नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हिमाचल प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बृहस्पतिवार को छह उम्मीदवारों की दूसरी और अंतिम सूची जारी कर दी. पार्टी ने इससे पहले 62 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी.
भाजपा की ओर से जारी इस सूची के मुताबिक देहरा से रमेश धवाला, ज्वालामुखी से रविंद्र सिंह रवि, कुल्लू से महेश्वर सिंह, बडसर से माया शर्मा, हरोली से प्रोफेसर रामकुमार और रामपुर से कौल नेगी पार्टी के उम्मीदवार होंगे.
12 नवंबर को होने वाले हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 6 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की। pic.twitter.com/7eU2Mr0RhW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 20, 2022
इसके साथ ही भाजपा ने राज्य की सभी 68 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी.
भाजपा की दूसरी सूची में जिन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं, उनमें से अधिकांश पर पिछले चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी.
ज्वालामुखी सीट पर पिछले चुनाव में रमेश धवाला ने जीत दर्ज की थी. पार्टी ने इस बार उनकी सीट बदल दी है. उन्हें देहरा से उम्मीदवार बनाया गया है. देहरा से पिछले विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले रविंद्र सिंह रवि को इस बार भाजपा ने ज्वालामुखी से चुनाव मैदान में उतारा है.
हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जारी भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची में 19 नये चेहरे शामिल थे. पार्टी ने एक मंत्री सहित 11 विधायकों का टिकट काट दिया था जबकि दो मंत्रियों की सीटों में बदलाव किया.
पहली सूची में भाजपा ने पांच महिलाओं को टिकट दिया था जबकि दूसर सूची में एक महिला को उम्मीदवार बनाया गया है. इस प्रकार भाजपा ने कुल 68 सीटों में से छह पर महिला उम्मीदवार उतारे हैं.
हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं. मतगणना आठ दिसंबर को होगी.
राज्य विधानसभा में, भाजपा के अभी 43 जबकि कांग्रेस के 22 सदस्य हैं. सदन में दो निर्दलीय सदस्य और माकपा का एक सदस्य है.
राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है. आम आदमी पार्टी (आप) भी यहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रयासरत है.
चुनाव की अधिसूचना मंगलवार को जारी की गई. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर है.
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
यह भी पढ़ें: पिछले 50 सालों में पहले दलित अध्यक्ष के रूप में क्या खड़गे कांग्रेस के भाग्य को बदल पाएंगे