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Friday, 15 November, 2024
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विश्वविद्यालयों को रूसियों के साथ संचार संपर्क बंद क्यों नहीं करना चाहिए

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तालीस पुतिन्स, वित्त के प्रोफेसर, प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सिडनी

सिडनी, 11 मार्च (द कन्वरसेशन) ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालय (एएनयू) और ऑस्ट्रेलिया तथा दूसरे देशों में अन्य विश्वविद्यालयों द्वारा रूसी अनुसंधान संस्थानों के साथ सभी संबंधों और गतिविधियों को निलंबित करने का निर्णय नैतिक रुप से भले महत्वपूर्ण हो, इसके अनपेक्षित परिणाम हो सकते हैं।

हमें सावधान रहने की जरूरत है कि हम रूसियों के साथ नेटवर्क बंद नहीं करें और बातचीत बंद नहीं करें, क्योंकि इसका उल्टा असर होगा और यह रूस की प्रचार मशीन को सशक्त बनाएगा।

अन्य चैनलों के बीच अकादमिक संचार की लाइनों को खुला रखना, रूस के भीतर यूक्रेन में युद्ध के विरोध के आधार का समर्थन करने के लिए आवश्यक है।

अनौपचारिक नेटवर्क रूसी सरकार की सेंसरशिप को दरकिनार कर सकते हैं और ऐसा कर रहे हैं।

एक खुले पत्र में एएनयू शिक्षाविदों ने हाल ही में लिखा: यह नीति मुख्य रूप से रूस में अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थानों को प्रभावित करती है, और अंततः रूसी विद्वान जो देश में तर्क की अंतिम शेष आवाज हो सकते हैं।

‘‘ बड़े पैमाने पर रूसी शोधकर्ताओं को अलग-थलग करने की नीति केवल रूसी राज्य के आक्रामकता और अलगाव के प्रचार में मदद करेगी। इस नीति की व्याख्या पश्चिमी रूसोफोबिया के एक और मामले के रूप में की जाएगी।’’

आम रूसियों की दुविधा

अभी रूसी लोगों के सामने एक असंगति है। एक तरफ स्थानीय टीवी रूस के बारे में ‘‘विशेष सैन्य कार्रवाई’’ के माध्यम से यूक्रेन को ‘‘मुक्त’’ करने के बारे में कहानियां चला रहा है, लेकिन यह कहानियां सड़कों पर दिखती वास्तविकता से मेल नहीं खाती हैं।

रूस में बाजारों से सामान खत्म होता जा रहा है। कीमतें आसमान छू रही हैं। क्रेडिट कार्ड, ऐप्पल पे और गूगल पे अब रूसियों के लिए काम नहीं करते हैं।

उनकी बचत का डॉलर मूल्य आधा हो गया है, और एटीएम के लिए लंबी कतारें हैं।

ये प्रभाव आने वाले हफ्तों में पश्चिमी कॉर्पोरेट और सरकारी कार्रवाइयों के प्रवाह-प्रभावों के साथ बढ़ेंगे ही।

गंभीर रूप से, ऐसे दो तरीके हैं जिनसे रूसी लोग इस असंगति का जवाब दे सकते हैं।

एक यह है कि इन प्रभावों को रूस के यूक्रेन पर आक्रमण का प्रत्यक्ष परिणाम माना जाए, और उनकी सरकार को एक नागरिक विद्रोह में बदल दिया जाए, जो पुतिन शासन को गिरा दे, या कम से कम आक्रमण को बनाए रखने की उनकी क्षमता को कमजोर कर दे।

एक और रास्ता पश्चिम के खिलाफ मुड़ना है, रूस पर हमला करने वाले कथित ‘‘दुश्मन’’ के रूप में।

इसमें चुनौती निहित है।

हम क्या कर सकते है?

पहला कदम यह पहचानना है कि आम रूसी लोग भी इस युद्ध में पीड़ित हैं। उनमें से ज्यादातर का, यूक्रेन पर आक्रमण से कोई लेना देना नहीं था, फिर भी वह इसके लिए पर्याप्त कीमत चुका रहे हैं।

अमेरिका में, कांग्रेस के एक सदस्य ने ‘‘ प्रत्येक रूसी छात्र को अमेरिका से बाहर निकालने’ का प्रस्ताव रखा।

यह रूसी लोगों का रिश्ता रूसी सरकार के साथ जोड़ता है, लेकिन व्लादिमीर पुतिन को कमजोर करने या यूक्रेन का समर्थन करने की दिशा में इससे कुछ होने वाला नहीं है।

