नई दिल्ली: जियो और गूगल की तरफ से मिलकर विकसित किए गए ‘सबसे किफायती’ स्मार्टफोन जियोफोन नेक्स्ट को लेकर काफी उत्साह जताया जा रहा था, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि यह फोन बहुत महंगा है और भारत को 2जी मुक्त करने के रिलायंस अध्यक्ष मुकेश अंबानी के सपने के लिए एक झटका साबित हो सकता है.
‘सेमीकंडक्टर की कमी’ के कारण सितंबर में लॉन्च में देरी के बाद से ही इस फोन का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था. सबसे ज्यादा उत्साह और उत्सुकता इस बात को लेकर थी कि तकनीकी क्षेत्र की दो दिग्गज कंपनियों की तरफ से बनाए गए स्मार्टफोन की कीमत कितनी कम हो सकती है.
29 अक्टूबर को इस सस्पेंस से पर्दा उठा जब फोन लॉन्च किया गया, कंपनियों ने एक बयान जारी कर कहा कि ‘केवल 1999 रुपये के एंट्री प्राइस के साथ आपको फोन मिल जाएगा और बाकी राशि 18/24 महीनों की आसान ईएमआई में चुकाई जा सकेगी.’
दरअसल, दिवाली से दुकानों में उपलब्ध होने वाले इस फोन की कीमत 6,499 रुपये तय की गई है. ईएमआई पर लेने में इसकी कीमत और भी अधिक है, क्योंकि इसमें 501 रुपये की प्रॉसेसिंग फीस भी शामिल होगी.
विश्लेषकों का कहना है कि भारत में 2जी नेटवर्क वाले फीचर फोन इस्तेमाल करने वाले अनुमानित 55 करोड़ यूजर को 4जी पर चलने वाले जियो फोन की तरफ आकृष्ट करने के लिहाज से इसके दाम काफी ज्यादा हैं.
उनका कहना है कि उम्मीद थी कि यह फीचर फोन की कीमत पर उपलब्ध होने वाला स्मार्टफोन होगा, ताकि फीचर फोन उपयोगकर्ता 4जी पर स्विच कर सकें.
फीचर फोन की कीमत लगभग 1,200 रुपये है, जो नए जियोफोन की कीमत 6,500 रुपये से बहुत ज्यादा है.
आईटी और दूरसंचार क्षेत्र की एक मार्केट इंटेलिजेंस फर्म इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी), इंडिया में अनुसंधान निदेशक, नवकेंद्र सिंह का कहना है, ‘इस स्मार्टफोन की कीमत 6,499 रुपये (87 डॉलर) होना 37-40 करोड़ फीचर फोन यूजर बेस की पहुंच से बाहर है, जिनमें से करीब आधे फीचर फोन यूजर ऐसा फोन इस्तेमाल करते हैं जिसकी कीमत 1,200 रुपये से भी कम है और वह महीने भर में अपने वॉयस प्लान पर 150 रुपये से भी कम खर्च करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘ऐसे लाखों यूजर से कोई ऐसा फोन खरीदने की उम्मीद रखना समझ से परे है जो उनके मौजूदा फीचर फोन की तुलना में ज्यादा महंगा है, लेकिन उतना मजबूत नहीं है, जिसकी बैटरी भी उतनी दमदार नहीं है और जो बहुत ज्यादा संभालकर न रखने पर आसानी से टूट-फूट भी सकता है.’
उन्होंने कहा, ‘जियोफोन नेक्स्ट अभी कुछ लाख यूनिट (चिप और कंटेनर की कमी के कारण आपूर्ति सीमित रहने की चुनौती है) की बिक्री ही कर पाएगा लेकिन यह 5,000 से 8,000 रुपये के सेगमेंट वाले खरीदारों और रीफर्बिश्ड स्मार्टफोन खरीदारों के सेगमेंट को अधिक आकर्षित कर सकता है.’
उन्होंने कहा, ‘5000 रुपये की कीमत वाले पिछले जियो फोन की, लॉन्चिंग के बाद से अब तक, करबी 10 करोड़ यूनिट ही बेची जा सकी हैं. ऐसे में कीमत और आपूर्ति की मौजूदा स्थिति को देखते हुए नए जियोफोन की बिक्री इससे ज्यादा होने की उम्मीद करना चुनौतीपूर्ण होगा.’
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‘फोन के फीचर से कोई समस्या नहीं’
कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एनालिटिकल फर्म काउंटरपॉइंट रिसर्च में वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च नील शाह कहते हैं, ‘मौजूदा कीमत बहुत ज्यादा है. बेहतर कीमत शायद यह होती कि पहले 2,500 रुपये का डाउन पेमेंट लेते और उसके बाद करीब 100 रुपये की ईएमआई किस्तें होतीं. फोन के खास फीचर को लेकर बिक्री धीमी रहने का कोई मामला नहीं है, इस पर काम किया जा सकता था. 2जी फीचर फोन यूजर्स को 4जी स्मार्टफोन यूजर्स में बदलने के लिए फोन की बड़ी संख्या में बिक्री की असली चुनौती इसकी कीमत है.
हालांकि, हर कोई यह नहीं मानता है कि कीमत कोई बड़ी समस्या है.
एक अन्य मार्केट रिसर्च फर्म, टेकआर्क के फैजल कावूसा ने कहा, ‘जियोफोन नेक्स्ट की तकनीकी खासियतों को देखते हुए इसकी 6,499 रुपये की कीमत ठीक है.’
नया जियोफोन नेक्स्ट क्वालकॉम स्नैपड्रैगन क्यूएम215 के साथ आता है, जो कि एंट्री-लेवल किफायती फोन के लिए एक प्रॉसेसर है. इसमें दो सिम की क्षमता के साथ 3500 एमएएच बैटरी और 13 एमपी का रियर कैमरा और 8 एमपी का फ्रंट कैमरा है.
कावूसा ने कहा, ‘हालांकि, इसी सेगमेंट में रीयलमी, इनफिनिक्स के बेहतर फोन उपलब्ध हैं जिसमें और अच्छे फीचर हैं. विश्लेषक उम्मीद कर रहे थे कि जियो, गूगल और क्वालकॉम जैसे तकनीकी दिग्गजों द्वारा बनाया गया यह फोन अधिक किफायती होगा, और फीचर फोन यूजर को यह स्मार्टफोन पर स्विच करने के लिए आकर्षित करेगा, लेकिन नए जियो फोन के साथ ऐसा नहीं होने वाला है.’
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