नई दिल्ली: कॉविड-19 के प्रसार को थामने के लिए लगाए गये राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के 2 महीने के बाद अनलॉक-1 के तहत 1 जून के बाद से अर्थव्यवस्था के खोले जाने का एक अप्रत्याशित परिणाम सामने आया है.
पिछले दो सप्ताह में सब्जियों की थोक मांग बढ़ने से देशभर की प्रमुख सब्जी मंडियों (बाजारों) में हर रसोई में काम आने वाली सब्जियों- प्याज, टमाटर और आलू के थोक दाम लगभग दोगुने हो गए हैं.
दिल्ली की मशहूर सब्जी मंडी आजादपुर मंडी में व्यापारियों ने जून के पहले सप्ताह से रेस्तरां, ढाबों, कैंटीन और भोजनालयों के फिर से खोले जाने के कारण सब्जियों की मांग में लगभग 20 प्रतिशत तक की वृद्धि का हवाला दिया.
आजादपुर एशिया की सबसे बड़ी सब्जियों और फलों की मंडी है, जो दिल्ली और आसपास के राज्यों हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को इनकी आपूर्ति करता है. इसके अलावा, इसका लगभग 20 प्रतिशत स्टॉक दक्षिणी राज्यों के बाजारों में भी पहुंचाया जाता है.
आजादपुर आज़ा कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) और आजादपुर फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स एसोसिएशन के सदस्य अनिल मल्होत्रा कहते हैं, ‘सब्जियों की थोक मांग में भारी बढ़ोतरी के कारण मंडियों में इनकी थोक कीमतों में भी उछाल आया है.’
यह भी पढ़ेंः 27 कीटनाशकों पर बैन लगाने से 12 हजार करोड़ रुपए का बाजार चीन के हाथों में चला जाएगा: भारतीय निर्माता
सब्जियों के दामों मे वृद्धि के आंकड़े
सभी सब्जियों में से टमाटर के थोक मूल्य में पिछले दो हफ्तों में दोगुने से भी अधिक की वृद्धि हुई है.
दिप्रिंट द्वारा हासिल किए गये आज़ादपुर एपीएमसी की सब्जियो की मंडी में दैनिक आवक और उनके दर के आंकड़ों के अनुसार, आलू, टमाटर और प्याज की दरों में पिछले दो सप्ताह के बीच काफी वृद्धि हुई है.
टमाटर का थोक मूल्य 3 जून को 4.8 रुपये/किलोग्राम से दोगुना से भी अधिक बढ़कर 18 जून तक 18 रुपये/किलोग्राम हो गया है, जबकि इसी अवधि में प्याज की थोक मंडी कीमतें भी 6.5 रुपये/किलोग्राम से बढ़कर 12 रुपये/ किलोग्राम हो गई हैं. इसी तरह आलू की थोक दर भी 13 रुपये/किलोग्राम से बढ़कर 21 रुपये/किलो हो गई है.
इन सब्जियों के थोक मूल्यों में भारी उछाल के कारण इन जिंसों की खुदरा कीमतें भी बढ़ सकती हैं. दरअसल, लौकी और भिंडी जैसी हरी सब्जियों के थोक दामों में भी लगभग 5 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है.
मांग और आपूर्ति के बीच बढ़ता अंतर
मंडी में फल और सब्जियों की आपूर्ति अभी भी काफी कम है क्योंकि किसान अपनी उपज को मंडियों में लाने के प्रति अनिच्छुक देखे जा रहे हैं.
अनिल मल्होत्रा ने बताया, ‘पिछले कुछ दिनों में फलों और सब्जियों की मांग लगातार बढ़ी है लेकिन मांग की तुलना में आपूर्ति काफ़ी कम है, क्योंकि किसान अभी भी अपनी उपज मंडी में लाने के लिए अनिच्छुक हैं.’
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होने कहा, ‘मांग-आपूर्ति श्रृंखला के बीच संतुलन में कम से कम 2 सप्ताह लग जाएगा क्योंकि किसान मांग बढ़ने पर उचित मूल्य मिलने के कारण अधिक उत्पादन मंडी में लाएंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले दिनों सब्जियों की मांग में भारी कमी आई थी, जिसके कारण उनकी कीमतों में भी तगड़ी गिरावट आई थी और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाया था.’