क्या इसका मतलब यह है कि हमें प्रतिबंधों में ढील देनी चाहिए? नहीं। उनके द्वारा पहुंचाई गई अनुप्रासंगिक हानि के बावजूद, प्रतिबंध एक महत्वपूर्ण हथियार है जिसका उपयोग पश्चिम युद्ध में जाने की अनिच्छा को देखते हुए पुतिन की सैन्य आक्रामकता को कम करने के लिए कर सकता है।

हालाँकि, हमें जो करने की आवश्यकता है, वह है रूसी सरकार द्वारा लगाए जा रहे सूचना अवरोधों से लड़ना। हम रूसियों को यह देखने में मदद कर सकते हैं कि बाकी दुनिया क्या देखती है।

इसमें यूक्रेनियन का दुख और पीड़ा, नागरिकों सहित दोनों पक्षों की बढ़ती हताहतों की संख्या, आक्रमण के लिए किसी भी उचित औचित्य की कमी और रूसी सरकार द्वारा फैलाई जा रही गलत सूचना शामिल है।

सभी बाहरी संचार, ईमेल, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और इंटरनेट-आधारित सूचना सेवाओं को सेंसर करना लगभग असंभव है। इसलिए रूसी नागरिकों तक पहुंचने के तरीके अभी मौजूद हैं।

जैसे-जैसे सेंसर या अवरुद्ध साइटों की सूची बदलती है, वैसे ही हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले चैनलों को भी बदलना चाहिए।

हमें प्लेटफार्मों के बीच जाने या कनेक्ट करने के लिए रचनात्मक तरीकों का उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है। उदाहरण के लिए, इंटरनेट सेंसरशिप को बायपास करने के लिए रूस से वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का उपयोग पिछले एक सप्ताह में 633% बढ़ा है।

उन्हें दबाने के पुतिन के प्रयासों को कम करने के बजाय, सोशल मीडिया नेटवर्क रूसियों को उनकी सेवाओं तक पहुंच जारी रखने में मदद देने के लिए रचनात्मक तरीकों पर विचार कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए, ट्विटर ने हाल ही में डार्क वेब पर एक गोपनीयता-संरक्षित साइट लॉन्च की, जो रूस द्वारा उसकी सेवा को अवरुद्ध करने से बचने के लिए थी।

अन्य प्लेटफार्मों और मीडिया सेवाओं को रूसी लोगों के लिए सूचना के प्रवाह को बनाए रखने के लिए इसी तरह के उपायों पर विचार करना चाहिए।

रूसी नागरिकों के साथ सीधे बात करने के लिए लोग अपने स्तर पर भी प्रयास सकते हैं। उदाहरण के लिए, मेरी सहयोगी मार्ता खोमिन ने ऐसा प्रस्ताव दिया है।

हम अपने नेटवर्क का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, विदेशों में रहने वाले रूसी शिक्षाविदों ने रूस में शिक्षाविदों से जुड़ने के लिए अपने विश्वविद्यालय नेटवर्क का उपयोग किया है।

अन्य लोग व्यावसायिक नेटवर्क या सामाजिक नेटवर्क का उपयोग कर सकते हैं।

यह रूस के भविष्य के बारे में भी एक युद्ध है

हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सामान्य रूसियों के प्रति जो रवैया प्रदर्शित करते हैं, वह आक्रोश का नहीं है, बल्कि युद्ध को समाप्त करने के लिए मिलकर काम करने की इच्छा का है। रूसी भी पीड़ित हैं, इसलिए युद्ध को समाप्त करने के लिए प्रोत्साहनों का एक प्राकृतिक जुड़ाव है – एक जुड़ाव जो हमें सामान्य आधार और एक साथ काम करने का एक कारण देता है।

इससे भी अधिक, यह रूस के साथ-साथ यूक्रेन के भविष्य के बारे में एक युद्ध है। यकीनन रूसी लोगों के लिए दमनकारी शासन से मुक्त होने और उदार और लोकतांत्रिक भविष्य चुनने का इससे बेहतर समय कभी नहीं रहा।

हम कई शिक्षाविदों और छात्रों सहित बहादुर रूसियों को पहचान सकते हैं और उनकी सराहना कर सकते हैं, जो सक्रिय रूप से युद्ध के खिलाफ बोल रहे हैं, और रूसी लोगों के खिलाफ नहीं बल्कि उनके साथ काम करते हैं।

द कन्वरसेशन एकता एकता

एकता

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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