नई दिल्ली: हाल ही में बुलंदशहर में गोवंशीय जानवरों की हत्या को लेकर हुए बवाल व भीड़ की हिंसा पर 82 पूर्व नौकरशाहों ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ‘संविधान का पालन करने में फेल होने’ का आरोप लगाते हुए इस्तीफा मांगा था. इसके जवाब में भाजपा विधायक संजय सिंह ने नौकरशाहों पर जवाबी हमला बोला है.
भाजपा विधायक का यह पत्र गुरुवार को आया, जिसमें विधायक संजय सिंह ने सवाल किया है कि रिटायर नौकरशाहों ने दो लोगों की मौत को तो नोटिस किया, लेकिन 21 गायों की मौत को नजरंदाज कर रहे हैं.
उन्होंने मामले को लेकर हस्ताक्षरकर्ता नौकरशाहों पर आरोप लगाया कि वे राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने यह भी पूछा कि क्या उनमें चुनाव लड़ने की हिम्मत है?
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पूर्व नौकरशाहों ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की थी.
नौकरशाहों के पत्र में लिखा गया है कि ‘मुख्यमंत्री का रवैया कट्टरपंथी और बहुसंख्यक सर्वोच्चता के एजेंडे वाला है. एक एजेंडा जो बाकी सब चीजों पर भारी है.’
बूचड़खाना कोई मुद्दा नहीं
संजय सिंह ने कहा, नौकरशाहों ने पत्र में संदर्भ को नजरंदाज किया है. मैंने अपने खुले पत्र में लिखा है कि भीड़ की हिंसा गौमाता की हत्या के बाद अचानक हुई.
दिप्रिंट से बात करते हुए सिंह ने कहा कि नौकरशाहों ने गौहत्या को कोई मुद्दा नहीं बनाया. हिंसा की ऐसी घटना नहीं होती अगर क्षेत्र में गाय की हत्या नहीं होती. उन लोगों ने पत्र से इस बात को कैसे गायब कर दिया?
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पत्र में सिंह ने गाय और बच्चे की तुलना करते हुए कहा है कि एक दुष्ट औलाद घर की संपत्ति बर्बाद करता है. वहीं, गाय खेत में घूमती है, यह फसल को बर्बाद कर सकती है, लेकिन किसान गाय को कुछ नहीं कहता जब तक यह जिंदा रहती है. लोगों को तो सीएम के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए, जिन्होंने गायों को सुरक्षा दी.
उन्होंने कहा, हम हिंदू हैं, ‘गाय से हमारी भावनाएं जुड़ी हैं. रिएक्शन तो आएगा.’
‘वे संविधान को नहीं जानते’
सिंह ने नौकरशाहों की सीएम की इस्तीफे की मांग को पूरी तरह खारिज किया और जवाबी हमला करते हुए कहा के वे संविधान को नहीं जानते.
इस्तीफे की मांग पर कहा कि लोकतांत्रिक ढंग से चुने गये एक सीएम के लिए यह मांग असंवैधानिक है. बात आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस ऑफिसर सुबोध कुमार सिंह की मौत पर दो स्तर की जांच पहले से ही चल रही है.
सिंह ने आरोप लगाया कि ‘वे सभी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लोग हैं और संभव है कि किसी राजनीतिक पार्टी के संपर्क में हों.’ ‘ज्यादातर नौकरशाह यूपी के बाहर के हैं, वे राज्य के बारे में क्या जानते हैं?’
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