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Tuesday, 19 November, 2024
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गैर सरकारी संगठन ने शीर्ष अदालत से पूर्व मुख्यमंत्रियों की याचिका को खारिज करने का आग्रह किया

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देहरादून, 21 फरवरी (भाषा) देहरादून के एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने उच्चतम न्यायालय से उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों और राज्य सरकार की याचिकाओं को खारिज करने का सोमवार को आग्रह किया।

पूर्व-मुख्यमंत्रियों ने पद छोड़ने के बाद सरकारी आवास में रहने के दौरान का किराया बाजार भाव से वसूल करने के उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।

‘रूरल लिटिगेशन एंड एनटाइटल केंद्र’ के अधिवक्ता ने बताया कि एनजीओ ने सोमवार को दायर जवाबी हलफनामे में चारों याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया है।

उन्होंने बताया कि ये याचिकाएं पूर्व मुख्यमंत्रियों और राज्य सरकार ने 2020 में दायर की थीं । उन्होंने बताया कि मामले की सुनवाई संभवत: 25 फरवरी को होगी ।

पूर्व मुख्यमंत्रियों रमेश पो​खरियाल निशंक, भुवन चंद्र खंडूरी और भगत सिंह कोश्यारी तथा राज्य सरकार ने ये याचिकाएं अलग-अलग दायर की हैं ।

उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से बाजार मूल्य पर किराए की वसूली के आदेश दिए थे क्योंकि इसके लिए धन सरकारी खजाने से खर्च किया गया था ।

गैर सरकारी संगठन के अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कहा कि जब सरकारी धन अवैध तरीके से व्यय किया गया है और पूर्व मुख्यमंत्रियों ने सरकारी खजाने से जुटाई गई सुविधाओं का गैर कानूनी ढंग से उपयोग किया है तो इस संबंध में उचित किराया बाजार मूल्य पर ही तय होना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्रियों ने पद छोड़ने के बाद सरकारी आवास में रहने की अवधि के लिए सरकारी दर से किराया देने की पेशकश की थी और इस संबंध में उन्होंने कहा था कि बाजार भाव की दर से किराया देना उनकी क्षमता के बाहर है। ये पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी मकानों को पहले ही खाली कर चुके हैं।

भाषा दीप्ति दीप्ति नोमान

नोमान

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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