लंदन, 29 मार्च (भाषा) यूरोपीय संघ (ईयू) के कुछ नेताओं ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में बातचीत का रास्ता चुनने के लिए भारत रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को प्रभावित करने को लेकर अपने ‘सॉफ्ट पावर’ का उपयोग करने में सक्षम हो सकता है।
नीदरलैंड के विचार समूह ‘द लंदन स्टोरी’ द्वारा डिजिटल माध्यम से आयोजित सामूहिक परिचर्चा में स्वीडन से जैकप डलांदे और डेनमार्क से मारग्रेट औकन ने हिस्सा लिया। दोनों यूरोपीय संसद में ग्रीन/यूरोपियन फ्री अलायंस के सदस्य हैं।
‘यूरोपीय संघ और रूसी हितों के बीच फंसे: यूक्रेन पर भारत का रुख’ विषय पर वार्ता में पूर्व भारतीय विदेश सचिव श्याम सरन भी शामिल हुए।
जैकप ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि यूरोपीय संघ अपने सॉफ्ट पावर का उपयोग लोकतंत्र की ओर भारत के झुकाव को आसान बनाने के लिए कर सकता है और भारत अपने ‘सॉफ्ट पावर’ का उपयोग पुतिन को यह समझाने के लिए कर सकता है कि एक कदम बातचीत की मेज की ओर कार्रवाई का सबसे अच्छा तरीका है।’’
उल्लेखनीय है कि ‘सॉफ्ट पॉवर’ शब्द का प्रयोग अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में किया जाता है, जिसके तहत कोई देश परोक्ष रूप से सांस्कृतिक या वैचारिक साधनों के माध्यम से किसी अन्य देश के व्यवहार या हितों को प्रभावित करता है।
औकन ने भारत के लिए ‘‘आंतरिक और बाहरी रूप से लोकतांत्रिक मूल्यों पर खरा उतरने’’ की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
पूर्व फ्रांसीसी राजनयिक जैस्मीन जेरिनिनी ने कहा कि हाल के वर्षों में यूरोपीय संघ-भारत संबंधों के लिए सुरक्षा सहयोग कैसे अधिक प्रासंगिक हो गया है।
एक सवाल के जवाब में सरन ने कहा, ‘‘कई समझौते हैं जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों के संबंध में किए गए हैं, इसलिए संबंधित देशों पर उंगली उठाना बहुत मददगार नहीं है।’’
सरन ने कहा कि आज के समय में विश्व अर्थव्यवस्था की वैश्वीकृत प्रकृति को स्वीकार करने की आवश्यकता है और देश में हाल की उच्च-स्तरीय यात्राओं का जिक्र करते हुए कहा कि भारत एक सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।
भाषा आशीष सुभाष
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