नईदिल्ली: भाजपा ने बिहार के बाद मंगलवार को पश्चिम बंगाल में चुनावी अभियान शुरु कर दिया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वर्चुअल रैली के माध्यम से चुनावी बिगुल फूंक दिया है. रैली में शाह ने पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी सरकार पर जमकर हमला बोला.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘ममता दीदी, आप क्यों बंगाल के किसान को परेशान कर रही हैं. वह साइक्लोन अम्फान से मारा है. क्यों उसे साढ़े 6000 राशि लेने से रोक रही हो. आप शनिवार को लिस्ट दीजिए. हम सोमवार को आपको पैसा भेज देंगे. इसमें राजनीति मत कीजिए. मैं बंगाल की जनता को कहना चाहता हूं कि बंगाल सरकार यहां के गरीबों के अधिकार को रोककर बैठी है. हम किसानों को पैसा भेजना चाहते हैं, लेकिन सरकार उनकी सूची नहीं भेजती.’
ममता सरकार पर हमला करते हुए शाह ने कहा ममता जी राजनीतिक तंज करती है ‘हम ठीक नहीं चला रहे तो आप संभाल लीजिए.’ मैं आपकों कहना चाहता हूं कि बंगाल की जनता आपकी इच्छा बहुत जल्दी पूरी करने वाली है. आप पश्चिम बंगाल की जनता से संवाद करने से रोक नहीं सकती हैं. आप रोड और रैली को रोक सकती हैं. लेकिन परिवर्तन को नहीं रोक सकती हैं.
रैली को संबोधित करते हुए शाह बोले, जब सीएए आया तो ममता जी का चेहरा गुस्से से लाल हो गया. इतना गुस्सा मैंने कभी किसी पर नहीं देखा. ममता जी आप सीएए का विरोध कर रही थी. आपकों मतुआ और नामशूद्र समाज से क्या दिक्कत है. आपकों सीएए का विरोध महंगा पड़ेगा. मतपेटी खुलने पर जनता आपकों राजनीतिक शरणार्थी बनाने वाली है.
शाह ने कहा, ‘ममता जी, क्या बंगाल के गरीब लोगों को मुफ्त और अच्छी वाली चिकित्सा सहायता प्राप्त करने का कोई अधिकार नहीं है. आयुष्मान भारत योजना को यहां अनुमति क्यों नहीं है. ममता जी, गरीबों के अधिकारों पर राजनीति करना बंद करें. आप कई अन्य मुद्दों पर राजनीति कर सकती हैं. देशभर ने आयुष्मान भारत योजना को स्वीकार लिया. अंत में केजरीवाल जी ने भी आयुष्मान भारत योजना को स्वीकार कर लिया. लेकिन आप क्यों नहीं स्वीकार रही हो ये बंगाल की जनता आपसे पूछना चाहती है.’
यह भी पढ़ें : भाजपा ने टीएमसी पर साधा निशाना, कहा- कोविड-19, चक्रवात अम्फान से निपटने में विफल रही ममता सरकार
गृहमंत्री ने अपने भाषण में कहा, ‘मैं करोड़ों बंगालवासियों से कहना चाहता हूं कि आपने कम्युनिस्ट और तृणमूल दोनों को आजमाया है. एक मौका भाजपा को दीजिए. हमारी पांच साल की सरकार के बाद बंगाल में भ्रष्टाचार, टोलबाजी, घुसपैठ, परिवारवाद, बेरोजगारी, आतंक और हिंसा समाप्त हो जाएगी. मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि भाजपा सिर्फ आंदोलन करने के लिए बंगाल के मैदान में नहीं आई है. भाजपा सिर्फ राजनीतिक दल के विस्तार लिए नहीं आई है. बीजेपी बंगाल के अंदर हमारी संगठन नींव को मज़बूत तो करना चाहती ही है. लेकिन बीजेपी फिर से बंगाल को संस्कारिक बंगाल बनाना चाहती है. मैं बंगाल की जनता को ये कहना चाहता हूं कि भले ही भाजपा को 303 सीटें देशभर से मिली है. लेकिन मेरे जैसे कार्यकर्ता के लिए सबसे महत्वपूर्ण सीटे हैं. बंगाल की 18 सीटों पर बीजेपी का विजय होना है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘यूपीए ने 10 साल में एक बार 3.5 करोड़ किसानों का 60 हज़ार करोड़ रुपये का ऋण माफ किया, लेकिन आंकड़े कुछ और है. मोदी जी ने 9.5 करोड़ किसानों के बैंक अकाउंट में 72 हज़ार करोड़ रुपये पहुंचाने का काम किया है. हर साल किसान को 6 हज़ार रुपया पहुंचाया जा रहा है. ममता दीदी आप हमारा हिसाब मांगती हो, मैं तो हिसाब लेकर आया हूं. लेकिन आप भी कल प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी सरकार का हिसाब दीजिए और कहीं बम धमाकों या बंद हुई फैक्टरियों का नंबर मत बता दीजिएगा. भाजपा के मार दिए गए कार्यकर्ताओं की संख्या मत बता दीजिएगा. जिस बंगाल में रविन्द्र संगीत की धुन सुनाई देती थी, वो बंगाल आज बम धमाकों से दहल रहा है. गोलियों की आवाज, हत्याओं और लोगों की चीखों से सुन्न रह गया है. कौमी दंगों से इसकी आत्मा को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है.’
शाह ने प्रवासी मजदूरों को लेकर कहा, देशभर के प्रवासी मजदूर जब अपने घर जा रहे थे. जब तक ट्रेनों की व्यवस्था नहीं हुई. तब राज्य सरकारों ने उनके खाने की व्यवस्था की. लेकिन जब ट्रेने शुरु हुई तो सबसे कम संख्या में बंगाल के लिए चली. 236 ट्रेनों से 3 लाख श्रमिकों को पहुंचाया गया, जो मजदूर अपने घर परिवार से मिलने आ रहे थे उस ट्रेन को ममता सरकार ने कोरोना एक्सप्रेस नाम दिया. ये मजदूर कभी भूलेगा नहीं. ये कोरोना एक्सप्रेस ही आपकों बंगाल से बाहर करने का गेटवे बन जाएगी.