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Monday, 4 November, 2024
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‘मोदी की ग्लोबल इमेज, गुजरात का गौरव’—चुनावों से पहले UN चीफ की यात्रा को कैसे भुना सकती है भाजपा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की गुरुवार को प्रस्तावित गुजरात यात्रा राज्य में बड़े-बड़े आयोजनों का ही एक हिस्सा है. भाजपा नेताओं का कहना है कि इससे राजनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद है.

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नई दिल्ली: गुजरात में लगता है इस साल दिवाली कुछ पहले ही आ गई है. इस चुनावी राज्य—जहां भाजपा पिछले 27 सालों से सत्तासीन है और अपनी पारी में अगले पांच साल और जुड़ने की उम्मीद कर रही है—में शायद ही कोई हफ्ता ऐसा बीत रहा हो जब कोई कांफ्रेंस, कॉन्क्लेव या कोई उद्घाटन समारोह न हो रहा हो. और इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही आकर्षण का केंद्र होते हैं और उन्हें विकास, निवेश और अंतरराष्ट्रीय गौरव के अगुआ के तौर पर पेश किया जाता है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का गुजरात दौरा इसी तरह के आयोजनों की भरमार का हिस्सा है और राज्य में चुनाव पूर्व गतिविधियों में पूरी तरह फिट भी बैठता है. गुटेरेस मंगलवार को भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं. इस साल जनवरी में दूसरा कार्यकाल शुरू होने के बाद से संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की यह पहली भारत यात्रा है—और गुजरात दौरा उनके यात्रा कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

गुटेरेस 20 अक्टूबर को गुजरात के केवड़िया में प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगे और वहां पर लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट (लाइफ) कैंपेन के लिए लोगो, टैगलाइन और एक बुकलेट जारी करेंगे. पर्यावरण के अनुकूल जीवन की पहल वाला यह अभियान पीएम ने पिछले साल ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप26) के दौरान शुरू किया था. गणमान्य प्रतिनिधि केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और मेहसाणा जिले में भारत के पहले सौर ऊर्जा संचालित गांव मोढेरा का भी दौरा करेंगे.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया, ‘पार्टी को निर्देश दिया गया है कि प्रधानमंत्री के लाइफ मिशन लोगो के लॉन्च और संयुक्त राष्ट्र महासचिव के साथ मोढेरा में सौर ऊर्जा संचालित गांव के दौरे की लाइव-स्ट्रीमिंग के लिए सभी जिला केंद्रों पर व्यवस्था की जाए. (गुटेरेस की यात्रा) मोदी की एक बेहद अनूठी पहल को अंतररष्ट्रीय निकाय से मिल रही एक बड़ी सराहना का संकेत है.’

भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘सीओपी26 के दौरान लाइफ मिशन भारत की एक सिग्नेचर पहल थी, जहां प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संसाधनों के सावधानीपूर्वक उपयोग की दिशा में एक जनआंदोलन चलाने का आग्रह किया. अब संयुक्त राष्ट्र महासचिव सतत विकास के लिए पीएम का विचार लॉन्च करने आ रहे हैं. यह मोदी के नेतृत्व में भारत के बढ़ते वैश्विक कद को प्रदर्शित करेगा.’

दूसरे नेता ने कहा, ‘गुजरात के लोग मोदी को लेकर बहुत ही भावुक हैं और गुजरात में उद्यमशीलता की भावना बहुत मजबूत है. वे ऐसे वैश्विक आयोजनों के महत्व को समझते हैं.’

लेकिन यह एकमात्र हाई-प्रोफाइल इवेंट नहीं है, जो चुनावी राज्य गुजरात में एकदम छाया हुआ है.

अहमदाबाद से गांधीनगर तक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों की निरंतरता के बीच एयरलाइंस और होटलों का कारोबार बढ़ गया है, जिनमें से अधिकांश पर मोदी की छाप साफ नजर आ रही है.

भाजपा नेताओं का कहना है कि इन आयोजनों के जरिये गुजरात की एक वाइब्रेंट बिजनेस हब और इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के तौर पर मार्केटिंग, ब्रांडिंग से राजनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद है.

2017 का पिछला विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए एक वेक-अप कॉल था. खासकर पाटीदार आंदोलन की वजह से, जिसने भाजपा के जनाधार में सेंध लगाई और पार्टी 182 सीटों वाली विधानसभा में 99 सीटों पर सिमट गई, जिसे 2012 के चुनावों में 116 सीटें मिली थीं. आम आदमी पार्टी (आप) भी गुजरात में पूरी ताकत के साथ अपनी मौजूदगी बढ़ाने में जुटी है, ऐसे में सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए भाजपा मोदी की अपील पर ही सबसे ज्यादा भरोसा कर रही है.


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बेहद व्यस्त कार्यक्रम

गुजरात के लिए पिछले कुछ महीने व्यस्तता भरे रहे हैं—और यह व्यस्तता आगे बढ़ने ही वाली है.

