मुंबईः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाकर ‘कमांडर इन थीफ’ वाली टिप्पणी करने के मामले में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने वाले भाजपा कार्यकर्ता ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि स्थानीय अदालत ने यह तय करने के बाद कि साक्ष्यों के मद्देनजर पहली नजर में दोष प्रतीत होता है, कांग्रेस नेता को सम्मन किया है.
बंबई उच्च न्यायालय ने सम्मन को चुनौती देने वाली गांधी की याचिका पर सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार को 18 जनवरी, 2022 की तारीख तय की और मजिस्ट्रेट अदालत को निर्देश दिया कि वह 25 जनवरी तक मानहानि के मामले की सुनवाई करने से बचे.
स्थानीय अदालत ने मानहानि के मामले में राहुल गांधी को 25 नवंबर को पेश होने का निर्देश दिया था. कांग्रेस नेता के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने वाले महेश श्रीश्रीमल का दावा है कि वह 1997 से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र प्रदेश समिति के सदस्य हैं.
श्रीश्रीमल ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे में प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाकर 2018 में की गई टिप्पणी को लेकर मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
गांधी ने उन्हें जारी सम्मन को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है. कांग्रेस नेता ने मजिस्ट्रेट का आदेश निरस्त करने और उनकी याचिका लंबित रहने के दौरान निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने का अनुरोध किया है.
पिछले महीने न्यायमूर्ति एस. के. शिंदे की एकल पीठ ने स्थानीय अदालत को मानहानि मामले की सुनवाई से बचने का निर्देश दिया था, इसका तात्पर्य यह हुआ कि राहुल गांधी को अब इस मामले में निचली अदालत में पेश होने की जरुरत नहीं है.
श्रीश्रीमल ने बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय में एक हलफनामा देकर गांधी की याचिका खारिज करने का अनुरोध किया है.
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