चंडीगढ़/बलिया/बाराबंकी (उत्तर प्रदेश): पंजाब के गृह विभाग ने गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की हिरासत उत्तर प्रदेश सरकार को आठ अप्रैल तक रूपनगर जेल से लेने के लिए कहा है. वहीं, गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने रविवार को कहा कि उनके भाई की सुरक्षा अब न्यायपालिका और योगी आदित्यनाथ शासन की जिम्मेदारी है.
मुख्तार अंसारी, उप्र में कई मामलों में वांछित हैं. वह कथित वसूली के मामले में जनवरी 2019 से पंजाब की रूपनगर जिला कारागार में हैं.
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को लिखे पत्र में पंजाब के गृह विभाग ने विचाराधीन कैदी अंसारी के स्थानांतरण के लिए उपयुक्त इंतजाम करने को कहा है.
पत्र में कहा गया है कि जिला कारागार रूपनगर में कैदी को आठ अप्रैल को, या इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपा जाएगा.
उसमें कहा गया है कि अंसारी को कई बीमारियां भी हैं और रूपनगर जेल से उत्तर प्रदेश की जेल ले जाने का प्रबंध करने के दौरान इसका ध्यान रखा जाना चाहिए.
बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई एवं गाजीपुर (उप्र) से सांसद अफजाल अंसारी ने कहा, ‘उनके उत्तर प्रदेश की जेल में आने पर सुरक्षा की जिम्मेदारी न्यायपालिका और राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की है. अदालत को उनके जीवन की रक्षा और उन्हें दी गई मेडिकल सुविधाओं की निगरानी करनी चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘किसी भी नागरिक के जीवन की सुरक्षा सरकार का फर्ज है. यह फर्ज दोगुना हो जाता है, जब वह कैदी न्यायिक अभिरक्षा में हो और चार गुना तब हो जाता है, जब राज्य सरकार याचिका दाखिल कर न्यायालय से गुजारिश करे कि मुकदमे की सुनवाई प्रभावित हो रही है.’
पंजाब सरकार ने अपने पत्र में, 26 मार्च के उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला दिया है, जिसमें राज्य सरकार को निर्देश दिया गया है कि दो हफ्ते में उत्तर प्रदेश के मऊ से विधायक को बांदा जेल में स्थानांतरित किया जाए.
अपना आदेश देते हुए, शीर्ष अदालत ने कहा था कि अंसारी हत्या की कोशिश, हत्या, धोखाधड़ी और साजिश के विभिन्न अपराधों में कथित रूप से शामिल है. उनके खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत भी उत्तर प्रदेश में मामले दर्ज हैं.
उप्र में बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कि मऊ से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी द्वारा पंजाब में इस्तेमाल की जा रही एंबुलेंस के प्रकरण में जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तरी) के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई है.
उन्होंने बताया कि एसआईटी के तहत दो दल गठित किए गए हैं. एक हैदरगढ़ के पुलिस क्षेत्राधिकारी नवीन कुमार के नेतृत्व में पंजाब और दूसरी इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह के नेतृत्व में मऊ भेजा गया है. दोलों दल सभी पहलुओं पर जांच करेंगे. वे इस मामले में आरोपों के घेरे में आई डॉक्टर अलका राय से भी बात करेंगे. एम्बुलेंस किसके आदेश से जेल से मुख्तार अंसारी को ले गई और अंसारी का बाराबंकी से क्या रिश्ता है, उसका भी पता लगाया जाएगा.
बहुजन समाज पार्टी सांसद अफजाल ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘एम्बुलेंस प्रकरण से मुख्तार का कोई लेना-देना नहीं है. एम्बुलेंस मुख्तार की विधायक निधि से खरीदे जाने की बात बिल्कुल गलत है. अगर ऐसा है तो सरकारी अभिलेखों से इसकी जांच की जा सकती है.’
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के नंबर प्लेट वाली एक एंबुलेंस के कागजात फर्जी पाये जाने के बाद बाराबंकी में दो अप्रैल को एक मामला दर्ज किया गया था.
मुख्तार अंसारी को 31 मार्च को 2019 की कथित वसूली के सिलसिले में मोहाली की एक अदालत में पेश किया गया था.
कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें व्हील चेयर पर अदालत ले जाया गया था. उन्हें पेशी के बाद वापस रूपनगर कारागार भेज दिया गया था.