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Friday, 22 November, 2024
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‘जय श्रीराम बोलो, नहीं तो गोली मार देंगे’, झारखंड में कश्मीरी व्यापारियों के साथ मारपीट

डोरंडा थानेदार रमेश कुमार ने बताया कि, 'एक व्यक्ति राजकिशोर शामिल था. उसकी गिरफ्तारी हो गई है. एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है. उसके ऊपर मारपीट और धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.

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रांची: रांची में रह रहे कश्मीरी व्यापारियों को भी अतिवादियों का शिकार होना पड़ा. बीते बृहस्पतिवार 11 अक्टूबर को चार कश्मीरी व्यापारियों के साथ मारपीट की गई. उन्हें जबरन जय श्रीराम, पाकिस्तान मुर्दाबाद, भारत माता की जय बोलने के लिए कहा गया. ऐसा नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी गई. मामले में शिकायत दर्ज करा दी गई है. घटना में शामिल एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है.

मारपीट के आरोपी शख्स का नाम राजकिशोर है, जिसके अभी तक किसी संगठन से जुड़े होने की जानकारी नहीं है.

डोरंडा थानेदार रमेश कुमार ने बताया कि, ‘एक व्यक्ति राजकिशोर शामिल था. उसकी गिरफ्तारी हो गई है. एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है. उसके ऊपर मारपीट और धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.

वहीं रांची के सिटी एसपी सौरभ कुमार ने बताया कि, ‘उन कश्मीरी व्यापारियों से लिखित आवेदन लिया गया है. उसके आधार पर कार्रवाई की गई है. जहां तक बात रही मारपीट में शामिल अन्य आरोपियों के गिरफ्तारी की, तो जांच-पड़ताल के बाद तय होगा कि आगे की कार्रवाई क्या होगी.’


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पीड़ित कश्मीरियों ने बयां किया दुखड़ा

घटना के शिकार हुए बिलाल अहमद ने बताया कि, ‘वो लोग हर दिन की तरह बृहस्पतिवार को भी गर्म कपड़े बेचने निकले थे. रांची के कडरू पुल के पास एक घर के आगे तोल-मोल चल रहा था. इस बीच एक लड़का आया और चिल्लाने लगा. उसने कहा कि तुम लोगों को पहले भी चेतावनी दिए हैं, यहां से चले जाओ, बात क्यों नहीं समझ में आती है. हमारे विरोध करने पर उसने कुछ जगहों पर फोन मिलाया और देखते ही देखते 15 से अधिक लड़के जमा हो गए.’

बिलाल के मुताबिक, ‘इसके बाद उन लोगों ने घेर लिया. कहा कि जय श्रीराम के नारे लगाओ. हमने इसके लिए मना किया. तो उसने फिर किसी को फोन किया. कहा कि बंदूक लेकर आओ, अभी इसको यहीं गोली मार देंगे. इसके बाद उन लोगों ने हमारे साथ काफी मारपीट की.’

उन्होंने बताया कि जो लड़के मारपीट कर रहे थे, उसमें से एक का घर वहीं था. उसके घर से भी कुछ लोग निकल कर बाहर आए, वो भी हम पर चिल्लाने लगे. हालांकि इस बीच वहां मौजूद बाकि लोगों ने फिर हमारा साथ दिया.

बिलाल ने बताया, ‘पुल के बगल में स्थित अस्पताल में हमारे भाई इलाज कराने आए थे. मैंने पहले उन्हें सूचना दी. हम काफी डर गए थे. पहले तो हम पुलिस को इसकी जानकारी नहीं देना चाहते थे, क्योंकि हम व्यापारी हैं. लेकिन फिर सोचे अगर इस वक्त कोई कार्रवाई नहीं हुई तो आगे ये हमें मार ही देंगे. ऐसे में हमने पास के डोरंडा थाने में जाकर इसकी शिकायत की.’

कश्मीर के पहलगाम के रहने वाले शब्बीर अहमद बट ने बताया कि, ‘बीते दिवाली के दिन भी उन्हें धमकी दी गई थी. उस दिन भी यही लोग शामिल थे. इसके बाद रांची के ही लोवाडीह इलाके में 9 अक्टूबर को उन लोगों के साथ मारपीट हुई थी. हम इसको छोटी घटना समझकर, भूल गए थे. लेकिन अब जान से मारने की कोशिश हो रही है, हम डर गए हैं.’

