भोपाल, 21 जनवरी (भाषा) भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने शुक्रवार को भाजपा शासित मध्य प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग की जिसका लोकसभा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी समर्थन किया।
ठाकुर ने हालांकि इसके साथ ही यह भी कहा कि यदि सीमित मात्रा में सेवन की जाए तो शराब आयुर्वेद के तहत एक दवा के रूप में काम करती है।
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने हाल ही में नई आबकारी नीति को मंजूरी दी है जिसके तहत सरकार ने आगामी एक अप्रैल से ‘होम बार’ स्थापित करने की अनुमति देने के साथ ही शराब की खुदरा कीमतों में 20 प्रतिशत की कमी करने की स्वीकृति दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि पूर्ण शराबबंदी के अपने कदम के पहले चरण में उन्होंने आरएसएस के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं, मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा की है।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘अगला चरण 14 फरवरी के बाद प्रारंभ करुंगी। शराबबंदी, नशाबंदी मध्य प्रदेश में होकर रहेगी।’’
उन्होंने स्पष्ट किया, “शराबबंदी के लिए उनका अभियान प्रदेश सरकार के खिलाफ नहीं है, शराब और नशे के खिलाफ है। मप्र भाजपा, मप्र कांग्रेस एवं सरकार में बैठे हुए लोगों को समझा पाना भी एक कठिन काम है।”
भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की सांसद ठाकुर ने भी प्रदेश में शराब पर प्रतिबंध का समर्थन किया।
बृहस्पतिवार को यहां एक कार्यक्रम के दौरान इस मुद्दे पर एक सवाल के उत्तर में ठाकुर ने कहा, ‘‘देखिए, शराबबंदी तो होनी ही चाहिए। क्योंकि शराब से जब घर बिगड़ते हैं, उसमें जो क्लेश होता है वो असहनीय होता है। उसके कारण कई लोग आत्महत्या करते हैं, अवसाद में जाते हैं और कई महिलाएं इस कारण से आत्महत्या करती हैं। वो पीती नहीं हैं पर उनके पति पीते हैं तो इस तरह की प्रताड़नाएं होती हैं। ये जो मादक पदार्थ हैं, इनका सेवन बंद होना ही चाहिए।’’
मध्य प्रदेश कांग्रेस द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में ठाकुर को एक सवाल के जवाब में यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘‘शराब चाहे सस्ती हो या महंगी, सीमित मात्रा में इस्तेमाल करने पर यह आयुर्वेद में दवा का काम करती है। सीमित मात्रा में औषधि है जबकि असीमित मात्रा में विष है। लोगों को यह समझना चाहिए।’’
नई आबकारी नीति 2022-23 में प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी हवाई अड्डों और प्रदेश के चार बड़े शहरों के सुपर बाजारों में शराब की बिक्री की अनुमति दी है। इसके अलावा सरकार ने सालाना एक करोड़ रुपए या उससे अधिक कमाने वालों को ‘होम बार’ (घर पर बार) का लाइसेंस जारी करने का प्रावधान किया है।
भाषा दिमो प्रशांत
प्रशांत
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.