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Thursday, 19 December, 2024
होमविदेशवायरल तस्वीर वाले अफगान पत्रकार ने कहा, 'और कोई विकल्प नहीं,' तालिबान ने की उसे नौकरी की पेशकश

वायरल तस्वीर वाले अफगान पत्रकार ने कहा, ‘और कोई विकल्प नहीं,’ तालिबान ने की उसे नौकरी की पेशकश

फुटपाथ पर खाना बेचने वाले पूर्व न्यूज़रीडर मोसा मोहम्मदी का एक ट्वीट वायरल होने के बाद, तालिबान के राष्ट्रीय रेडियो और टेलीविजन के महानिदेशक ने उन्हें नौकरी ऑफर की.

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नई दिल्ली: अफगानिस्तान में पत्रकारों की स्थिति दिन ब दिन खराब होती जा रही है. महिला एंकरों और न्यूज रीडरों को एक ओर जहां बुरका पहन कर समाचार पढ़ने के लिए कहा गया है वहीं अफगानिस्तान का ही एक न्यूज एंकर सड़क पर खाने की चीज बेचने को मजबूर है. न्यूज एंकर की ये फोटो पत्रकार और एक्टिविस्ट निलोफर अयूबी ने शेयर की है जिसके बाद वो वायरल हो गई है. निलोफर ने जो तस्वीर ट्वीट की है उसमें एक फोटो कोट और टाई पहने एक न्यूजरीडर नजर आ रहा है वहीं उन्होंने दो और तस्वीर शेयर की है जिसमें वो सड़क किनारे बढ़ी हुई दाढ़ी में खाने की कोई चीज बेचता नजर आ रहा है.

अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने को मजबूर मोहम्मदी ने पत्रकारिता से मुंह मोड़ लिया है. मोहम्मदी ने दिप्रिंट को बताया, ‘मेरे पास अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए जो काम मिलता कर सकता था लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा था.’

मोहम्मदी ने आगे कहा, ‘मैंने सभी मीडिया क्षेत्रों-यहां तक कि गैर सरकारी संगठनों और निजी क्षेत्र में [नौकरियों के लिए] कोशिश की, और कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. इसलिए, मेरे पास केवल एक ही विकल्प बचा था- दिहाड़ी मजदूरी.’
जिस दिन से उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं हैं, तब से वह घर पर हैं.

मोहम्मदी 2011 से पत्रकारिता में हैं, उन्होंने अरमान एफएम, रेडियो सलाम वतनदार, जहान टीवी और अयना टीवी जैसे कई अफगान मीडिया आउटलेट में समाचार वाचक के रूप में काम किया है.

आर्थिक परेशानी

मोहम्मदी ने अफगानिस्तान के सबसे बड़े इंडीपेंडेंट न्यूज चैनलों में से एक एरियाना न्यूज में अपना नया काम शुरू किया था, जब उसे आर्थिक परेशानी होने लगी. एरियाना न्यूज अफगानिस्तान के कुछ सबसे लोकप्रिय कार्यक्रमों को प्रसारित करता है, जैसे कि खोजी राजनीतिक शो हकीकत (द ट्रुथ). ये कई भारतीय धारावाहिकों का भी प्रसारण करता है.

नई नौकरी में अभी एक महीना भी नहीं बीता था कि मोहम्मदी को उसके अन्य सहयोगियों के साथ काम से हटा कर दिया गया था. समय के साथ बढ़ती महंगाई और तालिबान के सत्ता में आने के बाद स्थिति खराब होती गई. मोहम्मदी ने कहा, ‘मैं शादीशुदा हूं, और मैं घर पर 6-7 महीने से बेरोजगार था.’

इसके बाद मामला और बिगड़ गया जब उसकी मां की तबीयत खराब हो गई. उन्होंने कहा कि पहले से ही हाई बीपी और दिल की बीमारी से जूझ रहीं थीं एक दिन वह गिर गईं और उनका पैर टूट गया.

मोहम्मदी ने कहा, ‘समस्याओं और कठिनाइयां सामने आकर खड़ी हो गईं. मेरा एक भाई सरकारी कर्मचारी है वो एक क्लर्क लेकिन वह हमारे खर्चे एफोर्ड नहीं कर सकता. यहां तक की मैं भी अपने परिवार और माता-पिता के लिए भी कुछ भी करने में सक्षम नहीं था. मुझे अभी भी अपनी शादी में हुए खर्चों का कर्ज चुकाना है.’

अयूबी का मोहम्मदी पर किया गया ट्वीट वायरल हो गया. इस ट्वीट को देखते ही तालीबान के नेशनल रेडियो और टेलीविजन के डायरेक्टर जनरल अहमदुल्लाह वासिक ने ट्वीट किया वो मोहम्मदी को जॉब देंगे लेकिन काम क्या होगा उसे उजागर नहीं किया है.

जब प्रिंट ने वासिक के ट्वीट का मोहम्मदी से जिक्र किया और उस ऑफर के बारे में पूछा तो उन्होंने दिप्रिंट से कहा कि उन्होंने इंडस्ट्री छोड़ने का फैसला किया है. पत्रकारिता को छोड़कर वह कोई भी काम करने को तैयार हैं.

हालांकि, उन्होंने कहा कि वह अयूबी के सपोर्ट और ट्वीट के लिए शुक्रिया अदा करते हैं. बता दें कि 15 जून को उनका ट्वीट वायरल हो गया था.

अयूबी ने हेलिंस्की में नेशनल डायलॉग कांफ्रेंस में कहा कि हमारे पास ऐसी कई स्टोरी हैं लेकिन कुछ ही वायरल हो पाई है. उन्होंने कहा जब उन्होंने मोहम्मदी को देखा तो वह बहुत दुखी थीं और उन्होंने इस फोटो को ट्वीट किया. उन्होंने देखा कि उनकी यह फोटो फेसग्रुप और ट्विटर पर खूब शेयर हुई है.

अफगानिस्तान में पत्रकारिता की स्थिति पर वह बहुत मायूस होकर कहती हैं कि ‘इस तरह के कांफ्रेस में जानें, बात करने और अपना एक्सपीरिएंस शेयर करने का क्या फायदा है जब हम हेल्पसेल हैं और मैं चाहकर भी कितने लोगों की मदद कर सकती हूं. यह काफी नहीं है.’


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