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Sunday, 29 September, 2024
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भारत को उत्सर्जन लक्ष्य पाने के लिए 17.7 लाख करोड़ डॉलर की जरूरतः रिपोर्ट

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मुंबई, पांच अप्रैल (भाषा) भारत को अपने दीर्घावधि के शून्य-उत्सर्जन लक्ष्य को हासिल करने के लिए 17.77 लाख करोड़ डॉलर की जरूरत पड़ेगी लेकिन उसे अपने हरित सफर को पूरा करने के लिए 12.4 लाख करोड़ डॉलर की अतिरिक्त राशि जुटानी होगी।

ब्रिटिश ऋणदाता स्टैंडर्ड चार्टर्ड की तरफ से कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक, भारत अगर बाहरी स्रोतों से इस अतिरिक्त राशि का इंतजाम नहीं करता है तो उसे इस मद में अपना घरेलू व्यय 7.9 लाख करोड़ डॉलर तक बढ़ाना पड़ेगा।

यह रिपोर्ट कहती है कि उभरते बाजारों को अपने नागरिकों की रहन-सहन की लागत पर असर डाले बगैर जलवायु लक्ष्यों को पाने के लिए कुल मिलाकर 94.8 लाख करोड़ डॉलर की अतिरिक्त राशि की जरूरत होगी जो कि उनके वार्षिक वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से भी अधिक है।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को शुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए 17.77 लाख करोड़ डॉलर में से 12.4 लाख करोड़ डॉलर की अतिरिक्त राशि का इंतजाम करना होगा। अगर इस वित्त को विकसित देश मुहैया कराते हैं तो फिर भारत का घरेलू व्यय 7.9 लाख करोड़ डॉलर तक बढ़ सकता है।

जरूरी रकम के ये आंकड़े संबंधित देशों की तरफ से जलवायु नीतियों के तहत पहले ही आवंटित की जा चुकी पूंजी से अलग होंगे।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड की अध्ययन रिपोर्ट कहती है कि भारत को हरित अर्थव्यवस्था की मंजिल हासिल करने के लिए 17.77 लाख करोड़ डॉलर के अतिरिक्त निवेश की जरूरत होगी।

भाषा प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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