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Monday, 18 November, 2024
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पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान और PTI के अन्य नेताओं के खिलाफ EC ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट

पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करने के ईसीपी के फैसले को हाई कोर्ट के फैसले का 'अपमान' बताया. उन्होंने इसे ईसीपी के सदस्यों द्वारा एक और 'पक्षपातपूर्ण' निर्णय करार दिया.

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नई दिल्ली: पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने मंगलवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान और पार्टी के अन्य सदस्यों फवाद चौधरी और असद उमर के खिलाफ चुनावी निकाय की अवमानना करने के मामलें में गिरफ्तारी वारंट जारी किया.

डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पीटीआई नेताओं की आयोग के सामने पेश होने की छूट की मांग को खारिज कर दिया, और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया.

सदस्य निसार दुर्रानी की अध्यक्षता वाली ईसीपी की चार सदस्यीय पीठ ने आदेश पारित किया और सुनवाई 17 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया.

ईसीपी के फैसले के बाद पीटीआई नेता असद उमर ने ट्वीट किया, ‘चुनाव आयोग ने इमरान खान, मेरे और फवाद चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. वे खुद चुनाव कराने के बजाय इन्हीं कामों में लगे हैं. इस्लामाबाद में चुनाव न होने की वजह खुद अदालत ही है.’

पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करने के ईसीपी के फैसले को हाई कोर्ट के फैसले का ‘अपमान’ बताया. उन्होंने इसे ईसीपी के सदस्यों द्वारा एक और ‘पक्षपातपूर्ण’ निर्णय करार दिया.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘निर्वाचन आयोग का जमानती वारंट जारी करने का फैसला हाईकोर्ट के फैसले का अपमान है, मामले की तारीख 17 जनवरी कर दी गयी जो नियमों के खिलाफ है. यह चुनाव आयोग के सदस्यों का एक और पक्षपातपूर्ण फैसला है. वह हाईकोर्ट में अवमानना ​​का मामला दायर करेंगे.’

पिछली सुनवाई के दौरान, ईसीपी ने पीटीआई नेताओं को आयोग के सामने पेश होने का आखिरी मौका दिया और चेतावनी दी कि अगली सुनवाई में आयोग के सामने उनकी अनुपस्थिति के परिणामस्वरूप गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा सकता है.

पिछले साल, ईसीपी ने पीटीआई नेताओं को अवमानना ​​​​नोटिस जारी किया था और उन्हें व्यक्तिगत रूप से या अपने वकीलों के माध्यम से आयोग के सामने पेश होने का आदेश दिया था. हालांकि, पीटीआई नेता आयोग के सामने पेश नहीं हुए.

डॉन के अनुसार, पीटीआई नेताओं ने विभिन्न हाई कोर्ट में ईसीपी के फैसले को चुनौती दी है.

3 जनवरी को, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने ईसीपी को चुनावी निकाय की अवमानना ​​​​से संबंधित मामलों में इमरान खान, असद उमर और फवाद चौधरी के खिलाफ अपनी कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दी थी.


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