नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) कांग्रेस ने हरियाणा से राज्यसभा चुनाव में कथित तौर पर ‘क्रॉस वोटिंग’ करने को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई को शनिवार को कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य समेत पार्टी के सभी पदों से हटा दिया।
पार्टी की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए बिश्नोई ने कहा कि 2016 और अन्य कई मौकों पर अगर पार्टी इतना त्वरित कदम उठाती, तो उसकी आज यह हालत नहीं होती।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बिश्नोई को कांग्रेस कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य समेत पार्टी की जिम्मेदारियों से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की ओर से हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष से बिश्नोई की सदस्यता खत्म करने की भी सिफारिश की जा सकती है।
कार्रवाई के बाद बिश्नोई ने ट्वीट किया, ‘‘अगर कांग्रेस 2016 और कई नाजुक मौके पर इसी तरह से त्वरित और सख्त कदम उठाती तो आज उसे इस बुरी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस में कुछ नेताओं के लिए नियम हैं और कुछ के लिए अपवाद हैं। नियमों को चुनिंदा ढंग से लागू किया जाता है। अतीत में अनुशासनहीनता को बार-बार नजरअंदाज किया गया। मेरे मामले में, मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और नैतिकता के आधार पर कदम उठाया।’’
बिश्नोई ने हरियाणा के 2016 के उस राज्यसभा चुनाव की ओर से इशारा किया, जिसमें निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा ने जीत दर्ज की थी, क्योंकि कांग्रेस के कई विधायकों ने गलत पेन से वोट किया था।
हरियाणा से राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की हार के बाद बिश्नोई ने ट्वीट किया था, ‘‘फन कुचलने का हुनर आता है मुझे, सांप के ख़ौफ़ से जंगल नहीं छोड़ा करते। सुप्रभात।’’
उन्होंने एक ट्विटर उपयोगकर्ता के उस ट्वीट को भी री-ट्वीट किया था जिसमें कहा गया है, ‘‘सही वक्त पर लिया गया फैसला ही इंसान को औरों से अलग करता है।’’
राज्यसभा चुनाव में माकन की हार के बाद हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस के ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह यादव ने भी एक ट्वीट किया जिससे यह स्पष्ट संदेश गया कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद पुत्र दीपेंद्र हुड्डा पर निशाना साधा है। मामले के तूल पकड़ने के बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनका इशारा हुड्डा परिवार की तरफ नहीं था।
यादव ने ट्वीट किया, ‘‘जब पार्टी बड़े नेताओं के बेटों को बिना संघर्ष किए हुए कांग्रेस कार्य समिति का सदस्य बना देगी, उनको राज्यसभा में भेज देगी तो वह पार्टी की विचारधारा को भूलकर केवल अपने व्यक्तिगत स्वार्थ की राजनीति करेंगे। यह बात पार्टी आलाकमान को समझनी पड़ेगी।’’
बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा, ‘‘कुछ लोग स्वार्थ पूर्ति की वजह से मेरे इस ट्वीट पर यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि यह मैंने दीपेंद्र हुड्डा के बारे में टिप्पणी की है। यह गलत है क्योंकि दीपेंद्र हुड्डा समर्पित कांग्रेस नेता हैं और तीन बार लोकसभा में चुनकर पहुंचे हैं तथा दलबदलू नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह टिप्पणी मैंने उन राजनेताओं के बेटों के बारे में लिखी है जो पार्टी के उच्च पद लेने के बाद भी पार्टी को छोड़ जाते हैं, मसलन ज्योतिरादित्य सिंधिया, कुलदीप बिश्नोई और आरपीएन सिंह आदि।’’
हरियाणा में कांग्रेस को झटका देते हुए भाजपा के कृष्ण लाल पंवार और पार्टी के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने हरियाणा से राज्यसभा की दो सीट पर जीत दर्ज की। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार देर रात दोनों की जीत की घोषणा की।
चुनाव नियमों के उल्लंघन के आरोपों को लेकर मतगणना सात घंटे से अधिक देरी से शुरू हुई और देर रात दो बजे नतीजों की घोषणा की गई।
निर्वाचन अधिकारी आरके नंदल ने बताया कि पंवार को 36 वोट मिले, जबकि शर्मा के खाते में प्रथम वरीयता के 23 मत गए और 6.6 वोट भाजपा से स्थानांतरित होकर आए, जिससे उनके मतों की कुल संख्या 29.6 हो गई।
कांटे की टक्कर वाले इस मुकाबले में माकन को 29 वोट हासिल हुए, लेकिन दूसरी वरीयता का कोई वोट न होने के कारण वह हार गए।
भाषा हक हक दिलीप
दिलीप
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