नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने एक सर्वे शुरू किया है, जिसमें लोगों से राज्य में कोविड-19 संकट के लेकर, ममता बनर्जी सरकार के तथाकथित कुप्रबंधन पर सवाल पूछे जा रहे हैं.
पिछले सप्ताह शुरू हुए इस सर्वे में, बीजेपी ने चार सवाल खड़े किए हैं- क्या ममता वैश्विक महामारी से जुड़ी जानकारी छिपा रही हैं, क्या ममता की ‘तुष्टीकरण की नीति’ की वजह से कुछ विशेष क्षेत्रों के लोग लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे हैं, लोगों को राशन न मिलने के लिए कौन ज़िम्मेदार हैं, और क्या सरकार की टेस्टिंग की कम क्षमता लोगों को परेशानी में डाल रही है.
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलिप घोष ने बताया कि उन्हें अभी तक 12,000 जवाब मिल चुके हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही सर्वे में, प्रवासी संकट और आर्थिक आपात पर भी सवाल जोड़ दिए जाएंगे.
घोष ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमने लोगों से इन सवालों का जवाब देने, और अपना विरोध दर्ज करने को कहा है, क्योंकि हम बार-बार राज्य में टेस्टिंग की कम संख्या, और कोविड-19 के आंकड़ों में हेरा-फेरी पर सवाल उठा रहे हैं. ये सवाल सिर्फ हम ही नहीं उठा रहे, डॉक्टरों की संस्थाओं ने भी कोविड पर राज्य सरकार के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं. केंद्र की अंतर-मंत्रालयी टीम ने भी (संकट को लेकर), मुख्यमंत्री के कामकाज पर सवाल खड़े किए थे’.
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घोष ने बताया, ‘राज्य ने बताया कि मार्च से अप्रैल तक, उसके यहां 200 केस थे, लेकिन पिछले 10 दिनों में, केंद्र की दख़लअंदाज़ी के बाद, अब ये संख्या 1,344 दिख रही है’.
उन्होंने ये भी कहा, ‘ममता अभी भी गरीबों के स्वाथ्य के साथ खिलवाड़ कर रही हैं. हम चाहते हैं कि लोग ममता पर दबाव बनाएं. ये तो सिर्फ एक छोटी सी झलक है. हर राज्य सरकार लोगों का जीवन बचाने के लिए लड़ रही है लेकिन ममता अपनी छवि बचाने में लगी हैं, और संख्या छिपा रही हैं’.
राज्य सरकार के बुलेटिन के मुताबिक़, बुधवार तक बंगाल में कोविड-19 के 1,047 एक्टिव, और 1,456 पक्के केस हैं, और 144 लोगों की मौत हो चुकी है (इनमें कई बीमारियों वाले केस भी हैं)
पश्चिम बंगाल में मृत्यु दर 13.2 प्रतिशत है, जो देश में सबसे ऊंची है.
राशन वितरण में ‘घोटाला’
राशन वितरण के मुद्दे पर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच एक बड़ा विवाद है.
बीजेपी ने पिछले शुक्रवार को रानाघाट में उस घटना के विरोध में प्रदर्शन भी किए, जिसमें तथाकथित रूप से, केंद्र की ओर से भेजे गए चावल के एक ट्रक को ‘चुराकर’ उसे राज्य सरकार की ओर से राहत बताने का प्रयास किया गया.
प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत, ग़रीबों के बीच हर माह 5 किलोग्राम चावल, और एक किलोग्राम दाल का वितरण किया जाना है, किंतु विपक्ष और यहां तक कि राज्यपाल ने भी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में घोटाले का आरोप लगाया है.
धनखड़ ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत, 3 महीने के लिए मुफ्त राशन उपलब्ध है, हर महीने प्रति व्यक्ति को 5 किलोग्राम चावल, और प्रति परिवार एक किलो दाल वितरण की ख़बरें चिंताजनक हैं. अधिकारियों को राजनीति से अलग रहते हुए, (राशन में) हेरा-फेरी करने वालों को दूर रखना है’.
वहीं राज्य सरकार ने 359 राशन डीलर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं, और अनाज बांटने में भ्रष्टाचार के आरोप में, अभी तक 64 डीलर्स को निलम्बित किया है.
घोष ने दिप्रिंट को बताया, ‘हम पिछले 15 दिनों से गड़बड़ियों के इस मुद्दे को उठा रहे हैं. सरकारी अधिकारियों और तृणमूल कार्यकर्ताओं ने मुफ्त राशन की चोरी की है जो गरीबों के लिए था. हमने राशन की इस लूट की जांच की मांग की है’.
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कोविड के आंकड़ों में विसंगतियां
बीजेपी महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने सरकार के कोविड बुलेटिन में विसंगति पर प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा, ‘सोमवार से सरकार एक से कहीं अधिक विस्तृत बुलेटिन ला रही है, लेकिन जो आंकड़े वो लोगों के समक्ष रख रही है, उनमें बहुत सी विसंगतियां हैं’.
अपने पत्र में उन्होंने कहा, ‘अलीपुरद्वार ज़िले में ज़ीरो केस दिखाए गए हैं लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी 4 मामलों की पुष्टि करते हैं. मुर्शिदाबाद और नॉर्थ दीनापुर जैसे ज़िलों में, तबलीग़ी जमात से जुड़े लोग और प्रवासी मज़दूर भारी तादात में लौटे हैं लेकिन हेल्थ बुलेटिन में वहां ज़ीरो मामले दिखाया जाना वास्तव में आश्चर्य में डालता है’.
दुनिया कोविड से लड़ रही है, ममता बीजेपी से
मंगलवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक महीने में, 5.57 करोड़ घरों का दौरा किया गया है, और उन्हें ‘स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक सलाह’ दी गई है.
उन्होंने बताया ‘7 अप्रैल से 3 मई के दौरान, 5.57 करोड़ घरों के दौरे किए गए हैं. 872 लोगों में सारी (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस) और 91,515 लोगों में इली (इनफ्लुएंज़ा जैसी बीमारी) की शिनाख़्त की गई, और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक सलाह दी गई’.
लेकिन विजयवर्गीय इन दावों को ख़ारिज करते हुए कहते हैं, ‘निकम्मी मुख्यमंत्री का ये एक और झूठ है. इस स्क्रीनिंग के बारे में ममता बनर्जी के अलावा कोई नहीं जानता. वो लोगों की जान जोखिम में डाल रही हैं. कोविड-19 पॉज़िटिव की संख्या को छिपाकर, उन्हें क्या हासिल होगा?’
प्रदेश बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमारे सांसद फिलहाल घरों में कैद हैं. उन्हें अपने घरों से निकलने नहीं दिया गया है, केवल तृणमूल के कार्यकर्ताओं, सांसदों और विधायकों को ही इस महामारी में राहत कार्य करने की अनुमति है. पूरी दुनिया कोविड से लड़ रही है लेकिन ममता बीजेपी कार्यकर्ताओं से लड़ रही हैं. ये बिल्कुल अजीब है.’
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