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Thursday, 21 November, 2024
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छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने कुबूला, ‘नहीं पता था चार गुना ज्यादा भारी होगी कोविड की दूसरी लहर’

स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव ने कहा, पिछली बार की अपेक्षा प्रदेश में कोविड की दूसरी लहर चार गुना ज्यादा भारी है. हम दूसरी लहर के लिए तैयार थे लेकिन ऐसी लहर के लिए नही जो चार गुना ज्यादा भारी होगी.

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रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि उसे पता था कि कोविड 19 महामारी की दूसरी लहर आ रही है लेकिन इसकी गति और खतरे की तीव्रता का अनुमान नही था. यही कारण है कि प्रदेश में अप्रैल माह में अकेले रिकॉर्ड तोड़ करीब 3.70 लाख पॉजिटिव केस मिले और आज 1.31 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हो गए हैं.

राज्य सरकार के अनुसार छत्तीसगढ़ में 1 अप्रैल के बाद कोविड कि दूसरी लहर सितंबर 2020 के पहले कमजोर हो चुकी पहली लहर से चार गुना ज्यादा घातक साबित हुई. इसके चलते राज्य में कोविड-19 मैनेजमेंट का मूलभूत ढांचा कमजोर पड़ गया और पॉजिटिव मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि के साथ मौतों का आंकड़ा आज डेली 220 से ज्यादा हो गया.

दिप्रिंट से बात करते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव कहा ‘हमें पता था कि कोविड की दूसरी लहर के लिए तैयार रहना है लेकिन इसकी तीव्रता और गहराई का अनुमान नही था.’

वह आगे कहते हैं, ‘पिछली बार की अपेक्षा प्रदेश में कोविड की दूसरी लहर चार गुना ज्यादा भारी है. हम दूसरी लहर के लिए तैयार थे लेकिन ऐसी लहर के लिए नहीं जो चार गुना ज्यादा भारी होगी.’

स्वास्थ्य मंत्री ने दिप्रिंट से आगे कहा, ‘हम ही क्या दुनिया में कोई भी व्यक्ति इसकी गति का पूर्वानुमान नही लगा पाया. राज्य में 31 मार्च तक सब कुछ नियंत्रण में था लेकिन अप्रैल में यह भारी पड़ने लगा. कोविड की दूसरी लहर अधिक प्रभावी 1 अप्रैल के बाद हुई किसके कारण इसे काउंटर करने के लिए हमारी तैयारी अपर्याप्त साबित हुई.’

सिंह देव आगे कहते हैं,’ सितंबर 2020 तक अधिकतम पॉजिटिव मामलों की संख्या करीब 3,900 थी. इसके बाद फरवरी 2021 इसमें लगातार गिरावट दर्ज की गई लेकिन मार्च में संख्या बढ़ने लगी. फिर भी मार्च अंत तक सबकुछ कंट्रोल में था क्योंकि महीने के अंतिम सप्ताह में रोज़ाना औसतन करीब 2,700 मामले मिले थे. जबकि मार्च के पहले सप्ताह में यह औसत करीब 260 पॉजिटिव मरीजों का था.’


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मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं हुईं कमजोर

लेकिन राज्य में कोविड की भारी मार अप्रैल में पड़ी जब पहले सप्ताह में डेली पॉजिटिव मामलों की औसत संख्या 6,770, दूसरे सप्ताह में 12, 809, तीसरे सप्ताह में 14,653 और चौथे सप्ताह में यह बढ़कर करीब 15,000 हो गई. अप्रैल में डेली पॉजिटिव मरीजों के मिलने का औसत करीब 13,300 रही है.

स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, ‘हमें दूसरी लहर की उम्मीद थी लेकिन ऐसी लहर की नहीं जिसकी तीव्रता पहली लहर से चार गुना से ज्यादा हो. अप्रैल में कोविड पॉजिटिव मरीजों की संख्या में तेजी का मुख्य कारण वायरस के नेचर में बदलाव और हमार संक्रमण से बचाव के लिए कोविड अनुकूल व्यवहार(Covid Appropriate Behaviour) के प्रति नकारात्मक रवैया रहा.’

स्वास्थ्य मंत्री ने माना कि अप्रैल में मरीजों की संख्या चार गुना बढ़ने के चलते राज्य में कोविड मैनेजमेंट के लिए उपलब्ध मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं कमजोर पड़ गईं. ‘इसमें कोई शक नही की कोविड पॉजिटिव मामलों में चार गुना से भी अधिक वृद्धि की वजह से हमारी कोविड-19 से लड़ने की तैयारी और स्वास्थ्य सेवाएं कमजोर पड़ गई.

हालांकि, पिछले 8-10 दिनों के दौरान स्थिति अब नियंत्रण में है और पॉजिटिविटी रेट भी 30 प्रतिशत से घटकर करीब 25 प्रतिशत पर आ गया है.’

