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Friday, 22 November, 2024
होमदेशभोपाल का स्वास्थ्य विभाग बना कोरोनावायरस का 'हॉटस्पॉट', शहर के आधे मामलों के तार इससे जुड़े

भोपाल का स्वास्थ्य विभाग बना कोरोनावायरस का ‘हॉटस्पॉट’, शहर के आधे मामलों के तार इससे जुड़े

स्वास्थ्य विभाग के अफसर ने दिप्रिंट से कहा, 'शुरुआत में प्लानिंग का फेलियर रहा और अति आत्मविश्वास में नौकरशाहों ने ये आफत बुलाई. न ठीक से मॉनिटरिंग की गई और न ही टेस्टिंग किट की उपलब्धता थी.

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नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के भोपाल में कोरोनावायरस के 99 मामलों में आधे से ज्यादा स्वास्थ्य विभाग और उसके परिवारों के निकल कर सामने आए हैं. वो स्वास्थ्य विभाग जिसका काम कोविड-19 से निपटना था अब वो ही मध्य प्रदेश की राजधानी में कोरोनावायरस हॉटस्पॉट बन गया है.

स्वास्थ्य विभाग में एक उच्च ​अधिकारी ने नाम न छापने के अनुरोध पर दिप्रिंट हिंदी से कहा, ‘ये नौकरशाही के प्लानिंग की फेलियर है और उनके अति आत्मविश्वास का नतीजा.’

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का कहना है, ‘वायरस टेस्ट में पॉजिटिव निकलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के करीब 35 अफसर और कर्मचारियों को क्वारंटाइन में रखा गया है. अब हमारे परिवार वालों के टेस्ट भी पॉजिटिव आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग से जुुड़े कोरोनावायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या 50 से ज्यादा हो गई है. भोपाल में आधे से ज्यादा मामले स्वास्थ्य विभाग से ही जुड़े हैं.’

राज्य में कुल 437 लोग कोरोनावायरस संक्रमित हैं. इनमें इंदौर में सबसे ज्यादा 235 हैं. अब तक इंदौर में 23, उज्जैन में 5, खरगोन 2, भोपाल, छिंदवाड़ा, रतलाम, देवास में एक-एक की मौत भी हो गई है. इंदाैर में गुरुवार सुबह 62 वर्षीय डॉक्टर शत्रुघ्न पंजवानी की माैत हाे गई. वे जनरल फिजिशियन थे और प्राइवेट प्रैक्टिस करते थे. काेराेना के चलते किसी डाॅक्टर की देश में यह पहली माैत है.

ऐसे बना स्वास्थ्य विभाग हॉटस्पॉट, ये है पूरी क्रोनोलॉजी 

भोपाल में इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम के प्रमोद गोयल 21 मार्च की रात को बस से इंदौर से भोपाल पहुंचे. वे 22 और 23 मार्च को दफ्तर आए तो उन्हें बुखार और खांसी थी. उनकी जांच करने के बजाए उन्हें घर जाने की सलाह दी गई.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का आरोप है, ‘विभाग के प्रमुखों ने खुद लक्षण पहचानते हुए भी लापरवाही बरती नहीं तो 25 मार्च से पहले ही इस बीमारी का पता चल जाता.’

22 मार्च रविवार को स्वास्थ्य विभाग में सोशल डिस्टैंसिंग को धता बता कर 80 से 100 राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अधिकारियों कर्मचारियों की बैठक हुई. उसी दिन स्वाति मीणा ने एनएचएम के निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला. ऑफिस में उनका गर्मजोशी से स्वागत हुआ. कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ. इस बैठक में पल्लवी जैन जो स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव भी हैं, उन्होंने लॉकडाउन के दौरान अधिकारियों को जिलों में कोरोनावायरस से निपटने की तैयारी का जायज़ा लेने के लिए जाने का आदेश भी जारी किया था.


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स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘शुरुआत में प्लानिंग का फेलियर रहा और अति आत्मविश्वास में नौकरशाहों ने ये आफत बुलाई. न ठीक से मॉनिटरिंग की गई, न टेस्टिंग किट की उपलब्धता थी. स्वास्थ्य विभाग को तो ये भी नहीं पता था कि टेस्टिंग किट कैसे होने चाहिए’

राज्य में कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने की सबसे अहम जिम्मेदारी प्रदेश में आयुष्मान योजना के सीईओ और आईएएस जे विजय कुमार की थी. सबसे पहले वे कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए गए. उनके पॉजिटिव होने के बाद उनके साथ रहे करीब 12 आईएएस अफसरों ने खुद को क्वारंटाइन कर लिया.

इसके बाद राज्य की स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव रहीं पल्लवी जैन गोविल भी कोरोनावारस संक्रमित पाई गईं. इसके बाद वे लगातार घर से काम रही थीं. पल्लवी ने रविवार 5 अप्रैल की रात को हेल्थ बुलेटिन भी जारी किया था. उनकी 4 अप्रैल को कोरोनावायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.

