नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन सोमवार को विपक्ष का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला चर्चा का मुख्य आकर्षण रहा. चर्चा के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “विपक्ष ने पेगासस (जासूसी कांड), राफेल सौदे, प्रवर्तन निदेशालय, मनी लॉन्ड्रिंग मामलों, केंद्रीय विस्टा परियोजना, आर्थिक स्थिति आधारित आरक्षण और नोटबंदी को लेकर पीएम के खिलाफ एक नकारात्मक अभियान चलाया. ये सभी मामले कोर्ट में लड़े गए और फैसला केंद्र सरकार के पक्ष में आया. सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष के नकारात्मक कैंपेन को कुचल दिया और कानूनी प्रतिक्रियाओं के माध्यम से उन्हें बेनकाब कर दिया.
दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन प्रस्ताव पेश करने वाले कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने पीएम को “बदनाम” करने और पीएम की मंशा के बारे में जनता के बीच संदेह पैदा करने के लिए विपक्षी अभियानों के छह उदाहरणों पर यह कहते हुए प्रकाश डाला कि मोदी भारत को “विश्व गुरु” या वर्ल्ड लीडर बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
पीएम की छवि को लेकर भाजपा की चिंता कांग्रेस नेता राहुल गांधी की चल रही भारत जोड़ो यात्रा के बाद उभरी है, जिससे कई लोगों को लगता है कि विपक्षी दल को जनता से जुड़ने में मदद मिली है. भाजपा के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि हालांकि यह देखा जाना बाकी है कि यात्रा पार्टी के लिए वोट हासिल करने में मदद कर सकती है या नहीं, यह निश्चित रूप से एक सुव्यवस्थित जन संपर्क कार्यक्रम था, जिसने लोगों के दिल को छू लिया.
सीतारमण ने कहा, “प्रधानमंत्री की मंशा स्पष्ट है. (मोदी का) नेतृत्व भ्रष्ट नहीं है, (यह) नेतृत्व देश के लिए काम करता है. उनका (मोदी का) नेतृत्व प्रेरणादायक है और भाजपा के शीर्ष नेताओं ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री की नेतृत्व की सराहना की.”
सूत्रों के मुताबिक, रिजीजू के नौ-सूत्रीय प्रस्ताव में भारत के जी-20 के अध्यक्ष का पद और विधानसभा चुनावों पर भी चर्चा शामिल थी. इस साल कर्नाटक, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. सूत्रों ने कहा कि चुनावी राज्यों के मुख्यमंत्री आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति पेश कर रहे हैं.
भाजपा सांसद (सांसद) रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को मीडिया से कहा, “भाजपा प्रमुख जे.पी. नड्डा ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा कि 2023 बहुत महत्वपूर्ण है और हमें इस साल नौ राज्यों का चुनाव लड़ना और जीतना है और फिर 2024 में आम चुनाव हैं.”
सांसद ने कहा कि जहां नड्डा ने पिछले साल के गुजरात चुनावों में भाजपा की जीत को “ऐतिहासिक और अभूतपूर्व” करार दिया, वहीं हिमाचल चुनावों के बारे में भाजपा की हार और कांग्रेस की जीत पर नड्डा ने कहा, “हिमाचल के रिवाज (हर बार दूसरी पार्टी का सत्ता में आना) को बदलने का हमारा प्रयास सफल नहीं हुआ. हम केवल 1 प्रतिशत मतों के मामूली अंतर से हारे. पहले यह अंतर पांच फीसदी या इससे ज्यादा हुआ करता था.’
दिलचस्प बात यह है कि सीतारमण और प्रसाद दोनों ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष के रूप में नड्डा के कार्यकाल को लेकर रिजोल्यूशन में कुछ नहीं कहा गया था, जो इस महीने समाप्त होने वाला है और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन इस पर कोई चर्चा नहीं हुई.
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मोदी की तारीफ
2019 के लोकसभा चुनाव में 303 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने अगले साल होने वाले चुनाव में 350 सीटों का लक्ष्य रखा है. पार्टी ने उन 160 सीटों की सूची तैयार की है जहां उसे लगता है कि उसकी पकड़ कमजोर है और ऐसी सीटों पर ध्यान केंद्रित करने के कार्यक्रम के तहत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस महीने 11 राज्यों का दौरा करने वाले हैं.
पार्टी के नेताओं ने कहा, ‘जबकि हिमाचल में पार्टी की हार और कर्नाटक में इस साल के विधानसभा चुनावों के संभावित परिणाम के बारे में संदेह ने भाजपा को अपनी अभियान रणनीति को फिर से तैयार करने के लिए प्रेरित किया है, और पीएम की छवि पर ध्यान केंद्रित करना गेम प्लान का हिस्सा है, क्योंकि मोदी की छवि पार्टी की सबसे बड़ी संपत्ति है.
सीतारमण ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के कारण वैश्विक मंच पर, भारत की छवि बेहतर हुई है, चाहे वह G20 (अध्यक्ष पद) हो, या शंघाई सहयोग संगठन (अध्यक्षता) या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में थोड़े समय के लिए नेतृत्व की बात हो या कि भारत की ब्रांडिंग हो.”
उन्होंने कहा: “जी-20 घोषणापत्र में प्रधानमंत्री मोदी की वही बात गूंजती हुई दिखाई दी जो कि उन्होंने रूस से राष्ट्रपति से टेलीफोन पर वार्ता में कही थी कि यह युग युद्ध का युग नहीं है.”
बैठक में मौजूद लोगों ने दिप्रिंट को बताया कि बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए नड्डा ने भी प्रधानमंत्री की प्रशंसा की, साथ ही उन्होंने मोदी के नेतृत्व में देश द्वारा की गई आर्थिक प्रगति की भी सराहना की.
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, G-20 आयोजनों में नियोजित निवेश भाजपा द्वारा एक ब्रांड-बिल्डिंग की पहल थी, क्योंकि सितंबर के शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों के प्रमुखों के भाग लेने की उम्मीद है. एक भाजपा नेता ने कहा, “जब वैश्विक नेता हमारे नेतृत्व को स्वीकार करते हैं तो भारतीय गर्व महसूस करते हैं. यह हमारे घरेलू चुनाव अभियान में हमारी मदद करेगा.”
मोदी सरकार की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए बैठक में पार्टी ने ‘विश्व गुरु भारत’, ‘सांस्कृतिक संवाहक (वाहक या राजदूत) के रूप में भारत’, ‘सेवा व समर्पण’ और ‘संघर्ष से सिद्धि’ जैसे विषयों को चुना है.
बैठक के दौरान बताया गया कि कैसे पीएम मोदी द्वारा प्रस्ताव रखे जाने के बाद यूएन ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया, साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद यूक्रेन से भारतीय छात्रों को बचाने, भारत द्वारा कोविड टीकों की आपूर्ति और आर्थिक संकट के जूझ रहे श्रीलंका को सहायता प्रदान की.
प्रेजेंटेशन में यह भी दावा किया गया है कि भारत सरकार न केवल देश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण ला रही है, बल्कि कंबोडिया में अंकोरवाट मंदिर के जीर्णोद्धार और संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन में मंदिरों के निर्माण में केंद्र की मदद का हवाला देते हुए दुनिया में सांस्कृतिक पुनर्जागरण के प्रयास की भी बात कही.
पिछले कुछ वर्षों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति के लिए भी प्रधानमंत्री की पार्टी द्वारा प्रशंसा भी की गई है.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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