नेशनल गेम्स का आयोजन राज्य के व्यस्तता भरे कैलेंडर में एक प्रमुख आयोजन था जो 29 सितंबर से 12 अक्टूबर तक सात शहरों में चला, 18 से 22 अक्टूबर तक गांधीनगर में ‘सबसे बड़े’ फ्लैगशिप डिफेंस एक्सपो का आयोजन चल रहा है जिसमें कथित तौर पर 50 देशों की 1,300 से ज्यादा कंपनियों हिस्सा ले रही हैं. वहीं, राजकोट में 18 से 22 अक्टूबर तक एक शहरी आवास सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. गांधीनगर ने मंगलवार को भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता की भी मेजबानी की, और बुधवार को इंडियन ओशियन-प्लस की मेजबानी कर रहा है.

जैसा अपेक्षित ही है, इन सभी अवसरों का चेहरा प्रधानमंत्री मोदी ही हैं, और उन तमाम अन्य कार्यक्रमों का भी जो गुजरात की जगमगाती छवि पेश करते हैं. बुधवार को वह गांधीनगर के डेफएक्सपो 2022 का उद्घाटन करेंगे, जिससे 1.25 लाख करोड़ रुपये का रक्षा निवेश आने की उम्मीद है. वह राजकोट के शहरी आवास सम्मेलन की भी शुरुआत करेंगे, जो अन्य बातों के अलावा विभिन्न सरकारी पहलों की सफलता भी दर्शाएगा.

पीएम पिछले कुछ समय से अपने गृह राज्य में व्यस्त हैं. उदाहरण के तौर पर पिछले हफ्ते, उन्होंने भरूच जिले के जंबुसर में राज्य के पहले बल्क ड्रग पार्क की आधारशिला रखी, साथ ही भारत के पहले सौर ऊर्जा संचालित गांव मोढेरा के आयोजन में भी हिस्सा लिया, जहां उन्होंने 3,900 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं को भी देश को समर्पित किया.

दरअसल, पिछले छह महीनों से गुजरात ऐसे कई कार्यक्रमों की मेजबानी कर रहा है जो इसके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व को बढ़ाने वाले हैं.

पिछले महीने पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन और जून में स्कूली शिक्षा मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन जैसे अवसरों ने भारत में इस राज्य की अहमियत को रेखांकित किया, वहीं अन्य ने वैश्विक क्षेत्र में उसकी मौजूदगी को दर्शाया जिसमें अप्रैल में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस की गुजरात यात्रा शामिल है. उनकी यात्रा के दौरान पीएम ने जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की आधारशिला रखी, जिसे आयुष मंत्रालय के तहत चलाया जाएगा.

फिर गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में ब्रिक्स राष्ट्रों के न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के पहले क्षेत्रीय कार्यालय की घोषणा की गई. एनडीबी ने कथित तौर पर भारत में 20 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जो करीब 7.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की हैं. एक और बड़ा मौका था वेदांत-फॉक्सकॉन का महाराष्ट्र के बजाये गुजरात में 1.5 लाख करोड़ रुपये का सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करना, जिस परियोजना के लिए पिछले सात सालों से बातचीत चल रही थी.

भाजपा नेताओं का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर—मोदी की वजह से—गुजरात की छवि निवेश और तमाम सुविधाओं वाले एक राज्य की बन गई है और यह गुजरातियों में गर्व और उपलब्धि की भावना पैदा करती है. उन्हें उम्मीद है कि यह चुनाव नतीजों में भी जाहिर होगा.

‘संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के दौरे से कद बढ़ेगा’

गुजरात में भाजपा नेताओं का मानना है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोदी का कद गुजरात में पार्टी की लगातार छठी जीत सुनिश्चित करने में मददगार होगा. मोदी खुद 2001 से 2014 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे, इसके बाद पीएम का पद संभालने के लिए उन्होंने सीएम की कुर्सी छोड़ दी थी.

गुजरात में भाजपा के उपाध्यक्षों में से एक ने दिप्रिंट को बताया, ‘2014 में जब मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने अहमदाबाद में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी की. फिर गुजरात में ही (2020 में) तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मेजबानी की. यह गुजरात का गौरव है कि पीएम दिल्ली के बाहर गुजरात में राष्ट्र प्रमुखों की मेजबानी में सक्षम थे.’

उन्होंने कहा, ‘मोदी के कारण गुजरात विकास का प्रतीक बन गया है. अब हर गुजराती को अपने राज्य पर गर्व है, चाहे वह भारत के अंदर हो या बाहर. गणमान्य व्यक्तियों की यात्रा गुजरातियों का भरोसा बढ़ाने का काम करती है.’

एक पूर्व मंत्री ने बताया कि कैसे मोदी ने सीएम के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान ‘वाइब्रेंट गुजरात’ का विचार गढ़ा था.

उन्होंने कहा, ‘इस विचार ने मोदी की छवि एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर बनाई जो कारोबार की बारीकियां समझता है और गुजरात के विकास के लिए सिंगल-विंडो मंजूरी दे रहा है. प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने गुजरात को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अन्य राज्यों से आगे पहुंचाया है.’

पूर्व मंत्री ने कहा कि ये संदेश देने का यही सही समय था कि मोदी एक ‘भूमि पुत्र’ हैं, जिन्होंने ‘गुजरात को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.’

उनका मानना है, ‘संयुक्त राष्ट्र महासचिव की यात्रा विश्व स्तर पर और गुजराती लोगों के सामने भारत के कद को और भी ज्यादा बढ़ाएगी.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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