नई दिल्ली: लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं को छोड़कर सभी 32 में से ज्यादातर आरोपियों के बुधवार को लखनऊ स्थित सीबीआई कोर्ट में पेश होने की संभावना है, जो बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा ढहाए जाने के 27 साल पुराने मामले में अपना फैसला सुनाने वाली है.
ज्यादा उम्र और कोविड-19 महामारी के कारण आडवाणी, जोशी और भारती के अनुपस्थित रहने के आसार हैं. भारती सोमवार को टेस्ट में कोरोनोवायरस पॉजीटिव निकली थीं और उन्हें ऋषिकेश स्थित एम्स में भर्ती कराया गया है.
अदालत के 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस में अपना फैसला सुनाने को तैयार होने के बीच अन्य आरोपियों, जिसमें 1992 में फैजाबाद से सांसद रहे विनय कटियार, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के उपाध्यक्ष चंपत राय, मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया और पार्टी सदस्य साक्षी महाराज शामिल हैं, के कोर्ट में मौजूद रहने की संभावना है.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल राम जन्मभूमि पर टाइटल सूट मुकदमे में अपना फैसला सुनाया था और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अब शुरू भी हो चुका है.
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आडवाणी, जोशी और भारती का पहुंचना मुश्किल
92 वर्षीय आडवाणी और 86 साल के जोशी ने जुलाई में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने बयान दर्ज कराए थे. दोनों ने ढांचा विध्वंस में कोई भी भूमिका होने से साफ इनकार किया है.
न्यायाधीश एस.के. यादव ने फैसले सुनाए जाने के दौरान सभी 32 अभियुक्तों को व्यक्तिगत तौर पर अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया था, लेकिन आडवाणी के एक सहयोगी ने दिप्रिंट को बताया कि पूर्व उपप्रधानमंत्री वहां नहीं जाने वाले हैं.
सहयोगी ने कहा, ‘आडवाणीजी के लखनऊ पहुंचने का कोई कार्यक्रम नहीं है. कोविड की इस स्थिति के बीच एक वरिष्ठ नेता अदालत कैसे जा सकते हैं? यदि वीडियो लिंक भेजा जाएगा तो वह अदालती कार्यवाही से जुड़ सकते हैं.’
पूर्व केंद्रीय मंत्री जोशी के भी फैसले के दौरान कोर्ट में मौजूद न रहने की संभावना है. एक निकट सहयोगी ने दिप्रिंट को बताया, ‘कोविड के दिशानिर्देश वरिष्ठ नागरिकों को घर से बाहर निकलने से रोकते हैं.’
दोनों नेता 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए हुए भूमि पूजन समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे.
केदारनाथ यात्रा के दौरान टेस्ट में कोविड पॉजीटिव निकलीं उमा भारती ने सोमवार को ट्वीट कर कहा था कि यदि एम्स के डॉक्टर इजाजत देंगे तो वह लखनऊ की सीबीआई अदालत में उपस्थित रहना चाहेंगी.
मैं अभी-अभी एम्स ऋषिकेश में भर्ती हो गई हूं। इसके तीन कारण है- (1) @drharshvardhan जी बहुत चिंता कर रहे हैं,
(2) मेरे को रात में बुखार बढ़ गया,
(3) मेरी एम्स में जांच-पड़ताल होने के बाद यदि मुझे सकारात्मक रिपोर्ट मिली तो मैं परसों लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में पेश होना चाहती हूं।— Uma Bharti (@umasribharti) September 28, 2020
भाजपा के वरिष्ठ नेता और यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भी अस्वस्थता के कारण कोर्ट में अनुपस्थित रह सकते हैं.
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राय, महाराज, कटियार और पवैया अदालत पहुंचेंगे
अन्य आरोपियों में शामिल कटियार ने दिप्रिंट को बताया कि वह अदालत में उपस्थित रहेंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं वहां मौजूद रहूंगा और अगर फैसला हमारे खिलाफ आता है तो जेल जाने को भी तैयार हूं. यह एक राष्ट्रीय आंदोलन था और सुप्रीम कोर्ट में भी यह स्थापित हो चुका है कि यह राम की जन्मभूमि है.’
उन्होंने कहा, ‘उस समय की कांग्रेस सरकार ने मामले में वरिष्ठ नेताओं को फंसाया. अगर अदालत हमें कोई सजा देती है तो हम उसे स्वीकार करेंगे. अगर फैसला हमारे पक्ष में नहीं होता है तो हम ऊपरी अदालतों का दरवाजा खटखटाएंगे.’
साक्षी महाराज ने आरोप लगाया कि उन्हें मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है. उन्होंने कहा, ‘मेरे खिलाफ सबूत गढ़े गए थे. अगर कोर्ट हमें जेल भेजती है तो जाने को तैयार हैं. लेकिन उम्मीद है कि मुझे बरी कर दिया जाएगा.’
ढांचा ढहाए जाने के दौरान बजरंग दल के प्रमुख रहे पवैया ने कहा कि मामला ‘कांग्रेस की साजिश’ का नतीजा था.
उन्होंने कहा, ‘हम निर्णय सुनने के लिए वहां जरूर जाएंगे. यह एक राष्ट्रीय आंदोलन था और छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है. लेकिन ये आरोप एकदम निराधार हैं कि हमने मस्जिद को ढहाया था.’
मामले में एक अन्य आरोपी और अयोध्या के भाजपा सांसद लालू सिंह ने दिप्रिंट से कहा, ‘जो भी फैसला होगा, हम उसका पालन करेंगे. अगर वे हमारे खिलाफ फैसला सुनाते हैं तो इसे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे.’
अदालत में कई आरोपियों का बचाव करने वाले अधिवक्ता विमल झा ने दिप्रिंट को बताया कि केवल उमा भारती ने उन्हें संदेश भेजा है कि अदालती कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाएंगी.
उन्होंने कहा, ‘मैंने सभी आरोपियों से अदालत में मौजूद रहने को कहा है, अगर कोई स्वास्थ्य या अन्य कारणों से उपस्थित नहीं हो पाता है, तो उसे अदालत को सूचित करना होगा. मुझे अभी तक केवल उमा भारती का संदेश मिला है. किसी अन्य नेता ने अनुपस्थित रहने की सूचना नहीं दी है. लेकिन इसके लिए अभी समय है.’
मुकदमे चलने के दौरान अब तक 16 आरोपियों की मौत हो चुकी है. मामले की जांच करने वाली सीबीआई की तरफ से सबूत के तौर पर 351 गवाह और 600 दस्तावेज पेश किए गए हैं. इसकी दलील है कि आरोपियों ने साजिश रची और कारसेवकों को ढांचा ढहाने के लिए उकसाया. इस आरोप को आरोपियों ने बेबुनियाद बताया है.
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