पिछले कुछ समय में, रसोई में काम आनी वाली इन आम सब्जियों की आजादपुर मंडी में आवक में भी कमी आई है. 3 जून से 17 जून तक की अवधि में आलू की आवक 590 टन से घटकर 516 टन रह गई है जबकि इसी अवधि में टमाटर की आवक 528 टन से घटकर 381.6 टन हो गई है.
दिल्ली के आजादपुर मंडी में सब्जियों के थोक व्यापारी राजा सिंह ने दिप्रिंट के साथ बातचीत में बताया, ‘हर सप्ताह मेरे 100-125 ट्रकों में से प्रत्येक में 30 टन आलू या प्याज आता था. बीच में मांग कम होने से यह संख्या घटकर सिर्फ 15-20 रह गयी थी, हालांकि, पिछले दो हफ्तों में मांग बढ़ने के साथ ट्रकों की संख्या बढ़कर 35-40 हो गई है और ये सभी बिक भी जा रहे रहे हैं.’
उन्होंने आगे बताया, ‘सब्जियों की बात छोड़ भी दें तो पिछले कुछ दिनों में मसालों के दाम भी बढ़ गए हैं. धनिया का थोक मूल्य 20 रुपये किलो से बढ़कर 42 रुपये किलो हो गया है, जबकि पुदीना का मंडी भाव 15 रुपये/किलो से बढ़कर 20 रुपये/किलो हो गया है.’
सिंह ने कहा कि अगर मांग में बढ़ोतरी का मौजूदा चलन जारी रहा और आपूर्ति में तेजी नहीं आई तो सब्जियों की खुदरा कीमतें भी निश्चित रूप से बढ़ेंगी.
अन्य मेट्रो शहरों के थोक बाजारों में भी सब्जियों की कीमतें पिछले कुछ हफ्तों में काफ़ी बढ़ी हैं. प्याज, आलू और अन्य सब्जियों के मंडी भावों में बड़ी वृद्धि दर्ज की गई है.
कोलकाता के सियालदह कोइली बाज़ार में सब्जी के थोक विक्रेता प्रदीप सोनकर ने दिप्रिंट को बताया, ‘लॉकडाउन के दौरान, बिग बाज़ार और स्पेन्सर जैसे बड़े खुदरा विक्रेताओं ने मॉल और सुपर मार्केट में बिक्री के लिए इन उत्पादों की खरीद पूरी तरह से बंद कर दी थी. अब हर सप्ताह लगभग 5-10 लाख रुपये कारोबार तक का वापस हो रहा है जो अभी भी काफ़ी कम है लेकिन धीरे-धीरे मांग बढ़ रही है.’
वे कहते हैं, ‘टमाटर और आलू जैसी प्रमुख सब्जियों की कीमतों में विशेष तेजी देखी गई है क्योंकि टमाटर की मंडी दरें एक हफ्ते में 12 रुपये/किलो से बढ़कर 30 रुपये/किलोग्राम हो गई है. साथ ही, पिछले कुछ दिनों में आलू की कीमत भी 10 रुपये/किलोग्राम से बढ़कर 21 रुपये/किलोग्राम हो गई है.’
यह भी पढ़ेंः कपास किसानों को हो सकता है 4700 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान, लॉकडाउन और टिड्डियों को माना जा रहा दोषी
महाराष्ट्र के थोक बाजारों में प्याज की कीमतें अभी भी कम
इस बीच, महाराष्ट्र के थोक बाजारों में रबी की अच्छी फसल के कारण प्याज की कीमतें फिर से कम हो गई हैं. महाराष्ट्र के नासिक, पुणे, सोलापुर और अन्य बाजारों में प्याज का बफर स्टॉक रखने के लिए खरीद अभियान शुरू किया गया है, जिससे मंडी में प्याज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हुई है.
नवी मुंबई के वाशी एपीएमसी के एक थोक सब्जी विक्रेता मोहम्मद शौकीन ने दिप्रिंट को बताया, ‘प्याज की कीमत कम ही बने रहने की संभावना है क्योंकि मंडी में रोजाना लगभग 3,300 टन प्याज की आवक हो रही है. अभी प्याज की कीमत लगभग 11 रुपये प्रति किलो है.’
हालांकि, उन्होंने कहा कि टमाटर और आलू जैसी अन्य सब्जियों की कीमतें पिछले कुछ दिनों में लगभग दोगुनी होकर 20-25 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं.
(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)