नयी दिल्ली, छह अप्रैल (भाषा) यूक्रेन में जारी संकट के स्पष्ट संदर्भ में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के शीर्ष कमांडरों से कहा कि वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति ने फिर से ‘सैन्य हार्डवेयर’ के स्वदेशीकरण की आवश्यकता को उजागर किया है।
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना के कमांडरों के तीन दिवसीय सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में, सिंह ने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर भारत के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला और भारतीय सशस्त्र बलों के उभरती परिस्थितियों का जवाब देने में सक्षम होने पर संतोष व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने ‘ऑपरेशन गंगा’ में भारतीय वायुसेना की भूमिका की भी प्रशंसा की, जिसके तहत संकट में फंसे भारतीयों को यूक्रेन से निकाला गया।
आईएएफ के कमांडर भारत की सुरक्षा चुनौतियों और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बल की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
सम्मेलन के दौरान ड्रोन से उत्पन्न खतरों के शमन पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
अपने संबोधन में, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने कमांडरों को सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा।
भारतीय वायुसेना के एक बयान के अनुसार, उन्होंने संपत्तियों के संरक्षण, संसाधनों का बेहतर उपयोग और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए संयुक्त कौशल की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
बयान के अनुसार रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी हुई कि सम्मेलन में उच्च अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों पर व्यापक रूप से चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति ने फिर से स्वदेशीकरण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है।
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देवेंद्र नरेश
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