यंगून: म्यांमार के तख्तापलट का विरोध कर रहे लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बुधवार को प्रर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और रबड़ की गोलियां दागीं. विभिन्न शहरों से आई खबरों के मुताबिक, पुलिस ने कारतूस का भी इस्तेमाल किया जिसमें कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई.
एक फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को दबाने के लिए म्यांमार के नए सैन्य शासकों ने हिंसक बल प्रयोग बढ़ा दिया है और सामूहिक गिरफ्तारियां करना शुरू कर दिया है.
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि ऐसी आशंका है कि रविवार को कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई.
हिंसा बढ़ने के बाद, म्यांमार के राजनीतिक संकट का हल निकालने के लिए कूटनीतिक प्रयास भी बढ़ा दिए गए हैं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद शुक्रवार को म्यांमार के हालात को लेकर बैठक कर सकती है. परिषद के राजनयिकों ने बताया कि इस बैठक के लिए ब्रिटेन ने अनुरोध किया था.
दस राष्ट्रों के क्षेत्रीय समूह दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन(आसियान) के विदेश मंत्रियों की मंगलवार को टेलिकॉन्फ्रेंस बैठक हुई जिसमें सहायक कदमों पर आम सहमति बनाने का प्रयास किया गया. इस समूह की अपील को दरकिनार करते हुए म्यांमार के सुरक्षा बलों ने बुधवार को भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बल प्रयोग करना जारी रखा.
स्वतंत्र समाचार सेवा डेमोक्रेटिक वॉइस ऑफ बर्मा के मुताबिक, मोनयावा शहर में कम से कम तीन लोगों को गोली मारी गई. सोशल मीडिया पर कई पोस्ट में दावा किया गया कि यिंगयांग में 14 वर्षीय लड़के को गोली मारी गई.
सोशल मीडिया पर और स्थानीय समाचार प्रदाताओं की ओर से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई तथा मरने वालों के बारे में लगातार खबरें आ रही हैं.
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