scorecardresearch
Friday, 29 March, 2024
होमविदेशचीन ने अपनाया नया भूमि सीमा कानून, भारत के साथ सीमा विवाद पर पड़ सकता है असर

चीन ने अपनाया नया भूमि सीमा कानून, भारत के साथ सीमा विवाद पर पड़ सकता है असर

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 3,488 किलोमीटर के क्षेत्र में है जबकि भूटान के साथ चीन का विवाद 400 किलोमीटर की सीमा पर है.

Text Size:

बीजिंग: देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को ‘पवित्र’ बताते हुए चीन की संसद ने सीमा से सटे इलाकों के संरक्षण और उपयोग से जुड़े एक नए कानून को अपनाया है जिसका असर भारत के साथ बीजिंग के सीमा विवाद पर पड़ सकता है.

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक नेशनल पीपल्स कांग्रेस (एनपीसी) की स्थायी समिति के सदस्यों ने शनिवार को संसद की समापन बैठक के दौरान इस कानून को मंजूरी दी.

यह कानून अगले साल एक जनवरी से लागू किया जाएगा. इसके मुताबिक ‘पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पवित्र और अछूती है.’


यह भी पढ़ें: क्यों LAC पर चीन की सैन्य तैनाती से सीमा विवाद का कोई स्थायी समाधान निकलने के आसार लग रहे


शिन्हुआ के मुताबिक कानून में यह भी कहा गया है कि सीमा सुरक्षा को मजबूत करने, आर्थिक और सामाजिक विकास में मदद देने, सीमा से लगे क्षेत्रों को खोलने, ऐसे क्षेत्रों में जनसेवा और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने, उसे बढ़ावा देने और वहां के लोगों के जीवन और कार्य में मदद देने के लिए देश कदम उठा सकता है. वह सीमाओं पर रक्षा, सामाजिक और आर्थिक विकास में समन्वय को बढ़ावा देने के लिए उपाय कर सकता है.

देश समानता, विश्वास और मित्रतापूर्ण वार्तालाप के सिद्धांतों का पालन करते हुए पड़ोसी देशों के साथ जमीनी सीमा संबंधी मुद्दों से निबटेगा और काफी समय से लंबित सीमा से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत करेगा.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

बीजिंग ने अपने 12 पड़ोसियों के साथ तो सीमा संबंधी विवाद सुलझा लिए हैं लेकिन भारत और भूटान के साथ उसने अब तक सीमा संबंधी समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया है.

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 3,488 किलोमीटर के क्षेत्र में है जबकि भूटान के साथ चीन का विवाद 400 किलोमीटर की सीमा पर है.

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने पिछले हफ्ते कहा था कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर घटनाक्रमों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है और जाहिर तौर पर इसका असर रिश्तों पर भी पड़ा है.


यह भी पढे़ं: जल, थल, नभ: भारत ने आक्रामक और रक्षात्मक दोनों रणनीतियों के साथ चीन के खिलाफ खुद को मजबूत किया


 

share & View comments