नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को कहा कि संसद तभी चलेगी जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपनी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबंध में इस्तेमाल किए गए आपत्तिजनक शब्दों के लिए माफी मांगेंगी.
आदिवासी समाज का अपमान भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगी ।सोनिया गांधी जी के माफ़ी माँगने के बाद ही लोकसभा चलेगी,यह हम भाजपा सांसदों की मॉंग लोकसभा अध्यक्ष से है।गरीब आदिवासी का राष्ट्रपति बनना कॉंग्रेस के झूठ व वोट बैंक की राजनीति पर करारा तमाचा है,
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) July 29, 2022
चौधरी ने बुधवार को एक निजी समाचार चैनल से बातचीत के दौरान राष्ट्रपति को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहकर संबोधित किया था. इसके बाद एक नया राजनीतिक बखेड़ा खड़ा हो गया.
भाजपा नेताओं ने चौधरी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसके लिए सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग की थी.
चौधरी की टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों में भी जोरदार हंगामा हुआ और कार्यवाही बाधित हुई.
दुबे ने ट्वीट कर कहा, ‘आदिवासी समाज का अपमान भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगी. सोनिया गांधी के माफी मांगने के बाद ही लोकसभा चलेगी, यह हम भाजपा सांसदों की मांग लोकसभा अध्यक्ष से है.’
उन्होंने कहा कि एक गरीब आदिवासी का राष्ट्रपति बनना कांग्रेस के झूठ व वोट बैंक की राजनीति पर करारा तमाचा है.
झारखंड के गोड्डा से सांसद दुबे ने कहा कि वर्ष 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद की कार्रवाई चलाने पर एक राष्ट्रीय परिचर्चा की थी और उस चर्चा के अनुसार सदन चलाने की जिम्मेदारी विपक्ष की ज्यादा है और सरकार की कम है.
उन्होंने कहा, ‘अटल जी की यह सोच आज हमारी मार्गदर्शिका है. सोनिया गांधी माफी मांगें, आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान नहीं चलेगा.’
2001 में प्रधानमंत्री अटल जी ने सदन की कार्रवाई चलाने पर एक राष्ट्रीय परिचर्चा की थी।उस चर्चा के अनुसार सदन चलाने की ज़िम्मेदारी विपक्ष की ज़्यादा है,सरकार की कम है।अटल जी की यह सोच आज हमारी मार्गदर्शिका है ।सोनिया गांधी जी माफ़ी माँगो,आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान नहीं चलेगा
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) July 29, 2022
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दुबे ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि कांग्रेस ने केवल एक परिवार के ट्रस्ट के बारे में 2012 में बोलने के कारण तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह को संसद की विशेषाधिकार समिति के समक्ष पेश होने के लिए 10 नोटिस दिए थे.
उन्होंने कहा, ‘यही कांग्रेस का लोकतंत्र है तथा संसद के दुरुपयोग का इतिहास.’
(यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.)
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