नई दिल्लीः कोविड 19 के बढ़ते मामलों के बीच हरियाणा के फरीदाबाद के ईएसआईसी हॉस्पिटल में डॉक्टरों के लिए सिर्फ तीन दिनों तक ही क्वारेंटाइन होने के लिए सर्कुलर जारी किया गया है. हालांकि, सरकार द्वारा कोविड 19 को लेकर जारी की गई गाइडलाइन्स के मुताबिक अगर कोई डॉक्टर कोविड पॉजिटिव पाया जाता है तो ऐसी स्थिति में उसे सात दिनों तक के लिए क्वॉरेटाइन रहने की अनुमति है लेकिन फरीदाबाद के ईएसआईसी हॉस्पिटल में सिर्फ तीन दिनों के क्वारेंटाइन होने की परमीशन दी जा रही है जिसको तमाम जूनियर डॉक्टर काफी असंवेदनशील और अनैतिक मान रहे हैं.
कोविड टेस्ट के लेनी होगी परमीशन, देने होंगे 1500 रुपये
इसके अलावा अगर कोई हेल्थकेयर वर्कर दोबारा कोविड टेस्ट कराता है तो उसे इसके लिए 1500 रुपये देने होंगे. इतना ही नहीं ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद के डीन असीम दास द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक उनके द्वारा अधिकृत किए गए एसोसिएट प्रोफेसर डॉ निखिल वर्मा, निधि आनंद और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रणीत अंसल द्वारा अप्रूव किए जाने के बाद ही कोविड-19 आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया जा सकेगा. यह भी आईसीएमआर द्वारा जारी टेस्टिंग एडवाइजरी के खिलाफ है.
इस मामले में डॉक्टर राकेश बागड़ी ने कहा, ‘यह काफी असंवेदनशील, अनैतिक और अमानवीय है. इससे डॉक्टरों के साथ साथ मरीजों को भी काफी खतरा बढ़ जाएगा.’
वहीं आईएमए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क के नेशनल सेक्रेटरी डॉ करन जुनेजा ने इसे तुगलकी फरमान बताया और कहा कि इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘ यह घोर अनैतिक है. सीनियर डॉक्टर होते हुए भी वे जूनियर डॉक्टर्स की समस्याओं और संवेदनाओं को नहीं समझ पा रहे हैं जो कि काफी दुखद है. उन्हें इस मामले में जूनियर डॉक्टर्स के साथ संवेदनशील रवैया अपनाना चाहिए.’
हेल्थ वर्कर्स को टेस्ट कराने से पहले परमीशन लेने वाली बात पर उन्होंने कहा कि ‘राइट टू हेल्थ’ सभी का अधिकार है तो डॉक्टर्स को इससे वंचित किया जाना काफी निंदनीय है.
वहीं हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट कर राज्य में एस्मा लागू किए जाने के बारे में जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट किया कि, ‘अब 6 महीने तक स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर नहीं जा पाएंगे. यह कदम करोना की रोकथाम में बाधा डालने के लिए डॉक्टरों के एक समूह द्वारा हड़ताल पर चले जाने के कारण उठाया गया है.’
हरियाणा में एस्मा लागू कर दिया गया है, अब 6 महीने तक हड़ताल नहीं कर सकेंगे स्वास्थ्य कर्मी । यह कदम करोना की रोकथाम में बाधा डालने के लिए डॉक्टरों के एक समूह द्वारा हड़ताल पर चले जाने के कारण उठाया गया है ।
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) January 11, 2022
इस पर उन्होंने डॉक्टर जुनेजा ने कहा कि यह जानबूझकर किया जा रहा है ताकि डॉक्टर्स अपनी बात को सरकार के सामने न रख पाएं. लेकिन सरकार हमारी आवाज़ को दबा नहीं पाएगी.
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