नई दिल्ली: केरल के कोच्चि के इंजीनियर नंदकुमार मेनन ने कहा, ‘ मुझे खुशी होगी अगर मैं युवाओं को विज्ञान विषय पढ़ने के लिए प्रेरित कर पाया.’ 80 साल के मेनन ने इस सप्ताह की शुरुआत में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास में डेटा विज्ञान में बीएससी के लिए प्रवेश परीक्षा दी है.
पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर मेनन 5 जून को परीक्षा में बैठे थे. ऑनलाइन मोड में चलने वाले इस कोर्स के लिए उम्मीदवारों को एक प्रवेश परीक्षा देनी होती है जिसमें चार पेपर होते हैं. ये एक बेहद मुश्किल प्रवेश परीक्षा है. मेनन के मुताबिक, अभी उन्होंने परीक्षा के एक हिस्से को पास किया है. जबकि दो पेपर पास करने बाकी हैं.
दिप्रिंट से बात करते हुए मेनन ने कहा कि वह खुद को चुनौती देना चाहते हैं. उन्होंने बताया, ‘मैं क्रायोजेनिक्स में विशेषज्ञता के साथ एक मैकेनिकल इंजीनियर रहा हूं और डेटा साइंस जैसे नए जमाने की स्किल के साथ खुद को अपग्रेड करना चाहता हूं.’
मेनन ने कहा कि वह युवा छात्रों की सीट पर कब्जा नहीं करना चाहते थे. इसी वजह से उन्होंने रेगुलर क्लास की जगह ऑनलाइन प्रोग्राम में जाने का मन बनाया. वह आगे कहते हैं, ‘अगर युवा मुझसे प्रेरित होकर विज्ञान और इंजीनियरिंग विषय को अपनाने के लिए आगे आएंगे तो मुझे खुशी होगी.’
IIT-मद्रास के एक प्रतिनिधि ने नाम न बताने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया कि छात्रों को कोर्स पूरा होने के बाद डिग्री प्रदान की जाती है.
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‘इंजीनियरिंग के दीवाने’
मेनन ने बताया कि उनके परिवार वाले इस उम्र में पढ़ाई करने के उनके फैसले के साथ थे. लेकिन परीक्षा केंद्र पर माहौल कुछ अलग था. यहां उन्हें लोगों की अजीबो-गरीब प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा.
उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘जब मैं परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने गया, तो गार्ड ने मुझे रोक दिया. उसे लगा कि मैं किसी छात्र के साथ हूं. मैंने उसे बताया कि मैं एक उम्मीदवार हूं, तभी उसने मुझे अंदर जाने दिया’
मेनन ने त्रिवेंद्रम के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई की थी और 1966 में सिरैक्यूज़ विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क से मास्टर्स किया. मेनन के अनुसार, वह नासा की फेलोशिप पर न्यूयॉर्क भी गए थे.
उन्होंने कहा, ‘मुझे हमेशा से इंजीनियरिंग का शौक रहा है और अभी भी एक इंजीनियर के रूप में अपनी एक पारिवारिक फर्म में सलाहकार के रूप में काम कर रहा हूं.’
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