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Thursday, 21 November, 2024
होमदेशरेलवे ने बताया पंजाब में किसान आंदोलन के कारण 1,987 यात्री ट्रेनें और 3,090 मालगाड़ियां रद्द करनी पड़ीं

रेलवे ने बताया पंजाब में किसान आंदोलन के कारण 1,987 यात्री ट्रेनें और 3,090 मालगाड़ियां रद्द करनी पड़ीं

अधिकारियों का कहना है कि मोदी सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों का प्रदर्शन शुरू होने के बाद से भारतीय रेलवे को 1,670 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है.

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नई दिल्ली: पंजाब के किसान संगठन नरेंद्र मोदी सरकार से बातचीत के बावजूद सितंबर में संसद द्वारा पारित तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन खत्म करने को तैयार नहीं हो रहे हैं. दिप्रिंट को मिले रेल मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस आंदोलन के कारण भारतीय रेलवे को 1,987 यात्री गाड़ियों और 3,090 मालगाड़ियों को रद्द करना पड़ा है या गंतव्य से पहले ही सेवाएं बंद करनी पड़ी हैं.

उदाहरण के तौर पर पंजाब में 17 और 18 नवंबर को चलने वाली 43 यात्री गाडियों को रद्द किया गया या फिर उन्हें गंतव्य से पहले ही रोका जा रहा. वहीं, 16 नवंबर को कोयला, उर्वरक और सीमेंट आदि ले जाने वाली ले जाने वाली 203 मालगाड़ियां के मामले में भी यही स्थिति रही.

रेल मंत्रालय के प्रवक्ता डी.जे. नारायण ने इन आंकड़ों की पुष्टि की. उन्होंने कहा, लगभग 30-40 यात्री गाड़ियां प्रतिदिन रद्द की जा रही हैं. अभी तक के हमारे आंकड़ों के अनुसार, पंजाब आंदोलन के कारण 1,987 यात्री ट्रेनें रद्द की चुकी है….जबकि यह ऐसा समय है जब त्योहारी सीजन के कारण ट्रेनों में यात्रियों की संख्या 90 प्रतिशत से अधिक हो रही है.’

रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘अक्टूबर की शुरुआत में हम पंजाब में लगभग पांच-छह विशेष ट्रेनें चला रहे थे, बाद में इस संख्या को बढ़ा दिया गया था क्योंकि देशभर में और ज्यादा विशेष ट्रेनों की घोषणा कर दी गई थी.’

यह पूछे जाने पर कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के बावजूद यात्री ट्रेनें निर्धारित क्यों की जा रही हैं, ऊपर उद्धृत अनाम अधिकारी ने कहा, ‘बुकिंग बंद नहीं की जा सकती, जबकि रेलवे को यात्रियों के रिफंड के तौर पर क्षति उठानी पड़ सकती है.’


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अधिकारियों ने यह भी कहा कि आंदोलन के कारण रेलवे का नुकसान 1,670 करोड़ रुपये तक हो चुका है.

ट्रेन रद्द होने की वजह से नुकसान के कारण माल ढुलाई कराने वाले उपभोक्ताओं ने परिवहन के अन्य साधनों की ओर रुख किया है. पंजाब में माल की आवाजाही दोनों ही तरफ से प्रभावित हुई हैं, औसत नुकसान प्रति दिन लगभग 30 रैक (ट्रेन-सेट) है.

किसानों-सरकार के बीच गतिरोध

नए कृषि कानूनों पर केंद्र और आंदोलनकारी किसानों के बीच जारी गतिरोध को लेकर पिछले हफ्ते बातचीत हुई थी लेकिन सात घंटे के विचार-विमर्श के बावजूद कोई निर्णय नहीं हो पाया.

बैठक की अध्यक्षता करने वाले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बाद में समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘बैठक में एक बात तो साफ थी कि किसानों की मांग और सरकार की स्थिति में काफी अंतर को देखते हुए सामंजस्य बैठाना आसान काम नहीं हैं, और इसे तुरंत हल नहीं किया जा सकता. मैं आभारी हूं कि वे आए और मैंने उनसे ऐसी और चर्चाओं का अनुरोध किया है.’

रेलवे प्रवक्ता नारायण ने कहा: ‘रेलवे बहुत स्पष्ट है. यदि यात्री गाड़ियां अवरुद्ध हैं तो ट्रेन ड्राइवर और स्टेशन मास्टरों सहित सभी की सुरक्षा के लिए हम मालगाड़ियों को भी नहीं चलाएंगे. रेलवे को राज्य सरकार और आंदोलनकारियों की तरफ से इस बात का स्पष्ट आश्वासन चाहिए कि कोई ट्रेन बाधित नहीं की जाएगी.’

केंद्र और किसान संगठनों के बीच अगली बैठक 18 नवंबर को होगी.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )

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