मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल बी एस कोश्यारी को सूचित किया है कि राज्य में कोविड-19 संबंधी हालात की पूरी समीक्षा के बाद धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने का फैसला किया जाएगा.
ठाकरे ने कोश्यारी के सोमवार को लिखे पत्र के जवाब में मंगलवार को पत्र लिखकर कहा कि राज्य सरकार इन स्थलों को पुन: खोलने के उनके अनुरोध पर विचार करेगी.
कोश्यारी ने अपने पत्र में कहा था कि उनसे तीन प्रतिनिधिमंडलों ने धार्मिक स्थलों को पुन: खोले जाने की मांग की है.
ठाकरे ने अपने जवाब में कहा कि यह संयोग है कि कोश्यारी ने जिन तीन पत्रों का जिक्र किया है, वे भाजपा पदाधिकारियों और समर्थकों के हैं.
महाराष्ट्र में मंदिरों को खोले जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. भाजपा कार्यकर्ता मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर और शिरडी के साईं बाबा मंदिर खोले जाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर उनसे पूछा है कि उन्हें कोई दिव्य प्रेम प्राप्त हुआ है या फिर वो धर्मनिरफेक्ष हो गए हैं.
बता दें कि प्रदर्शन के दौरान भाजपा के नेता प्रसाद लाड को मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में लिया है. बता दें कि इस दौरान भाजपा के कुछ कार्यकर्ता बैरिकेटिंग तोड़ कर मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश भी की. भाजपा आज राज्य भर में मंदिरों को खोले जाने को लेकर प्रदर्शन कर रही है.
कोश्यारी और उद्धव का लेटर वार
कोश्यारी आरएसएस से जुड़े रहे हैं और भाजपा के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा था, ‘क्या आप अचानक धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं?’
बता दें कि कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कोविड-19 से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिरों को खोले जाने को लेकर खत लिखा है. कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर उनसे पूछा है कि उन्हें कोई दिव्य प्रेम प्राप्त हुआ है या वो धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं.वही जिससे आप नफरत करते थे.
राज्यपाल ने खत में यह भी लिखा है कि एक जून से राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने का एलान किया गया था, लेकिन चार महीने बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है.
राज्यपाल ने कहा, ‘यह विडंबना है कि सरकार ने एक तरफ बार और रेस्टोरेंट को तो खोल दिया है, लेकिन मंदिरों को अभी तक नहीं खोला गया है.’ कोश्यारी अपने खत में ठाकरे को यह भी याद दिला रहे हैं कि आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं. आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की.
खत में आगे राज्यपाल लिखते हैं, ‘लेकिन मुझे आश्चर्य हो रहा है कि आपको मंदिर नहीं खोलने के लिए कोई दिव्य प्रेम प्राप्त हो रहा है या फिर आप धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं. यह एक ऐसा शब्द है, जिससे आप नफरत करते हैं.’
Maharashtra Governor wrote to CM Uddhav Thackeray, seeking re-opening of places of worship with COVID precautions
"I wonder if you're receiving any divine premonition to keep postponing re-opening or you've suddenly turned 'secular' yourselves, the term you hated?" letter states pic.twitter.com/BedTgTSP2d
— ANI (@ANI) October 13, 2020
ठाकरे बोले
इसके जवाब में ठाकरे ने सवाल किया कि क्या कोश्यारी के लिए हिंदुत्व का मतलब केवल धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने से है और क्या उन्हें नहीं खोलने का मतलब धर्मनिरपेक्ष होना है.
ठाकरे ने कहा, ‘क्या धर्मनिरपेक्षता संविधान का अहम हिस्सा नहीं है, जिसके नाम पर आपने राज्यपाल बनते समय शपथ ग्रहण की थी.’
उन्होंने कहा, ‘लोगों की भावनाओं और आस्थाओं को ध्यान में रखने के साथ साथ, उनके जीवन की रक्षा करना भी अहम है. लॉकडाउन अचानक लागू करना और समाप्त करना सही नहीं है.’
ठाकरे ने आगे लिखा है, ‘और हां, मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो हिंदुत्व का अनुसरण करता है, मेरे हिंदुत्व को आपसे सत्यापन की आवश्यकता नहीं है.’