नयी दिल्ली, 30 मार्च (भाषा) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने (सीबीडीटी) ने कहा है कि 31 मार्च, 2022 तक स्थायी खाता संख्या (पैन) को विशिष्ट पहचान संख्या (आधार) से नहीं जोड़ने वाले करदाताओं को 500 रुपये से लेकर 1,000 रुपये तक का जुर्माना भरना होगा। हालांकि, इस तरह के पैन मार्च, 2023 तक चालू रहेंगे और करदाता आयकर रिटर्न दाखिल करने, रिफंड पाने और अन्य आयकर कामकाज के लिए इनका इस्तेमाल कर सकेंगे।
पैन को बायोमीट्रिक आधार से जोड़ने की अंतिम तारीख 31 मार्च, 2022 है।
सीबीडीटी ने एक अधिसूचना में कहा कि आधार की देरी से सूचना देने पर 500 रुपये का विलंब शुल्क लगेगा। यह जुर्माना शुल्क अगले तीन माह यानी 30 जून, 2022 तक के लिए होगा। उसके बाद करदाताओं को 1,000 रुपये का जुर्माना चुकाना होगा। वहीं पैन को आधार से न जोड़ने की स्थिति में 31 मार्च, 2023 के बाद पैन निष्क्रिय हो जाएगा।
सीबीडीटी की ओर से 29 मार्च, 2022 को जारी अधिसूचना के अनुसार, करदाताओं को राहत के लिए उन्हें एक अवसर दिया जा रहा है। वे 31 मार्च, 2023 तक संबंधित प्राधिकरण को आधार-पैन को जोड़ने के लिए अपने आधार की जानकारी दे सकेंगे। इस तरह की सूचना के साथ उन्हें विलंब शुल्क भी देना होगा।
सीबीडीटी ने बयान में कहा गया 31 मार्च, 2023 जिन करदाताओं ने आधार के बारे में जानकारी नहीं दी है उनका पैन कानून के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करने, रिफंड पाने के लिए चालू रहेगा। लेकिन 31 मार्च, 2023 के बाद इन करदाताओं का पैन निष्क्रिय हो जाएगा।
आंकड़ों के अनुसार, 24 जनवरी, 2022 तक 43.34 करोड़ पैन को आधार से जोड़ा जा चुका है। अभी तक 131 करोड़ आधार कार्ड जारी किए गए हैं। पैन-आधार को जोड़ने से ‘डुप्लिकेट’ पैन को समाप्त करने और कर चोरी रोकने में मदद मिलेगी।
एकेएम ग्लोबल के कर भागीदार अमित माहेश्वरी ने कहा कि सरकार ने पैन को आधार से जोड़ने की समयसीमा को कई बार बढ़ाने के बाद आखिरकार अब जुर्माना राशि की सूचना जारी की है। एक अप्रैल से पहले तीन माह के लिए जुर्माना राशि 500 रुपये और उसके बाद 1,000 रुपये होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘करदाताओं को यह सलाह दी जाती है कि वे अपने आयकर पोर्टल की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि उनके आधार और पैन जुड़े हुए हैं।’’
माहेश्वरी ने कहा, ‘‘प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) की कुछ चिंताएं हो सकती हैं क्योंकि कुछ मामलों में उनके पास आधार नहीं है। ’’
नांगिया एंडरसन एलएलपी के भागीदार नीरज अग्रवाल ने कहा, ‘‘आयकर रिटर्न दाखिल करने जैसे आयकर से संबंधित कार्यों को पूरा करने के लिए अब आधार संख्या को पैन से जोड़ना अनिवार्य है।’’
पैन का उपयोग बैंक खाता खोलने, अचल सम्पत्ति की खरीद या पहचान के प्रमाण के रूप में किया जाता है। पैन को आधार से नहीं जोड़ने वाले करदाताओं को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि एक बार आपका पैन निष्क्रिय होने के बाद करदाता ऐसे वित्तीय लेनदेन नहीं कर पाएंगे जिनमें पैन जरूरी होता है। इनमें म्यूचुअल फंड आदि आते हैं। साथ ही उनपर ऊंची दर से स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) लागू होगी और धारा 272बी के तहत उन्हें जुर्माना देना होगा।
अग्रवाल ने कहा, ‘‘जिन लोगों की पहुंच आयकर पोर्टल तक नहीं है उनके लिए ‘लिंकिंग प्रक्रिया’ एसएमएस के जरिये उपलब्ध कराई जाती है।’’
भाषा रिया अजय रमण
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