ब्रिस्टल (यूके): कोविड महामारी के दौरान, लॉकडाउन और स्कूल बंद होने से बच्चों के खेलने कूदने और अन्य शारीरिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण बदलाव आए. हालांकि कोविड प्रतिबंधों से जुड़े नियम दुनिया भर में भिन्न थे, लेकिन अधिकांश देशों ने कुछ समय के लिए कुछ स्तर के प्रतिबंधों का अनुभव किया.
अप्रत्याशित रूप से, जब सब कुछ बंद हो जाता है और जहां तक संभव हो घर पर रहने की ताकीद की जाती है, गतिविधि का स्तर नीचे चला जाता है. बच्चों के लिए, जब स्कूल बंद होते हैं, स्कूल जाने के लिए पैदन चलना या साइकिल चलाना बंद हो जाता है, शारीरिक शिक्षा की कक्षा बंद हो जाती है, खेल के मैदान तक जा नहीं सकते है और स्कूल के बाद कोई क्लब नहीं है. जहां पार्क और खेल के मैदानों तक उनकी पहुंच प्रतिबंधित है, और जब स्पोर्ट्स क्लब और सुविधाएं बंद हो जाती हैं, तो बच्चों की सक्रियता कम हो जाती है.
दुनिया भर के सबूत बताते हैं और इसमें कोई आश्चर्य की बात भी नहीं है कि बच्चे महामारी के समय घर में होने के दौरान कम व्यायाम कर रहे थे. लेकिन जब प्रतिबंध हटने लगे और स्कूल फिर से खुल गए तो क्या हुआ? हमारे नए शोध से पता चलता है कि यूके में बच्चों के बीच शारीरिक गतिविधि पूर्व-महामारी के स्तर पर वापस नहीं आई.
हमने क्या किया
अपने अध्ययन में, हमने मई और दिसंबर 2021 के बीच ब्रिस्टल क्षेत्र के 23 प्राथमिक स्कूलों के 10-11 वर्ष आयु वर्ग के 393 बच्चों और उनके माता-पिता की शारीरिक गतिविधि के स्तर को मापा. इस समय, स्कूल और कई अन्य स्थान फिर से खुल गए थे, और सामाजिक संपर्क पर लगी अधिकांश बंदिशें हटा दी गईं थी.
फिर हमने प्रतिभागियों की गतिविधि के स्तर की तुलना तीन साल पहले एकत्र किए गए 1,296 बच्चों (10-11 वर्ष आयु वर्ग के) और उनके माता-पिता के डेटा के साथ की. पहले के इस शोध की जानकारी का उपयोग करके, हम यह देखने में सक्षम थे कि महामारी से पहले की तुलना में, जब हमने अपना अध्ययन किया, तो बच्चे और माता-पिता की शारीरिक गतिविधि में अंतर था या नहीं.
दोनों बार अध्ययन के दौरान गतिविधि को मापने के लिए, प्रत्येक बच्चे ने एक एक्सेलेरोमीटर पहना, जो कूल्हे पर पहना जाने वाला एक छोटा उपकरण है जो बहुत सटीक पेडोमीटर की तरह होता है. प्रत्येक बच्चे के लिए, हमने प्रत्येक दिन मध्यम से जोरदार शारीरिक गतिविधि करने में लगने वाले औसत समय की गणना की.
यह ऐसी गतिविधि है जिससे बच्चों को थोड़ा गर्म, थोड़ा पसीना और सांस लेने में तकलीफ होती है. यूके के मुख्य चिकित्सा अधिकारी सलाह देते हैं कि सभी बच्चों और युवाओं को हर दिन इस प्रकार की गतिविधि को एक घंटा करना चाहिए.
हमने बच्चों के औसत गतिहीन समय की गणना की – बैठने या बहुत अधिक न चलने में बिताया गया समय – और प्रश्नावली के माध्यम से बच्चों और माता-पिता दोनों से स्कूल की यात्रा, स्कूल के बाद के क्लब और स्क्रीन टाइम के बारे में जानकारी एकत्र की.
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हमने पाया कि जब तक हमने अपना डेटा एकत्र किया, तब तक अधिकांश कोविड प्रतिबंध हटा दिए गए थे, बच्चे महामारी से पहले समान उम्र के बच्चों की तुलना में कम सक्रिय थे.
महामारी से पहले की तुलना में, बच्चों ने 2021 में प्रति दिन औसतन लगभग आठ मिनट कम मध्यम-से-जोरदार शारीरिक गतिविधि की – 13% की गिरावट.
हमने सप्ताह के दौरान प्रति दिन लगभग आधे घंटे और सप्ताहांत में 15 मिनट के गतिहीन समय में भी वृद्धि देखी. हालाँकि, कोविड लॉकडाउन के दौरान किए गए कुछ अध्ययनों के विपरीत, हमने लिंग या सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर अंतर नहीं देखा – शारीरिक गतिविधि में कमी आई और सभी समूहों में गतिहीन समय लगभग समान मात्रा में अधिक था.
जब हमारे पूर्व-कोविड समूह के साथ तुलना की गई तो हमने अपने अध्ययन में माता-पिता की शारीरिक गतिविधि में कोई अंतर नहीं पाया. अपने बच्चों के विपरीत, माता पिता लॉकडाउन के समय शारीरिक गतिविधि में आई गिरावट को बंदिशें हटने के बाद सामान्य स्तर पर ले आए.
कुछ चुनौतियां
महामारी के दौरान डेटा संग्रह और अनुसंधान करना मुश्किल होता है. हमारे कुछ डेटा संग्रह दूरस्थ रूप से और कुछ व्यक्तिगत रूप से किए गए थे, जबकि स्कूलों में कोविड के प्रकोप के चलते हमें कभी-कभी कम समय में डेटा संग्रह को पुनर्निर्धारित करना पड़ता था. और यह हमेशा संभव है कि हमारे द्वारा देखे गए रुझानों में कोविड महामारी के अलावा कुछ और कारण भी हो सकते हैं.
अब यह देखना महत्वपूर्ण है कि क्या यह पैटर्न जारी रहता है या समय के साथ बदलता है. यदि शारीरिक गतिविधि का निम्न स्तर बना रहता है, तो हमें यह समझने की आवश्यकता है कि इसका क्या कारण है – और बच्चों को फिर से अधिक सक्रिय होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हम क्या कर सकते हैं.
हम अपने अध्ययन के अगले चरण में इन मुद्दों का और पता लगाने की योजना बना रहे हैं, लेकिन समस्या के पैमाने को पूरी तरह से समझने के लिए हमें यूके के अन्य हिस्सों और अन्य देशों में भी व्यापक शोध की आवश्यकता है.
बच्चों के स्वास्थ्य और भलाई के लिए शारीरिक गतिविधि बहुत महत्वपूर्ण है. यह एक चिंता का विषय है कि क्या हमने माना कि महामारी के दौरान गतिविधि में अल्पकालिक कमी, वास्तव में, लंबे समय तक चलने वाली हो सकती है. अब जबकि हम कोविड महामारी से उबर रहे हैं तो परिवारों, स्कूलों और समुदायों को यह सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम करने की ज़रूरत है कि सभी बच्चों को फिर से शारीरिक रूप से सक्रिय होने के अवसर मिलें.
रूथ साल्वे सांख्यिकी / महामारी विज्ञान में वरिष्ठ अनुसंधान सहयोगी, ब्रिस्टल विश्वविद्यालय
(यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.)
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