नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने डोनबास इलाके में एक स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन की घोषणा करने के बाद चेतावनी दी है कि अगर किसी भी देश ने रूस के एक्शन में दखल देनी की कोशिश की तो उसके नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं.
देश के नाम अपने संबोधने में पुतिन ने कहा कि यह अभियान यूक्रेन को विसैन्यीकरण करने और कीव शासन द्वारा “उत्पीड़न और नरसंहार से पीड़ित” लोगों की रक्षा के लिए शुरू किया गया है. उन्होंने विशेष सैन्य अभियान चलाने का निर्णय लिया है. पुतिन ने कहा, ‘इसका लक्ष्य उन लोगों की रक्षा करना होगा जो आठ साल से कीव शासन द्वारा उत्पीड़न और नरसंहार झेल रहे हैं. इसके लिए हम यूक्रेन के विसैन्यीकरण और डी-नाज़िफिकेशन का लक्ष्य रखेंगे.’
पुतिन ने यूक्रेनी सैनिकों से हथियार डालने के लिए कहा
पुतिन की चेतावनी
पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘जिस किसी ने भी हमारे साथ हस्तक्षेप करने की कोशिश की या इससे ज्यादा कुछ किया या हमारे देश और लोगों के लिए खतरा पैदा करने की कोशिश की तो बता दें कि इस पर रूस की प्रक्रिया तत्काल होगी और आपको ऐसे परिणाण देखने को मिल सकते हैं जो आपने इतिहास में पहले कभी अनुभव नहीं किए होंगे.’
पुतिन का यह बयान यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि यूक्रेन ने कोई पोज़ नहीं दिया है और न ही वह रूस के लिए खतरा पैदा करेगा.
ज़ेलेंस्की ने अपीन भावनात्मक अपील मे कहा था, आपको बताया जा रहा है कि यूक्रेन रूस के लिए खतरा पैदा कर सकता है. न तो पहले ऐसा था और न अब ऐसा है और न ही भविष्य में ऐसा होगा. आप नाटो से सुरक्षा गारंटी की मांग करते हैं, हम भी आपसे और दूसरे गारंटरों से अपनी सुरक्षा की गारंटी की मांग करते हैं.’
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने मास्को के इस दावे का भी खंडन किया कि उनका देश रूस के लिए खतरा है और चेतावनी दी कि एक रूसी आक्रमण में हजारों लोगों की जान चली जाएगी. व्हाइट हाउस ने बुधवार को चेतावनी दी थी कि अगर मास्को यूक्रेन पर हमला करता है तो पुतिन को महत्वपूर्ण परिणाम भुगतने होंगे.
संयुक्त राष्ट्र ने व्यक्त की चिंता
संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ते संकट को लेकर बुधवार को गहरी चिंता व्यक्त की और सभी पक्षों से तनाव कम करने तथा यूक्रेन एवं उससे परे भी लोगों को युद्ध के संकट से बचाने के लिए वार्ता के मार्ग पर लौटने का आग्रह किया.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने यूक्रेन को लेकर बुधवार को हुई संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कहा कि संपर्क रेखा के पार से संघर्षविराम उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं और जमीनी स्तर पर तनाव और बढ़ने समेत यूक्रेन संबंधी हालिया घटनाक्रम ‘‘बड़ी चिंता’’ का विषय है.
उन्होंने कहा, ‘मौजूदा हालात में एक बात स्पष्ट है: ‘दोनेत्स्क और लुहान्स्क क्षेत्रों की तथाकथित स्वतंत्रता’’ को मान्यता देने का रशियन फेडरेशन का फैसला और उसके बाद के कदम यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का उल्लंघन हैं तथा ये संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं हैं.’
भारत ने तनाव करने की अपील की
भारत ने रूस और यूक्रेन के बीच तनाव को तत्काल कम करने का आह्वान किया और आगाह किया कि स्थिति एक बड़े संकट में तब्दील हो सकती है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में एक ‘सैन्य अभियान’ शुरू करने की घोषणा की है.
यूक्रेन की स्थिति पर 15 सदस्यीय देशों की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुधवार देर रात एक आपात बैठक बुलाई थी. इस सप्ताह बुलाई गई यह दूसरी बैठक है और 31 जनवरी के बाद से रूस और यूक्रेन के बीच तनाव पर बुलाई चौथी बैठक थी.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन में सेना नहीं भेजने और ‘‘शांति से मसले हल करने’’ की अपील की है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने परिषद को बताया कि भारत ने महज दो दिन पहले ही यूक्रेन पर परिषद की बैठक में तनाव को तत्काल कम करने का आह्वान किया था और स्थिति से संबंधित सभी मुद्दों को हल करने के लिए कूटनीति केन्द्रित प्रयासों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया था.
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, हमें खेद है कि तनाव दूर करने के लिए विभिन्न पक्षों द्वारा की गई पहलों पर ध्यान देने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आह्वान पर ध्यान नहीं दिया गया. स्थिति के एक बड़े संकट में तब्दील होने का खतरा बना है.’
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