राज्य के स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन का इलाज करने खुद स्वास्थ्य विभाग का अमला उनके घर पहुंचा. वे न तो अस्पताल में भर्ती हुईं न ही चेकअप के लिए गईं. तस्वीर में साफ नजर आ रहा है कि चेकअप के दौरान भी उन्होंने मास्क नहीं लगा रखा है. विभाग के कर्मचारी उनकी तीमारदारी में लगे हुए हैं. पल्लवी जैन पर आरोप है कि उनके बेटे के विदेश से आने की बात उन्होंने छिपाकर रखी. वहीं कोरोनावायरस संक्रमित होने के बाद भी वह बैठक में आत-जाती रहीं.

पल्लवी की जांच के बाद उनके घर के अन्य सदस्यों की रिपोर्ट की भी जांच कराई गई जिसमें किसी को भी कोरोनावायरस के लक्षण नहीं पाए गए हैं. उनके घर के बाहर कोविड-19 क्वारंटाइन का पर्चा चस्पा कर दिया गया है.


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अमेरिका से भारत लौटे पल्लवी जैन गोविल के बेटे की स्क्रीनिंग भी 16 मार्च को दिल्ली एयरपोर्ट पर की गई थी. भोपाल पहुंचने के बाद उन्होंने खुद को 30 मार्च को घर में क्वारंटाइन कर लिया था. इस दौरान उन्हें किसी भी प्रकार के लक्षण उत्पन्न नहीं हुए और वे स्वस्थ हैं.

वहीं स्वास्थ्य विभाग की एडिशनल डायरेक्टर हेल्थ डॉ.वीणा सिन्हा भी कोरोनावायरस से संक्रमित हैं. वे भी होम क्वारंटाइन हैं. इनसे भी संपर्क में आने वाले लोगों को क्वारंटाइन कर उनका सैंपल लिया गया है.

शिवराज ने पल्लवी के हौंसले की तारीफ की

कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ समीक्षा बैठक में शामिल हुईं. सीएम ने पल्लवी के हौंसले की तारीफ की. उन्होंने सीएम से कहा कि मैं ठीक हूं और घर से काम कर रही हूं. सेल्फ कोरंटाइन जरूर हूं लेकिन काम करने में सक्षम हूं और 10 से 12 घंटे प्रतिदिन काम कर रही हूं. इस पर सीएम शिवराज सिंह ने उनके काम के प्रति समर्पण को देखकर उन्हें प्रोत्साहित किया और कहा कि आप हमारी योद्धा हैं.

सरकार ने कोरोनावायरस की चपेट में आईं प्रमुख सचिव और संचालक को हटाया

विभाग के अफसरों में कोरोनावायरस का संक्रमण पाए जाने के बाद प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग खुद सवालों के घेरे में है. स्वास्थ्य विभाग की हालत को सुधारने के लिए सीएम चौहान ने अपने मन के अफसरों पर दांव चला है. कोरोनावायरस की चपेट में आए विभाग के लोगों को बाहर करने के लिए सीएम शिवराज ने अपने पसंदीदा अफसरों को कमान सौंपी है.


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इसमें स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल की जगह मोहम्मद सुलेमान को एसीएस स्वास्थ्य बनाया गया है. वहीं स्वास्थ्य संचालक (प्रशासन) विजय कुमार की जगह सुदाम पंडरीनाथ खाड़े को संचालक स्वास्थ्य की जिम्मेदारी दी गई है. शिवराज की कोशिश है इन दोनों अफसरों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश की हालत सुधारी जाए और स्वास्थ्य विभाग को मुस्तैद किया जाये.

कोरोनावायरस का खतरा राजभवन तक पहुंचा

मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव के पद पर रहीं पल्लवी जैन गोहिल के कोरोनावायरस पॉजिटिव होने की खबर से राजभवन में हड़कंप मच गया. इसके बाद ताबड़तोड़ राज्य के राज्यपाल लालजी टंडन और छह वरिष्ठ अधिकारियों का कोरोनावायरस टेस्ट कराया गया. सभी की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद राजभवन ने राहत की सांस ली है.

नाम न छापने के अनुरोध पर राजभवन के अफसरों ने दिप्रिंट हिंदी से कहा, ‘प्रमुख सचिव पल्लवी जैन के अलावा अन्य अधिकारी राजभवन आये थे. दोनों की कोरोनावायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हमने सावधानी बरतते हुए राज्यपाल सहित अन्य अफसरों की कोरोनावायरस की जांच कराई थी. सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है.’


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राजभवन से मामला जुड़ा होने की गंभीरता के चलते राज्यपाल लालजी टंडन के साथ उनके सचिव मनोहर दूबे, ओएसडी संजय चौधरी, नियंत्रक सुरभि तिवारी, सत्कार अधिकारी शिल्पी दिवाकर के अलावा प्रेस अधिकारी अजय वर्मा और सुरक्षा अधिकारी नीरज ठाकुर का कोरोनावायरस का टेस्ट कराया गया. बुधवार को सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है. कलेक्टर भोपाल ने राजभवन को जांच रिपोर्ट से अवगत करा दिया है.

मध्य प्रदेश में कोरोनावायरस के सं​क्रमितों की संख्या में ​रोज इजाफा हो रहा है. इनमें एक बड़ा आंकड़ा ​स्वास्थ्य विभाग का है. सरकार ने भले ही पुराने अफसरों को बदलकर अपने पसंद के अधिकारियों को जिम्मा सौंप दिया हो लेकिन आए दिन कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या में बढ़ोत्तरी ने राज्य के सीएम शिवराज की चिंता को बढ़ा दिया है.

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