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Friday, 10 January, 2025
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न्यायालय लौह अयस्क के निर्यात में शुल्क चोरी का आरोप लगाने वाली पीआईएल पर नौ मार्च को करेगा सुनवाई

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नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कुछ कंपनियों द्वारा चीन जैसे देशों को छोटे-छोटे पत्थरों के रूप में लौह अयस्क के निर्यात में शुल्क चोरी का आरोप लगाने वाली दो जनहित याचिकाओं पर नौ मार्च को सुनवाई करने का शुक्रवार को फैसला किया।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को स्थगित करने से पहले उस वक्त अजीब स्थिति का सामना किया, जब गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘कॉमन काउज’ की पीआईएल से पहले जनहित याचिका दायर करने वाले, अधिवक्ता एम एल शर्मा ने खुद से पहले एनजीओ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के दलील पेश करने पर आपत्ति जताई।

शर्मा ने पीठ से कहा, ‘‘यह मेरा विषय है। (एनजीओ की ओर से भूषण) ने मेरे मामले को तहस-नहस करने के लिए मेरे बाद पीआईएल दायर की। ’’ पीठ में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी शामिल हैं।

प्रधान न्यायाधीश ने सवाल किया, ‘‘आपने प्रशांत भूषण द्वारा दायर पीआईएल में कैविएट (आपत्ति) क्यों दाखिल किया है…इस तरह की कल्पना की अवश्य ही एक सीमा होनी चाहिए। उन चीजों का मिस्टर प्रशांत भूषण पर आरोप नहीं लगाइए। वह आपके मामले को क्यों बिगाड़ेंगे…। ’’

शर्मा ने कहा कि उन्होंने याचिका दायर करने से पहले अहम दस्तावेज जुटाने के लिए वर्षो मेहनत की है और सवाल किया कि उनके बाद एनजीओ ने पीआईएल क्यों दायर किया।’’

इस पर पीठ ने कहा, ‘‘यदि ऐसा था तो आपने पिछले 10 वर्षों में क्यों नहीं याचिका दायर की। आप उनपर (भूषण पर) क्यों आरोप लगा रहे हैं…मिस्टर भूषण समस्या यह है कि उन्होंने (शर्मा ने) पहले याचिका दायर की, हमे उन्हें सुनना होगा। ’’

इसके बाद पीठ ने मामले को नौ मार्च के लिए स्थगित कर दिया।

भाषा सुभाष शाहिद

शाहिद

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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