पटना: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक शुरुआत करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
लव को बांकीपुर विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस का टिकट दिया गया है, जो पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इसी सीट से उनके पिता ने दो बार भाजपा का प्रतिनिधित्व किया था.
कांग्रेस प्रवक्ता हरखू झा ने दिप्रिंट से कहा, ‘लव सिन्हा को बांकीपुर विधानसभा सीट दी गई है और वे आज अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे.’
इस निर्वाचन क्षेत्र में दूसरे चरण में 3 नवंबर को मतदान किया जाना है.
बांकीपुर सीट से लव को मैदान में उतारने के शत्रुघ्न सिन्हा के फैसले ने उनके समर्थकों को भी हैरान कर दिया है, क्योंकि यह सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है. 2019 के लोकसभा चुनाव में जब उन्होंने पटना साहिब निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था तो खुद सिन्हा ने भी हार का स्वाद चखा था. इसी निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत बांकीपुर आता है.
शत्रुघ्न सिन्हा के करीबी सहयोगी राजीव कांक ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि लव पटना से परिचित नहीं है.’ ‘2019 के लोकसभा चुनावों में, उन्होंने पटना में डेरा डाला और पटना साहिब के हर कोने का दौरा किया था. बांकीपुर सीट को भाजपा की सीट बतना गलत है. ‘
लव खुद एक अभिनेता हैं. उन्होंने 2009 में फिल्म सदियां के साथ अपना बॉलीवुड डेब्यू किया. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली. उन्होंने 2018 में जे पी दत्ता की पलटन में भी अभिनय किया है.
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भाजपा का गढ़, मजबूत प्रतिद्वंद्वी
लव सिन्हा को तीन बार के भाजपा विधायक नितिन नवीन के खिलाफ मैदान में है. नवीन जिन्होंने नवंबर 2005 से इस सीट पर कब्जा जमाया हुआ है. और तीनों ही चुनाव में नवीन ने शानदार जीत दर्ज की है.
नवीन वास्तव में अपने दिवंगत पिता नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा जो 1995 से इस सीट से विधायक रहे हैं उसे ही आगे बढ़ा रहे हैं. यह विडंबना ही है कि दिवंगत पिता शत्रुघ्न सिन्हा के दोस्त थे.
नितिन नवीन ने दिप्रिंट को बताया,’ बांकीपुर और पटना साहिब भाजपा के किले रहे हैं. शत्रुघ्न सिन्हा को खुद इस बात का एहसास हुआ होगा जब उन्होंने 2019 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और उन्हें बुरी तरह से इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था.
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने किसी फिल्मी सितारे को मैदान में उतारा है. 2009 में उन्होंने शेखर सुमन पर दांव आजमाया था लेकिन उनकी जमानत भी जब्त हो गई थी.
नवीन आज अपना नामांकन पत्र भी भरेंगे.
बांकीपुर में कायस्थों का वर्चस्व है, नितिन और लव दोनों ही उच्च जाति के हैं. यदि पटना साहिब एक भाजपा का किला है, तो बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र ताज है, क्योंकि भाजपा के उम्मीदवार हमेशा यहां से बड़ी लीड के साथ सुरक्षित और जीतते रहे हैं .
कांग्रेस की उम्मीद कम है
यहां की स्थिति ऐसी है कि कुछ कांग्रेस के नेताओं ने पहले ही मान लिया है कि यहां हार निश्चित है. बिहार विधानसभा की कुछ 243 सीटों में से महागठबंधन में बांटी गई 70 सीटों में से एक है जहां कांग्रेस की सीधी टक्कर भाजपा से है.
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘पार्टी ने सिर्फ बातचीत में सीटों की संख्या देखी आरजेडी ने कई सीटें सौंपी जो खुद वह भी नहीं जीत सकते हैं.’ “बांकीपुर उन सीटों में से एक है जहां लड़ाई सिर्फ प्रतीकात्म होने जा रही है.’
राजनीतिक दिग्गजों के बेटे और बेटियों को टिकट दिए जाने को लेकर पार्टी के भीतर घमासान भी जारी है.
कांग्रेस ने वरिष्ठ राजनेताओं के कई बेटों और रिश्तेदारों को टिकट दिया है. कांग्रेस के विधायक ने लगभग मजाक उड़ाते हुए कहा, ‘हमने (राज्य अध्यक्ष) मदन मोहन झा के बेटे, शरद यादव की बेटी को टिकट दिया है, भले ही वह बिहार के बारे में शायद ही कुछ जानती हों, सांसद अखिलेश सिंह के बेटे और कई अन्य लोगों को भी टिकट दिया गया है. फिर शत्रुघ्न सिन्हा को क्यों छोड़ा जाना चाहिए? कम से कम वह बाकी लोगों से अगल भीड़ खींचने वाले व्यक्ति हैं.’
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