scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशकोविड-19: 'डिसइंफेक्टेंट टनल से फायदे की जगह नुकसान, इंसानों पर छिड़काव हानिकारक'

कोविड-19: ‘डिसइंफेक्टेंट टनल से फायदे की जगह नुकसान, इंसानों पर छिड़काव हानिकारक’

'ऐसे टनल का इंसानों के ऊपर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. एल्कोहल, क्लोरीन और लाइज़ॉल का इंसानों पर छिड़काव करना हानिकारक है.'

Text Size:

नई दिल्ली: कोविड-19 से लोगों को बचाने के लिए तरह-तरह के उपाए किए जा रहे हैं.  इन्हीं उपायों में ‘डिसइंफेक्टेंट टनल’ या ‘सैनिटाइज़ेशन टनल’ शामिल है. इसके अंदर प्रवेश करने पर शरीर के ऊपर केमिकल का छिड़काव होता है.

चेन्नई के पब्लिक हेल्थ एंड प्रिवेंटिव मेडिसिन के निदेशक के ऑफ़िस का कहना है कि ऐसे टनल हानिकारक हैं और इन्हें इंसानों के ऊपर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. इसे लेकर कहा गया है, ‘डिसइंफेक्टेंट टनल से सुरक्षा का एक ग़लत भाव पैदा होगा जिसकी वजह से लोग हाथ धोना बंद करके इस टनल में जाने को प्राथमिकता देंगे.’

आगे लिखा गया है कि इसके अलावा एल्कोहल, क्लोरीन और लाइज़ॉल का इंसानों पर छिड़काव करना ना सिर्फ़ हानिकारक है बल्कि इसका कोई फ़ायदा भी नहीं है. इससे जुड़ी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एडवाइज़री को राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को भेजा गया है और उन्हें ज़रूरी एक्शन लेने को कहा गया है.

साथ ही ये भी कहा गया है कि तथ्यों के हिसाब से परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए ‘डिसइंफेक्टेंट टनल’ न लगाए जाएं. दिल्ली सरकार ने ऐसे दो टनल आज़ादपुर मंडी के पास लगाए हैं. एशिया के सबसे बड़ी मंडी के प्रवेश करने के रास्ते में इन्हें लगाया गया है.

इसे लेकर एक बयान में आम आदमी पार्टी (आप) के बाबरपुर से विधायक गोपाल राय ने कहा कि यहां आने वाले हर व्यक्ति को इसमें से होकर गुज़रना पड़ेगा. उन्होंने कहा, ‘अगर ये प्रयोग सफ़ल रहा तो दिल्ली सरकार इसे राजधानी की अन्य मंडियों में भी लगाएगी.’

एम्स के रेज़िडेट डॉक्टर एसोसिएशन के सचिव डॉक्टर श्रीनिवास राजकुमार ने दिप्रिंट से कहा, ‘ऐसे टनल 100 प्रतिशत असरदार नहीं होते. इनमें जो केमिकल इस्तेमाल किया जाता है उनका प्रयोग इंसानों पर नहीं किया जाना चाहिए. ये लोगों को पूरी तरह से सैनिटाइज़ करे या मत करे, हाथ धोने जैसी सफ़ाई की ज़रूरी विधि को लेकर उन्हें लापरवाह ज़रूर बना सकता है.’


य़ह भी पढ़ें: अंडमान और निकोबार ने कोविड-19 की जांच के लिए शुरू की ‘पूल टेस्टिंग’, देश में ऐसा करने वाला पहला


उन्होंने कहा कि ऐसे टनलों का प्रयोग इंसानों के ऊपर बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि, मीडिया को दी गई जानकारी में गोपाल राय ने कहा कि आईआईटी दिल्ली द्वारा बनाए गए ऐसे एक टनल की कीमत 1.5 लाख़ रुपए पड़ती है और अगर ये सफ़ल रहता है तो इसे अन्य जगहों पर भी लगाया जाएगा.

आपको बता दें कि सिर्फ दिल्ली सरकार ने ही नहीं बल्कि देश के कई अन्य राज्यों की सरकारों ने भी सैनिटाइज़ेशन के लिए ऐसे टनल लगवाए हैं.

share & View comments