कोलकाता: पश्चिम बंगाल में गरुलिया नगरपालिका के चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र वापस लेने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन नेताओं ने रविवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में वापसी की और भाजपा की कार्यशैली को लेकर असंतोष प्रकट किया.
गरुलिया समेत 108 नगरपालिकाओं के लिए 27 फरवरी को चुनाव होना है. तीनों नेताओं पूर्व विधायक सुनील सिंह, उनके बेटे आदित्य और गरुलिया नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष सौरभ सिंह ने शनिवार को अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया था.
भाजपा के बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह के रिश्तेदार तीनों नेता पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक और नैहाटी के विधायक पार्थ भौमिक की मौजूदगी में टीटागढ़ पार्टी कार्यालय में टीएमसी में शामिल हुए.
सौरभ सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘भाजपा की उत्तर 24 परगना इकाई के कामकाज के तरीके से हम नाखुश हैं. जिले में जहां पार्टी का सांगठनिक आधार तेजी से सिकुड़ रहा है, वहीं स्वयंभू नेताओं की संख्या में इजाफा हुआ है. हम ऐसी पार्टी में नहीं रहना चाहते.’ सुनील सिंह ने कहा, ‘टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल होना हमारी गलती थी.’
हालांकि, भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने इन नेताओं को ‘गद्दार’ बताते हुए पार्टी छोड़ने के कदम की निंदा की. अर्जुन ने कहा, ‘टीएमसी से लुभावने प्रस्ताव मिलने पर उन्होंने हमारी पार्टी को धोखा दिया. इन सभी ने भाजपा से नगरपालिका चुनाव के लिए टिकट की गुहार लगाई थी… और अब पार्टी की पीठ में छुरा घोंप दिया.’
इस बीच, भाजपा की युवा इकाई के 200 सदस्य पश्चिम मेदिनीपुर जिले के खड़गपुर इलाके में टीएमसी में शामिल हो गए. उन्होंने दावा किया कि हाल के चुनावों में भाजपा के उम्मीदवारों के समर्थन में कड़ी मेहनत करने के बावजूद उन्हें कोई तवज्जो नहीं दी जा रही.
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी की प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी, भाजपा की युवा इकाई के समर्थकों पर पाला बदलने का दबाव बना रही है.
आशीष दिलीप
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