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Sunday, 22 December, 2024
होमविदेशडब्ल्यूएचओ को खुद पर शर्म आनी चाहिए, यह चीन की पीआर एजेंसी है: डोनाल्ड ट्रम्प

डब्ल्यूएचओ को खुद पर शर्म आनी चाहिए, यह चीन की पीआर एजेंसी है: डोनाल्ड ट्रम्प

ट्रंप से पत्रकारों ने पूछा कि क्या उन्हें ऐसा कुछ मिला है जिससे वह यकीन के साथ कह सकते हैं कि यह वायरस वुहान के विषाणु विज्ञान संस्थान से पैदा हुआ, इस पर उन्होंने व्हाइट हाउस में कहा, ‘हां, मेरे पास है.’

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वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को पूरे यकीन के साथ दावा किया कि दुनियाभर में 2,30,000 से अधिक लोगों की जान लेने वाले और अर्थव्यवस्थाओं को तबाह करने वाले कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान शहर की एक विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला से हुई है.वहीं एकबार फिर ट्रंप विश्व स्वास्थ्य संगठन पर हमला किया उन्होंने कहा, डब्ल्यूएचओ चीन के लिए जनसंपर्क एजेंसी (पीआर एजेंसी) की तरह काम कर रही है.

ट्रंप ने कहा, ‘मुझे लगता है कि डब्ल्यूएचओ को शर्म आनी चाहिए क्योंकि वह चीन के लिए पीआर एजेंसी की तरह काम कर रही है.’

यही नहीं ट्रंप लगातार डब्ल्यूएचओ पर हमला करते हुए कहा कि अमेरिका हर वर्ष संगठन को 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फंडिंग करता है जबकि चीन 38 मिलियन अमेरिकी डॉलर ही देता है. ‘यह बहुत अधिक है या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.’ जब लोग भयानक गलतियां करते हैं, तो उन्हें कोई बहाना नहीं बनाना चाहिए, विशेष रूप से उन गलतियों के लिए जिससे दुनियाभर में सैंकड़ों हजारों लोगों की जान चली गई हो.

ट्रंप से पत्रकारों ने पूछा कि क्या उन्हें ऐसा कुछ मिला है जिससे वह यकीन के साथ कह सकते हैं कि यह वायरस वुहान के विषाणु विज्ञान संस्थान से पैदा हुआ, इस पर उन्होंने व्हाइट हाउस में कहा, ‘हां, मेरे पास है.’

हालांकि, उन्होंने कोई भी जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा कि जांच चल रही है और जल्द ही यह सामने आएगा.

यह पूछने पर कि उन्हें ऐसा क्या मिला है जिससे वह विश्वास के साथ यह कह सकते हैं, इस पर ट्रंप ने कहा, ‘मैं आपको नहीं बता सकता.’


य़ह भी पढ़ें: अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने माना, कोरोनावायरस मानवनिर्मित नहीं और न ही आनुवांशिक रूप से संशोधित है


बहरहाल, उन्होंने इसके लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को जिम्मेदार नहीं ठहराया. उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कहना चाहता लेकिन निश्चित तौर पर इसे रोका जा सकता था. यह चीन से पैदा हुआ और इसे रोका जा सकता था और काश वे इसे रोकते.’

उन्होंने कहा, ‘वे या तो इसे रोकने में सक्षम नहीं थे या वे रोकना नहीं चाहते थे. और दुनिया को इसका भारी खमियाजा उठाना पड़ा.’

ट्रंप ने इस संक्रामक रोग से सबसे ज्यादा प्रभावित यूरोपीय देश इटली का उदाहरण देते हुए कहा, ‘एक और स्थिति यह है कि उन्होंने चीन में आने से सभी विमानों और यातायात को कैसे रोका लेकिन उन्होंने अमेरिका तथा यूरोप से आने वाले विमानों को नहीं रोका.’

उन्होंने कहा, ‘यह देश (अमेरिका) बहुत भाग्यशाली है और मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैंने चीन पर बहुत जल्दी प्रतिबंध लगा दिया. जनवरी में हमने चीन पर प्रतिबंध लगाया. इसके बाद हमने यूरोप में प्रतिबंध लगाया.’

ट्रंप ने कहा कि वे उन्हें जवाबदेह ठहराने से पहले यह पता लगाना चाहते हैं कि क्या हुआ था. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम यह पता लगा लेंगे कि असल में हुआ क्या था. हम इस पर दृढ़ता से काम कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन वे इसे रोक सकते थे. उनका देश वैज्ञानिक एवं अन्य रूप से प्रतिभाशाली है. वे इसे रोक सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.’

यह पूछने पर कि क्या राष्ट्रपति जिनपिंग ने उन्हें गुमराह किया, इस पर ट्रंप ने कहा, ‘कुछ तो हुआ. मैं नहीं कहूंगा कि गुमराह किया या नहीं किया. मैं आपको बताऊंगा. मेरा मतलब है कि उम्मीद है कि निकट भविष्य में आपको इसका जवाब दूंगा.’

राष्ट्रपति ने कहा कि इस बीमारी के कारण पूरी दुनिया को भुगतना पड़ा है.

बता दें कि अमेरिका में लगातार तीसरे दिन 24 घंटे की अवधि के भीतर कोरोनावायरस के कारण 2,000 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं. अमेरिका के जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय ने यह जानकारी दी.

दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले अमेरिका में इस संक्रामक रोग से मरने वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक है. बृहस्पतिवार को देश में इस संक्रमण के कारण 2,053 लोगों की मौत हुई और उससे पहले बुधवार को 2,502 और मंगलवार को 2,207 लोगों ने इस संक्रमण के कारण जान गंवाई.

बाल्टीमोर स्थित विश्वविद्यालय के अनुसार, अमेरिका में कोविड-19 से अब तक कम से कम 62,906 लोगों की मौत हो चुकी है.

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