वाशिंगटन: पेंटागन ने सोमवार को कहा कि चीन अपने पड़ोसियों को डरा रहा है और उनसे जबरन ऐसा व्यवहार कराने की कोशिश कर रहा है, जो उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा या आर्थिक हितों के अधिक अनुरूप है.
पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘चीन अपने पड़ोसियों को लगातार डरा रहा है और उनसे जबरन ऐसा व्यवहार कराने की कोशिश कर रहा है, जो चीन के राष्ट्रीय हितों या उसके आर्थिक हितों के अधिक अनुरूप हैं. हमें नहीं लगता कि यह एक खुले एवं स्वतंत्र हिंद-प्रशांत के अनुकूल है.’
उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने इस क्षेत्र में अपने गठजोड़ और भागीदारी को और मजबूत करने पर महत्व दिया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया है कि उसके साझेदारों के पास वहां मौजूद सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए पर्याप्त रक्षात्मक क्षमताएं हो.
किर्बी ने कहा, ‘इसलिए हम कड़ी मेहनत करना जारी रखेंगे.’ उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि अमेरिका, भारत और चीन की सीमा पर तनाव को लेकर निश्चित ही सावधान है.
सीरिया में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर ड्रोन हमले के पीछे ईरान का हाथ
अमेरिका के अधिकारियों का मानना है पिछले हफ्ते दक्षिण सीरिया में उनकी सैन्य चौकी पर हुए ड्रोन हमले के पीछे ईरान का हाथ था. इस सैन्य चौकी में अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं.
अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि अमेरिका का मानना है कि ईरान ने हमले के लिए हथियार उपलब्ध कराए और इसके लिए उकसाया. नाम नहीं जाहिर करने का हवाला देते हुए अधिकारियों ने बताया कि हमले में इस्तेमाल ड्रोन ईरानी थे.
हालांकि पिछले सप्ताह हुए हमले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. इस्लामिक स्टेट से मुकाबले के लिए अमेरिका और गठबंधन देशों के सैनिक सीरियाई बलों को प्रशिक्षित करने के लिए अल-तांफ सैन्य अड्डे में मौजूद हैं.
अमेरिका के रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने हालांकि सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में इससे संबंधित रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी. उन्होंने इसे ‘जटिल, समन्वित और जानबूझकर किया गया हमला’ बताया और कहा कि अमेरिका ने ईरान समर्थित शिया मिलिशिया समूहों द्वारा पहले भी किए गए इसी तरह के हमले देखे हैं.
हालांकि इस बारे में उन्होंने कोई विवरण नहीं दिया और कहा कि हमले में इस्तेमाल किए गए हथियारों के बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है. किर्बी ने यह बताने से भी इनकार कर दिया कि क्या सैनिकों को समय से पहले चेतावनी दी गई थी या क्या अमेरिका जवाबी सैन्य कार्रवाई का इरादा रखता है ?
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