राज्य कोविड कंट्रोल एण्ड कमांड सेंटर के प्रवक्ता सुभाष मिश्रा का कहना है, ‘छत्तीसगढ़ में अप्रैल में कोरोना पॉजिटव मामलों में भारी वृद्धि का मुख्य कारण जनता द्वारा महामारी से बचाव के प्रति बेहद गैर जिम्मेदाराना तरीका था. लोगों ने मास्क लगाना तकरीबन बंद ही कर दिया था और कोविड प्रोटोकाल के नियमों का पालन भी न के बराबर ही हो चला था. इसके साथ ही प्रदेश में कोविड के नए वैरिएंट का मिलना भी हमारे लिए बहुत घातक साबित हुआ.

राज्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं, अन्य राज्यों की मदद की 

सिंह देव ने आगे बताया कि ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए और दूसरी लहर का अनुमान लगाकर हमने पहले ही सितंबर महीने में ऑक्सीजन जेनरेटिंग यूनिट स्थापित करने का निर्णय लिया और नवंबर से यह काम चालू हो गया था. करीब 25.79 मिलियन लीटर 3685 जम्बो सिलेंडर के बराबर प्रतिदिन हमने ऑक्सीजन जेनरेटिंग कैपेसिटी राज्य में निर्मित की. इनमें केंद्र पोषित चार यूनिटों में से एक शामिल है. केंद्र समर्थित तीन ऑक्सीजन जनरेटिंग यूनिट अभी लगना बाकी है.

सिंह देव कहते हैं, ‘इसके साथ ही हमने दूसरी लहर की तैयारी के तहत इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन बनाने वाली औद्योगिक इकाइयों में मेडिकल ऑक्सीजन बनाने का लाइसेंस जारी किए जिससे राज्य में आज ऑक्सीजन की कमी नहीं है. प्रदेश में आज करीब 388.87 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादित हो रहा है जबकि हमारी आवश्यकता 110 मीट्रिक टन की है. हमने 11 से 24 अप्रैल के बीच 2000 मीट्रिक टन सरप्लस ऑक्सीजन अन्य राज्यों को भी भेजा है. यह मदद आज भी जारी है.

इसके साथ ही पिछले एक साल में राज्य में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए 6,310 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर तैयार किए गए. सरकार ऑक्सीजन वाले बेड्स की संख्या 13, 000 करने का प्रयास कर रही है.


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नहीं थम रहा राज्य में कोविड संकट, मृत्य दर 148 प्रतिदिन से बढ़कर 228 हुई

प्रदेश में अबतक मिले कोरोना के कुल 8.16 लाख मरीजों में करीब 4 लाख से अधिक अप्रैल में मिले हैं. दूसरी तरफ मई के पहले सात दिनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में अभी भी रोज़ाना 14,500 से ज्यादा पॉजिटव मामले मिल रहे हैं. माह के पहले सप्ताह में अबतक कुल 87, 789 मरीज मिल चुके हैं. राज्य में कोविड से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी पिछले माह बहुत तेजी से बढ़ा है. 31 मार्च को कोविड मरीजों की मोर्टेलिटी जहां 4179 थी वहीं करीब 148 प्रतिदिन मौतों की औसत संख्या के साथ अप्रैल के अंत तक यह आंकड़ा 8,581 तक पहुंच गया. मई के पहले 6 दिनों मे कोविड से कुल 1369 मौतें हो चुकी हैं. मई में अबतक अप्रैल की अपेक्षा प्रतिदिन मारने वालों की संख्या करीब 228 है.

स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार पिछले दो सालों में राज्य में आईसीयू बिस्तर 53 से बढ़ाकर 554 कर दिये गए हैं, वहीं एचडीयू बेड की संख्या 20 से बढ़ाकर 504 की गई और वेंटिलेटर 35 से बढ़कर आज 526 है. सिंहदेव ने केंद्र द्वारा पीएम केअर फण्ड से पिछले साल दिए गए 230 वेंटिलेटर्स में से करीब 70 के खराब होने का भी आरोप लगाया. उनके अनुसार इन वेंटिल्टर्स को राज्य सरकार द्वारा रिपेयर करवा कर अब इस्तेमाल में लाया जा रहा है.

सिंहदेव ने विपक्ष के आरोप को भी नकारा जसमें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि राज्य सरकार ने पीएम केअर फण्ड से खराब वेंटिलेटर्स खरीदा था.

इसके साथ ही सिंहदेव का कहना है कि ‘राज्य में बढ़ती आईसीयू बेड्स की आवश्यकता को देखते हुए उनके द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मांगे गए करीब 1000 प्री-फैब्रिकेटेड आईसीयूस बेड्स पर केंद्र सरकार ने कोई ठोस जवाब नही दिया है. वहीं राज्य में तकरीबन सभी आईसीयू बेड्स भर चुके हैं जिससे हमारे लिए प्री- फैब्रिकेटेड बेड्स की आवश्यकता बढ़ गई है.’


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