संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद विरोधी प्रमुख ने कहा कि आतंकवादी समूह आईएसआईएस को मात देने के दो साल बाद भी उसके करीब 10,000 से अधिक आतंकी इराक और सीरिया में अब भी सक्रिय हैं और इस साल उनके हमले भी बढ़े हैं.
व्लादिमीर वोरोनकोव ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि इस्लामिक स्टेट के आतंकी ‘दो देशों के बीच छोटी शाखाओं’ में आसानी से आवाजाही करते हैं.
उन्होंने कहा कि आतंकवादी समूह (जो आईएस, आईएसआईएल और आईएसआईएस के नाम से भी पहचाना जाता है) फिर से एकजुट हुआ है और इराक तथा सीरिया जैसे संघर्षरत क्षेत्रों के अलावा कुछ क्षेत्रीय स्थानों पर भी उसकी गतिविधियां बढ़ गई हैं.
वोरोनकोव ने कहा, ‘हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि गैर-संघर्ष क्षेत्रों में खतरा कम हुआ है.’
उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 से निपटने के लिए लगे लॉकडाउन तथा आवाजाही पर लगे प्रतिबंधों जैसे कदमों से कई देशों में आतंकवादी समूहों के हमलों का खतरा कम हुआ है.’
अफ्रीका के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम अफ्रीका प्रांत में इस्लामिक स्टेट ‘आईएसआईएल के वैश्विक दुष्प्रचार का एक प्रमुख केंद्र बना हुआ है और यहां इसके करीब 3500 सदस्य हैं.’
फ्रांस में आईएसआईएल से प्रेरित तीन हमलों और ब्रिटेन में दो हमलों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यूरोप में मुख्य खतरा ‘इंटरनेट से प्रेरित, घरेलू आतंकियों को कट्टर बनाये जाने’ से बढ़ा है.
अफगानिस्तान के बारे में वोरोनकोव ने कहा कि आईएसआईएल के सहयोगी ने काबुल सहित देश के विभिन्न हिस्सों में कई बड़े हमले किए हैं और वे ‘पूरे क्षेत्र में अपने प्रभाव को फैलाने के लिए’ अफगान क्षेत्र का उपयोग करना चाहते हैं. उन लोगों को भी अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं जो अमेरिकी और तालिबान के बीच हाल ही में शांति समझौते का विरोध करते हैं.
वोरोनकोव ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के उस आह्वान को भी दोहराया जिसमें उन्होंने सभी देशों से अंतरराष्ट्रीय कानून लागू करने और जगह-जगह फंसे हुए सभी बच्चों, महिलाओं, पुरुषों को घर वापस लाने की बात की है.
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