले महीने महिलाओं को लेकर की गई अभद्र टिप्पणियों का मामले की सुनवाई की उम्मीद है.
सूत्रों के अनुसार बीसीसीआई का संचालन करने वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) के शेष बचे दो सदस्यों – पूर्व महिला क्रिकेटर डायना एडुलजी और पूर्व नौकरशाह विनोद राय – के बीच भारी असहमति के बीच यौन उत्पीड़न की
रोकथाम पर कार्यशालाएं संचालित करने की अनुभवी मुंबई स्थित कंपनी रेनमेकर को विशेष कक्षाएं आयोजित करने के लिए चुना गया है. जौहरी पिछले साल उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली एक समिति की सिफारिशों के अनुरूप इन कक्षाओं में शामिल होंगे.
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विवाद
जौहरी अक्टूबर 2018 से ही एक बड़े विवाद के केंद्र में हैं, जब दो महिलाओं ने उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी और इस संबंध में एक तीन- सदस्यीय बाह्य समिति के समक्ष गवाही दी थी. दिप्रिंट ने ताज़ा घटनाक्रम के बारे में राय और जौहरी की राय जानने की कोशिश की, पर इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी. एडुलजी ने इस विषय पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया.
बाह्य समिति के तीन सदस्यों में से एक, महिला अधिकारों से जुड़ी वकील वीणा गौड़ा ने जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की पुष्टि तो नहीं की, पर उनके लिए लैंगिक जागरूकता कक्षाओं की सिफारिश की. उस समिति के शेष दो सदस्य, दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज राकेश शर्मा ने जौहरी को आरोप मुक्त घोषित कर दिया था. तीनों ने नवंबर 2018 में सीओए को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.
सीओए में असहमति
जौहरी का मामला साल भर पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर क्रिकेट सुधारों की देखरेख के लिए गठित चार सदस्यीय सीओए के सदस्यों एडुलजी और राय के बीच असहमति के विभिन्न मुद्दों में से एक है. सीओए के बाकी दो सदस्यों इतिहासकार रामचंद्र गुहा और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ विक्रम लिमये के इस्तीफे के कारण बीसीसीआई से जुड़े कई मामलों पर एडुलजी और राय के बीच गतिरोध की स्थिति बन गई है. इनमें विभिन्न राज्यों के क्रिकेट बोर्डों द्वारा बीसीसीआई के नए संविधान के अनुपालन का मुद्दा भी शामिल है – माना जाता है कि तमिलनाडु इसे मानने को अब भी तैयार नहीं है.
गोपाल सुब्रमण्यम के जनवरी में इस्तीफे के बाद पिछले दिनों वरिष्ठ वकील पीएस नरसिम्हा इस मामले में नए एमिकस क्यूरी (कोर्ट द्वारा नियुक्त वकील) बनाए गए हैं. जनवरी में टीवी शो ‘कॉफी विद करण’ में महिलाओं के बारे में अभद्र बातें करने पर बीसीसीआई द्वारा पांड्या और राहुल के अस्थाई निलंबन के बाद जौहरी का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया. दो सदस्यों, एडुलजी और राय, वाली सीओए को जौहरी को लेकर हो रही आलोचनाओं के संबंध में कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ा. आलोचनाएं विशेष रूप से जौहरी के लैंगिक जागरूकता कक्षाओं में शामिल नहीं होने को लेकर थीं. राय ने 25 जनवरी को घोषणा की कि ‘10 दिनों के भीतर’ जौहरी के लिए कक्षाएं आयोजित की जाएंगी.
जौहरी पर आरोप
राहुल जौहरी उत्तर प्रदेश की कल्याण सिंह सरकार में 1990 के दशक में मंत्री रहे पूर्व भाजपा नेता दिनेश जौहरी के पुत्र हैं. नौ वर्ष कांग्रेस पार्टी में रहने के बाद 2017 में भाजपा में शामिल हुईं बरखा सिंह, और शर्मा ने अपनी रिपोर्ट के सारांश में लिखा है कि उन्होंने जौहरी के खिलाफ आरोपों को ‘झूठे, बेबुनियाद और राहुल जौहरी को नुकसान पहुंचाने और उन्हें बीसीसीआई से निकलवाने के उद्देश्य से निर्मित…’ पाया. जबकि, गौड़ा ने कहा कि बर्मिंघम, ब्रिटेन – जहां कि एक शिकायतकर्ता ने यौन उत्पीड़न होने की शिकायत की थी – में जौहरी का आचरण ‘गैरपेशेवर और अनुपयुक्त’ था, जिसका बीसीसीआई की ‘प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल प्रभाव’ पड़ेगा.
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माना जाता है कि जौहरी के खिलाफ गवाही देने वाली दो महिलाओं में से एक को पूर्ण और असंपादित रिपोर्ट नहीं दी गई है, हालांकि उसने इसकी मांग की थी. माना जाता है कि एक तीसरी महिला ने भी, जो बीसीसीआई में जौहरी के साथ काम कर चुकी है, निजी तौर पर जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं, पर वह ‘शर्म और भय’ के कारण आरोपों को बाह्य जांच समिति के समक्ष नहीं ले गई. बाह्य जांच समिति के समक्ष साक्ष्य देने के लिए उपस्थिति हुए बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने अपनी गवाही – जिसकी प्रति दिप्रिंट के पास है – में इस अनाम महिला का ज़िक्र किया था.
चौधरी ने कहा कि बीसीसीआई की यह अनाम महिला इस्तीफा देना चाहती थी, पर उसका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया. इसकी बजाय, उसके पति को बीसीसीआई में बुलाया गया और जौहरी के साथ कुछ चर्चा हुई, जिसमें बताया जाता है कि जौहरी ने माफी मांगी. उक्त महिला अब भी बीसीसीआई में काम करती है, पर किसी अन्य विभाग में. दिप्रिंट ने चौधरी से संपर्क किया तो उन्होंने इस मुद्दे पर बात करने से मना कर दिया.
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