(अभिषेक सोनकर)
मुंबई, 12 अप्रैल (भाषा) इस्पात मंत्रालय ने स्टेनलेस स्टील बनाने में कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल होने वाले फेरोनिकल पर बुनियादी सीमा शुल्क हटाने की वित्त मंत्रालय से मांग की है।
मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव रसिका चौबे ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि फेरोनिकल पर सीमा शुल्क हटने से स्टेलनेस स्टील विनिर्माताओं को अपनी लागत कम करने में मदद मिलेगी।
फिलहाल फेरोनिकल के आयात पर 2.5 फीसदी की दर से सीमा शुल्क लगता है। घरेलू स्टेनलेस स्टील निर्माता अपनी निकल की जरूरत फेरोनिकल और स्टेनलेस स्टील कबाड़ से पूरी करते हैं। हालांकि सरकार स्टेनलेस स्टील कबाड़ पर लगने वाले 2.5 प्रतिशत शुल्क को मार्च, 2023 तक हटाने की घोषणा पहले कर चुकी है।
ग्लोबल स्टेनलेस स्टील एक्सपो (जीएसएसई) में शिरकत करने आईं रसिका चौबे ने कहा कि सरकार को भारतीय स्टेनलेस स्टील क्षेत्र के समक्ष मौजूद चुनौतियों का बखूबी अहसास है। इसमें कच्चे माल की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसे देखते हुए हम पहले ही स्टेनलेस स्टील कबाड़ पर शून्य आयात शुल्क की सुविधा मार्च, 2023 तक बढ़ा चुके हैं। निकल और क्रोमियम इसके दूसरे प्रमुख कच्चे माल हैं। इनमें क्रोमियम की आपूर्ति तो अच्छी है लेकिन निकल उपलब्ध नहीं है। ऐसे में हमने फेरोनिकल पर आयात शुल्क हटाने का मुद्दा वित्त मंत्रालय के समक्ष उठाया है।’’
उन्होंने स्टेनलेस स्टील उद्योग के लिए फेरोनिकल को एक बेहद अहम कच्चा माल बताते हुए कहा कि इस तरह के फैसले वित्त मंत्रालय काफी विचार-विमर्श के बाद करता है। इस्पात मंत्रालय ने अपनी तरफ से इसकी सिफारिश की हुई है।
भाषा प्रेम अजय
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