नई दिल्ली: युवा पहलवान की हत्या के मामले में पहलवान एवं ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार के मुकदमे को ‘सनसनीखेज’ बनाने से मीडिया को रोकने और आपराधिक मामलों की रिपोर्टिंग के लिए नियम बनाने के लिये दायर याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय शुक्रवार को सुनवाई करेगा.
इस मामले का बृहस्पतिवार को मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष उल्लेख किया गया. इस पर पीठ ने इसे मई में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने की अनुमति दी.
यह याचिका कानून के एक छात्र ने दायर की है. इसमें आरोप लगाया गया है कि छत्रसाल स्टेडियम में हुए विवाद के कारण 23 वर्षीय पहलवान की मौत के सिलसिले में कुमार के खिलाफ चल रहे मामले में मीडिया की रिपोर्टिंग से कुमार का करियर और साख खराब हो रही है.
दिल्ली की एक अदालत ने साथी पहलवान की हत्या के सिलसिले में पूछताछ के लिए 23 मई को कुमार को छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. अदालत ने कहा था कि उनके खिलाफ लगे आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और कोई भी कानून से ऊपर नहीं है.
कुमार और उनके साथियों ने यहां छत्रसाल स्टेडियम में चार और पांच मई की दरम्यानी रात को पहलवान सागर धनखड़ और उसके दो दोस्तों सोनू और अमित कुमार पर कथित तौर पर हमला कर दिया था. बाद में चोट के कारण सागर की मौत हो गई थी.
कुमार को सह-आरोपी अजय के साथ 23 मई को बाहरी दिल्ली के मुंडका से गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले दो बार ओलंपिक पदक जीत चुके कुमार करीब तीन हफ्तों तक फरार रहे.
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