पहलगाम के ही मंजूर अहमद खान ने बताया कि, ‘इतने सालों से हम रांची आ रहे हैं. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के अन्य व्यापारी भी जमशेदपुर, धनबाद में रहने आते हैं. कुछ लोगों का तो परिवार भी यहीं बस गया है. कुछ की शादी हो गई है. आज तक किसी तरह की कोई घटना नहीं हुई. पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई जान-बूझ कर हमें निशाना बना रहा है.’

कश्मीरी व्यापारी फयाज अहमद वानी कहते हैं, ‘हम तो रांची के गली-गली को जानते हैं. हम उधार सामान भी देते हैं. बस भरोसे पर होता है. आज तक किसी ने उस भरोसे को तोड़ा नहीं है. हम बस इसे कायम रखना चाहते हैं.’

डोरंडा थाना शिकायत करने पहुंच आरोपी | फोटो- आनंद दत्त

संगठन ने दी दखल, फिर दर्ज हुई एफआईआर

थाने में पहुंचने पर इनकी शिकायत तो ले ली गई, लेकिन उसे एफआईआर में तब्दील नहीं किया जा रहा था. न ही थाने की ओर से इन्हें शिकायत दर्ज कराने के बदले मुहर लगी रिसीविंग दी जा रहा थी. इसके बाद स्थानीय संगठन अंजुमन इस्लामिया के कुछ पदाधिकारी थाने पहुंचे और उनके हस्तक्षेप के बाद इनकी शिकायत पर सरकारी मुहर लगाई गई.

अंजुमन इस्लामिया के महासचिव हाजी मोख्तार ने दिप्रिंट को बताया कि, ‘अंजुमन की टीम कश्मीरी लोगों की मदद के लिए थाने गई थी. कुछ लोग रांची का माहौल खराब करना चाहते हैं, वो कामयाब नहीं होंगे. चाहे वह किसी भी धर्म के लोग हों.’

बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रमुख को जानकारी नहीं

इसी मसले पर बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के झारखंड प्रमुख अनवर हयात ने कहा कि, ‘मुझे इस घटना की कोई जानकारी नहीं है. हमारी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक 14 अक्टूबर को होने वाली है. मैं उसी की तैयारी में व्यस्त हूं. कोई सीधे जय श्रीराम बोलने को कह रहा है और नहीं कहने पर गोली मारने की धमकी दे रहा है, ये मुझे थोड़ा अजीब लग रहा है.’

मंत्री ने कहा- सरकार कश्मीरियों की सुरक्षा के प्रति गंभीर

राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने दिप्रिंट से कहा कि, मैंने इस मसले पर पुलिस से बात की है. जो लड़का गिरफ्तार हुआ है वह नशेड़ी टाइप है. बाहर से आकर यहां व्यापार करने वाले किसी भी व्यक्ति की सुरक्षा के प्रति सरकार गंभीर है. कुछ शरारती तत्व जो माहौल खराब करना चाहते हैं. हमारी सरकार को बदनाम करना चाहते हैं, वह नहीं होने देंगे.

इसलिए झारखंड आते हैं कश्मीरी व्यापारी

इन व्यापारियों में एक रेयाज अहमद वानी ने बताया कि, ‘हम लोग बीते 22 सालों से रांची आ रहे हैं. केवल रांची में 400 से ज्यादा कश्मीरी व्यापारी इस वक्त हैं. हम हर साल अक्टूबर के महीने में आते हैं और मार्च की शुरुआत में लौट जाते हैं.’

कश्मीर के अनंतनाग जिले के बिलाल अहमद खान ने बताया कि, ‘यहां आने वाले सभी व्यापारी कश्मीर के थोक विक्रेताओं से उधार में माल लेकर आते हैं. इस घटना के बाद बृहस्पतिवार की रात कोई सो नहीं पाया. सभी के घर वाले रो रहे हैं. वो जिद पर अड़े हैं कि हम सारा माल छोड़ कर घर वापस चले जाएं. अब आप ही बताइए हर एक व्यापारी के पास 5 लाख या उससे अधिक का सामान है. अगर हम छोड़कर जाएंगे तो कर्ज कैसे चुकाएंगे. हमें तो जमीन बेचनी पड़ जाएगी.’

(आनंद दत्ता स्वतंत्र पत्रकार हैं)


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