नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) भारत अगले हफ्ते चार दिवसीय सिंगापुर एयरशो के दौरान अपने स्वदेशी और हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस का प्रदर्शन करेगा। भारत की नजर आगामी सालों में मित्र देशों में इसकी संभावित निर्यात क्षमता पर है। रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए कहा कि एयरशो में भारतीय वायुसेना का 44 सदस्यीय दल शामिल होगा।
यह दल शनिवार को सिंगापुर पहुंचेगा जहां एयरशो का आयोजन 15 से 18 फरवरी तक होगा। एलसीए तेजस का निर्माण हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने किया है जो हवाई युद्ध और हवाई मदद अभियान के लिहाज से एक ताकतवर विमान है। इसके अलावा टोही और पोत विध्वंसक अभियान इसके द्वितीयक काम हैं।
सिंगापुर एयरशो का आयोजन दो साल में एक बार होता है जो वैश्विक विमानन उद्योग को अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का मंच मुहैया कराता है। मंत्रालय ने बताया कि भारतीय वायुसेना स्वदेशी विमान तेजस एमके-1 को दुनियाभर के प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले एयरशो में उतारेगी।
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘तेजस विमान अपनी संचालन विशेषताओं, निचले स्तर की उड़ान और गतिशीलता से दर्शकों को रोमांचित कर देगा।’’ इसके पहले भी भारतीय वायुसेना इस तरह के एयरशो में हिस्सा ले चुकी है। भारत ने मलेशिया के लीमा-2019 और पिछले साल के दुबई एयरशो में अपने स्वदेशी विमान का प्रदर्शन किया था।
ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल बिक्री को लेकर फिलीपींस से 37.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर मूल्य के सौदे के बाद भारत अब तेजस लड़ाकू विमान प्रदर्शित करने जा रहा है। पिछले कुछ सालों में मित्र देशों को सैन्य साजोसामन के निर्यात को बढ़ाने के प्रयास में भारत तेजी लाया है। रक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2025 तक रक्षा निर्माण में 25 अरब अमेरिकी डॉलर (1.75 लाख करोड़ रुपये) के कारोबार का लक्ष्य रखा है, जिसमें से पांच अरब अमेरिकी डॉलर (35,000 करोड़ रुपये) के सैन्य हार्डवेयर का निर्यात लक्ष्य शामिल है।
भाषा संतोष प्रशांत
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