नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने शुक्रवार को सरकार से कहा कि वह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की पेटेंट रियायत संबंधी वार्ताओं का प्रभावी एवं उपयोगी नतीजा सुनिश्चित करे।
स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखे एक पत्र में कहा है कि सरकार को तकनीकी जानकारों की पु्ष्टि के बगैर किसी भी समझौते पर सहमति नहीं जतानी चाहिए।
महाजन ने कहा है कि डब्ल्यूटीओ सचिवालय का मामले में तकनीकी सलाहकारों को शामिल किए बगैर चर्चा करना अप्रत्याशित है। उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि भारत यूरोपीय संघ, अमेरिका और डब्ल्यूटीओ के दबावों के आगे टिका हुआ है। हम आपसे इस रुख को कायम रखने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हैं कि इस बातचीत का असरदार एवं उपयोगी नतीजा निकले। इससे ट्रिप्स समझौते से प्रदत्त लचीलेपन का विस्तार भी होना चाहिए।’
अक्टूबर 2020 में भारत और दक्षिण अफ्रीका ने पेटेंट वार्ता को लेकर पहला प्रस्ताव पेश किया था जिसमें सभी सदस्य देशों को महामारी के दौर में व्याापार-संबंधित बौद्धिक संपदा अधिकार (ट्रिप्स) समझौते के कुछ प्रावधानों से छूट देने का सुझाव दिया गया था।
इस बारे में एक संशोधित प्रस्ताव भी मई 2021 में पेश किया गया था। डब्ल्यूटीओ के 100 से भी अधिक देशों ने ट्रिप्स समझौते में थोड़ी रियायत दिए जाने के प्रस्ताव का समर्थन किया है।
भाषा प्रेम रमण
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