नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार से हिंदू विवाह अधिनियम और विशेष विवाह अधिनियम के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के अनुरोध को लेकर दायर जनहित याचिका पर जवाब देने को कहा है.
न्यामूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ और न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया और उसे चार सप्ताह के भीतर इसके जवाब में हलफनामा दायर करने को कहा.
याचिकाकर्ता अभिजीत अय्यर मित्रा ने याचिका में दावा किया है कि समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बावजूद समलैंगिक जोड़ों के बीच विवाह संभव नहीं हो पा रहा है.
यह भी पढ़ें: ओबामा की किताब ‘ए प्रॉमिस्ड लैंड’ नया रिकॉर्ड बनाने को तैयार, 24 घंटे में 8 लाख 90 हजार प्रतियां बिकीं