भुवनेश्वर: चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ के बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ने से पहले पुरी जिले में और शनिवार सुबह तक ओडिशा-आंध्र प्रदेश तट पर दस्तक देने की संभावना है.
विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पीके जीना ने शुक्रवार को यहां पत्रकारों को बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा चक्रवात के अनुमानित प्रक्षेपवक्र के अनुसार तूफान पुरी तट पर दस्तक दे सकता है और समुद्र में लौट सकता है.
एसआरसी ने बताया कि तूफान के दस्तक देने के दौरान हवा की गति 90-100 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास रहेगी. ओडिशा तट पर दस्तक देने के बाद तूफान की गति धीरे-धीरे कम हो सकती है.
उन्होंने कहा, ‘चक्रवाती तूफान का प्रक्षेपवक्र बदलने की भी संभावना है जिससे हो सकता है कि वह ओडिशा में दस्तक न दे. यह तटरेखा से गुजर सकता है और पुरी में इसका हल्का असर पड़ सकता है.’
जीना ने कहा कि राज्य सरकार सभी तटीय जिलों में किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए आवश्यक तैयारियां कर रही है जिसमें मुख्य ध्यान गंजम, पुरी और जगतसिंहपुर पर रहेगा.
उसने जिला प्रशासकों को निचले इलाके से लोगों को बाहर निकालना शुरू करने के आदेश दिए हैं. जीना ने कहा, ‘मैंने आईएमडी के महानिदेशक से बात की और उन्होंने संकेत दिया कि रविवार को चक्रवात दस्तक दे सकता है. इसका गंजम, पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जिलों पर ज्यादा असर होगा.’
सरकार ने जिलों में राहत एवं बचाव दलों को भेजा है. बहरहाल एसआरसी ने कहा कि भारी बारिश के कारण बाढ़ आने की आशंका नहीं है लेकिन तटीय जिलों के शहरी और ग्रामीण इलाकों में गलियों में जलभराव हो सकता है.
उन्होंने कहा कि सभी मछुआरे बृहस्पतिवार तक तट पर लौट आए और चिल्का झील के साथ ही बंगाल की खाड़ी में मछली पकड़ने की गतिविधियों पर रोक लगा दी गयी है.
इस बीच, मुख्य सचिव एस सी मोहपात्र ने संवेदनशील जिलों के जिलाधीशों के साथ वीडियो कांफ्रेंस की और चक्रवात के असर से निपटने के उपायों का सुझाव दिया.
आईएमडी ने अपने ताजा बुलेटिन में कहा कि चक्रवात जवाद आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम से करीब 420 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है यानी यह ओडिशा के गोपालपुर से 530 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में है.
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