सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने केंद्र सरकार द्वारा उन्हें छुट्टी पर भेजने के आदेश को दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती.
नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा. वर्मा ने याचिका में केंद्र सरकार के उन्हें छुट्टी पर भेजने के आदेश को चुनौती दी है.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने बुधवार को कहा कि आलोक वर्मा की याचिका पर 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी.
पीठ ने यह तारीख वर्मा के वकील द्वारा आलोक वर्मा के खिलाफ मध्यरात्रि को जारी किए आदेश के खिलाफ त्वरित सुनवाई की मांग किए जाने पर दी.
सीबीआई के शीर्ष अधिकारियों के बीच रिश्वत के आरोप को लेकर अनबन के बीच केंद्र सरकार ने मध्य रात्रि को की गई कार्रवाई में सीबीआई प्रमुख आलोक को छुट्टी पर भेजने का आदेश दिया था.
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वर्मा के वकील ने दलील दी कि आलोक वर्मा के कार्यकाल में दो महीने और हैं और सरकार औपचारिक रूप से वर्मा को नहीं हटा सकती है.
गौरतबल है कि सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी जंग के चलते खासी किरकिरी होने के बाद सरकार ने मंगलवार रात को तत्काल प्रभाव से आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया है और संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बना दिया गया है.
दिप्रिंट को उच्च पदस्थ सूत्रों से प्राप्त सूचना के मुताबिक, आलोक वर्मा से छुट्टी पर जाने और अगले आदेश का इंतजार करने को कहा गया है. इसके पहले सीबीआई ने राकेश अस्थाना से सभी चार्ज वापस लेते हुए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया था. वे कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच कर रहे थे.
सीबीआई ने मंगलवार को अपने डीएसपी देवेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया था. देवेंद्र को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया था, कोर्ट ने उन्हें सात दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया है.
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गुजरात कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के 1984 बैच के अधिकारी अस्थाना पर कारोबारी मोइन कुरैशी मामले में जांच का सामना कर रहे एक व्यापारी से जांच में राहत देने के लिए दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप है. इस मामले की जांच अस्थाना के नेतृत्व में गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रहा था.
वहीं डीएसपी देवेंद्र कुमार पर कुरैशी के खिलाफ आरोपों की जांच के दौरान दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने का आरोप है. सीबीआई ने अस्थाना और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मांस निर्यातक मोइन कुरैशी से घूस लेने के आरोप में रविवार को एफआईआर दर्ज की थी. इसके एक दिन बाद डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया था.
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एजेंसी ने आरोप लगाया है कि दिसंबर 2017 और अक्टूबर 2018 के बीच कम से कम पांच बार रिश्वत दी गई.
उधर, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ मौजूदा जांच के संबंध में यथास्थिति बनए रखने का आदेश दिया और सोमवार तक उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की. अब विवाद में संलिप्त दोनों पक्ष मामले की 29 अक्टूबर को अगली सुनवाई तक कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकेंगे.
गुजरात कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अस्थाना पर एक व्यापारी से दो करोड़ रुपये घूस लेने का आरोप है, जो कुरैशी मामले में जांच को ‘नुकसान’ पहुंचाने के तहत जांच के घेरे में है.
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)