नयी दिल्ली, 15 जून (भाषा) परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) ने बुधवार को कहा कि वह इस क्षेत्र से निर्यात और बढ़ाने के लिए अपने 140 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को ब्रिटेन, जापान और अमेरिका ले जा रही है। भारत इन देशों में कुल परिधान निर्यात का लगभग 40 प्रतिशत भेजता है।
एईपीसी ने एक बयान में कहा कि प्रतिनिधिमंडल जुलाई में तीन अंतरराष्ट्रीय मेलों – प्योर लंदन, इंडिया टेक्स ट्रेंड फेयर (आईटीटीएफ) और सोर्सिंग एट मैजिक में भाग लेगा।
परिषद के अध्यक्ष नरेन गोयनका ने कहा कि अकेले इन तीन बाजारों की कुल परिधान निर्यात बाजार में 38 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य वर्ष 2021 में 6.8 अरब डॉलर था।
उन्होंने कहा, ‘ये मेले निर्यातकों को फैशन के रुझान और आवश्यकताओं के अनुरूप डिजाइन किए गए उत्पादों पर विशेष जोर देने के साथ अपने उत्पादों एवं मूल्य वर्धित उत्पादों की आपूर्ति क्षमताओं का प्रदर्शन करने का अवसर देंगे।’
गोयनका ने कहा कि महामारी के बावजूद पिछले तीन वर्षों में ब्रिटेन के परिधान आयात में सकारात्मक वृद्धि देखी गई है।
जहां अमेरिकी फैशन कंपनियां अपने स्रोत में विविधता लाना जारी रखती हैं, वहीं 2022 में एशिया का दबदबा बना रहेगा।
वर्ष 2021 में अमेरिका को भारतीय परिधान निर्यात 4.5 अरब डॉलर का रहा, जो पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत से अधिक है।
उन्होंने कहा कि जापान के बाजार में, बुने हुए कपड़े अधिक लोकप्रिय हो रहे हैं।
गोयनका ने कहा, “भारतीय निर्यातकों के पास अपने प्रतिस्पर्धियों – चीन और वियतनाम की तुलना में बढ़त की स्थिति है। वे 300 पीस के छोटे आकार के जरूरत के अनुसार ऑर्डर से लेकर एक स्टाइल के तीन लाख पीस तक के बड़े ऑर्डर दोनों की मांग को पूरा कर सकते हैं…।’’
भाषा राजेश राजेश रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.